झारखंड में हिंदुत्व और धर्म ध्वजा फहराते ‘मोहन’…

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झारखंड में हिंदुत्व और धर्म ध्वजा फहराते ‘मोहन’…

 

झारखंड चुनाव प्रचार करने पहुंचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हिंदुत्व और धर्म ध्वजा फहराकर कमल खिलाने का आह्वान किया है। हरियाणा में अहीरवाल में कमाल करने वाले ‘मोहन’ ने झारखंड में बिरसा का दामन थामकर कृष्ण और कौरव-पांडव सबको चुनाव प्रचार में शामिल कर लिया। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद आज अयोध्या में प्रभु श्रीराम मुस्कुरा रहे हैं। यह चुनाव सभी बेईमानों से निपटने का चुनाव है। भारतीय जनता पार्टी ही बांग्लादेशी घुसपैठियों से आपकी सुरक्षा कर सकती है। तो मोहन का यह भरोसा भी कि झारखंड की जनता मोदी की आवाज से अपना स्वर मिला रही है।

देखिए मोहन की जुबां पर किस तरह धर्म का बोलबाला रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने झारखण्ड के महगामा एवं पोरेयाहत विधानसभा में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाभारत के युद्ध में पाण्डवों और कौरवों की सेना के बीच युद्ध चल रहा था, तब भगवान श्रीकृष्ण पाण्डवों के साथ सारथी बनकर आए थे। जो श्रीकृष्ण से सहमत थे वे उनके साथ थे और जो असहमत थे वे विपक्ष में थे। यही नहीं, जब कंस को मारने के लिए भगवान श्रीकृष्ण आगे आए तब भी कई लोग धर्म के साथ खड़े थे। और फिर मुंडा के हो गए मोहन। मोहन ने मन की बात कह दी कि अंग्रेजों के सामने चट्टान की तरह लड़ने वाले भगवान बिरसा मुंडा की धरती से झारखण्ड की जनता की आवाज आ रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आवाज से मिल रही है। और फिर मोहन का विश्वास कि चुनाव तो सिर्फ कमल का फूल ही जीतेगा बाकी सब धूल है।

यादव ने कहा कि बदलते समय में जो समय के साथ नहीं चलते हैं, वे मिट जाते हैं। झारखण्ड की लड़ाई 1937 से शुरू हुई। लेकिन बीच में कई लोगों का मन झारखण्ड के विकास के लिए नहीं था, उनका मन सिर्फ लूट-खसोट के लिए था। ऐसे लोग लंबे समय तक कांग्रेस के भीतर और कांग्रेस के साथ में रहे। लगातार झूठ बोलकर कहते थे कि झारखण्ड राज्य बिहार से अलग हो ही नहीं सकता। और फिर मोहन अटलमय हो गए। मोहन बोले कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि झारखण्ड सभी संसाधनों के बलबूते पर अन्य राज्यों की तुलना में नंबर वन बनेगा। यहां के बेईमान नेता चोर, डाकू, लूटेरे रोटी की जगह पर नोट खाते हैं। मंत्री, पीए और नौकरों के घर से 350 करोड़ रूपए निकलना आश्चर्य की बात है। यह चुनाव सभी बेईमानों से निपटने का चुनाव है। यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माध्यम से झारखण्ड को विकास के नए आयाम स्थापित करने का चुनाव है। झारखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां के चिकित्सक, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस की प्रतिभाओं को आगे आने का मौका नहीं मिलता है। क्योंकि यहां बेईमानों ने कब्जा करके रखा है। विपक्षी नेताओं के लिए परिवार प्रथम और भाजपा के लिए देश प्रथम है। कांग्रेस के शासनकाल में 1 हजार करोड़ मनरेगा घोटाला, 600 करोड़ जमीन घोटाला, 1 हजार करोड़ खनिज घोटाला, शराब घोटाला, सेना की जमीन का घोटाला, नौकरियों में घोटाले हुए हैं। ऐसे घोटालेबाजों को घर बैठाना है और संकल्प लेना है कि झारखण्ड में कमल खिलेगा और यह प्रदेश देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा।

फिर बात धर्म और हिंदुत्व की, कि भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण के कारण ही भारत की पहचान है। हमारे पूर्वजों ने 500 सालों तक अयोध्या में भगवान श्री राम को विराजमान करने के लिए संघर्ष किया। कांग्रेस के लोग भगवान श्री राम अयोध्या में विराजमान न हो पाएं, इसके लिए हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में श्री राम भगवान का मंदिर बनवाया। आज भगवान मुस्कुरा रहे हैं। भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के माध्यम से संस्कारों की त्रिवेणी बही है। संस्कारों के माध्यम से ही दुनिया में पहचान बनी है। यहां पर आदिवासी बहनों को बहला फुसलाकर धर्मांतरण कराकर उनकी जमीनों पर कब्जा किया जाता है। यह लैंड जिहाद और लव जिहाद फैलाते हैं। उनके किए गए हर पाप का हिसाब होगा।

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन जिले में 2 लाख 85 हजार की आबादी में 500 लोग भी यादव समाज के नहीं हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के मूलमंत्र पर आगे बढ़ती रहती है। भाजपा में ही एक छोटे कार्यकर्ता को निचले स्तर से लेकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा दिया जाता है। यही हमारे कार्यकर्ताओं की ताकत है। हम सभी को मिलकर प्रदेश को आगे बढ़ाना है। झारखण्ड में 38 लाख 44 हजार उज्जवला योजना के हितग्राही और 15 लाख पीएम आवास योजना के हितग्राही है। भारतीय जनता पार्टी ही बांग्लादेशी घुसपैठियों से आपकी बहन, बेटी, घर और जमीन की सुरक्षा करने में सक्षम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाली 20 नवंबर को चुनाव है। हम सभी मुठ्ठी बांधकर संकल्प लें कि भाजपा को वोट देंगे और विजय का उत्सव मनायेंगे और झारखण्ड में विकास की नई इबारत लिखेंगे।

तो मोहन पूरे समय मोदी और मुंडा के साथ-साथ झारखंड चुनाव प्रचार में कमल खिलाने का जतन करते रहे। उनके भाषण में धर्म-अधर्म, कौरव-पांडव का बोलबाला रहा। और दर्शन भी ऐसा कि ‘बदलते समय में जो समय के साथ नहीं चलते हैं, वे मिट जाते हैं।’ बाकी मतदाता समझदार है ही सो इशारा ही काफी है…।