Interfaith Marriage : अंतरधार्मिक शादी करने वाले जोड़े को हाई कोर्ट ने सुरक्षा के निर्देश दिए! 

जानिए, मुस्लिम युवक और हिंदू युवती की शादी को लेकर हाई कोर्ट ने क्या कहा!  देखिए VDO : युवती ने क्या अपील की!

789

Interfaith Marriage : अंतरधार्मिक शादी करने वाले जोड़े को हाई कोर्ट ने सुरक्षा के निर्देश दिए! 

Jabalpur : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को अंतरधार्मिक शादी करने के इच्छुक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने पुलिस को शादी के इच्छुक हिंदू लड़की और मुस्लिम युवक को 11 नवंबर तक अलग-अलग सुरक्षित जगह पर ले जाने का निर्देश भी दिया है। सोमवार को यह विवाद उस समय गर्मा गया था, जब तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा ने एक वीडियो मैसेज जारी करते हुए इस शादी को ‘लव जिहाद’ का हिस्सा बताया और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इस शादी को रुकवाने की अपील की थी।

युवक-युवती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विशाल धगट ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं को अदालत कक्ष में बुलाकर दोनों के बयान चैंबर में दर्ज किए गए। क्योंकि, याचिकाकर्ताओं के रिश्तेदार कोर्ट में आकर परेशानी खड़ी कर सकते थे। हाई कोर्ट के अनुसार दोनों याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वे पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं और शादी करना चाहते हैं। उनका कहना है कि उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जानी चाहिए, अन्यथा याचिकाकर्ता संख्या 1 (महिला) को उसके परिवार के सदस्य अपहरण करके ले जा सकते हैं। ये दोनों अपना काम करने में भी सक्षम नहीं हैं, और उनके जीवन व शरीर के अंगों को खतरा है।

हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 1 और 2 पर हमला होने की बहुत ज्यादा आशंका है। इसलिए जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ता नंबर 1 को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया जाता है। जज ने कहा कि पुलिस की एक टीम महिला को उस स्थान पर ले जाएगी, जहां वह रह रही है और उसे अपना सारा सामान इकट्ठा करने की अनुमति देगी। उन्होंने कहा की उक्त सामान एकत्र करने के बाद, उसे नारी निकेतन जैसे संस्थान में ले जाया जाएगा जहां उसे रहने की जगह, खाना और सोने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किया जाएगा।

हाई कोर्ट ने कहा कि युवती 11 नवंबर तक वहां रहेगी और परिवार के सदस्यों या जिस मुस्लिम व्यक्ति के साथ वह रिश्ते में है, उससे संपर्क नहीं कर सकेगी। अदालत ने आगे कहा कि इस अवधि के दौरान युवती याचिकाकर्ता नंबर 2 से शादी करने के अपने फैसले के बारे में सोचने के लिए स्वतंत्र है। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि 12 नवंबर को विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी कराने के लिए विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष युवती का बयान दर्ज किया जाएगा।

मुस्लिम प्रेमी की भी सुरक्षा के निर्देश 

हाई कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम प्रेमी को भी सुरक्षा दी जाए और सुरक्षा के लिए पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले जाएगी। अदालत ने कहा कि जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तो उसे उसके घर ले जाया जाएगा और परिवार के सदस्यों के साथ छोड़ दिया जाएगा। आदेश में कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति याचिकाकर्ता संख्या 1 और 2 से जबरन संपर्क करना चाहता है और गलत तरीके से रोकने या आपराधिक बल का प्रयोग करने का अपराध करता है, तो पुलिस अधीक्षक को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है।

सोमवार को हिंदू सेवा परिषद के प्रमुख अतुल जेसवानी ने कहा था कि भाजपा विधायक टी राजा ने उन्हें एक वीडियो संदेश भेजा था। इसके बाद उन्होंने जबलपुर कलेक्टर पुष्पेंद्र अहके से मुलाकात की और उनसे विशेष विवाह अधिनियम के तहत जोड़े के आवेदन को रद्द करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने जिला कलेक्टर को ‘लव जिहाद’ के खिलाफ ज्ञापन दिया था।

इस प्रेमी जोड़े की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए गए

इंदौर जिले के मानपुर की रहने वाली हिंदू युवती अंकिता राठौर (27 वर्ष) अपने साथ काम करने वाले हसनेन अंसारी (29 वर्ष) से शादी करने के लिए इंदौर से लापता हुई थी। दोनों ने हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट में सुरक्षा की मांग की थी। इंदौर के मानपुर की रहने वाली युवती जबलपुर के सिहोरा के रहने वाले हसनैन अंसारी के साथ शादी करना चाहती है। इसके लिए दोनों ने जबलपुर में अपर कलेक्टर को आवेदन दिया है। इस आधार पर शादी की तारीख 12 नवंबर तय हो चुकी है।