Death of Elephants : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप, कीटनाशक का छिड़काव संभावित कारण!

मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक ने जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया! नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने X पर पोस्ट करके सरकार को घेरा!

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Death of Elephants : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत से हड़कंप, कीटनाशक का छिड़काव संभावित कारण!

Umaria : बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन दिन में 10 हाथियों ने दम तोड़ दिया। इस घटना से भोपाल से लगाकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। अब तक ये पता नहीं चल सका है कि आखिर दस हाथियों की मौत के पीछे कौन है! एमपी समेत दिल्ली की टीम ने एसआईटी गठित की है। ये समिति 5 किलोमीटर के दायरे की जांच कर मौत के कारणों पर स्पष्ट रिपोर्ट बनाएगी।

यह घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के सलखनिया बीट की है। मंगलवार को माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने फसल में कीटनाशक छिड़का था। उसी फसल को हाथियों के झुंड ने खाया। माना जा रहा है कि तभी से हाथियों की हालत बिगड़ने लगी थी। मामला उजागर ही उस समय हुआ, जब 4 हाथियों की मौत हो गई। जबकि 6 हाथी गंभीर हालत में बेहोश पड़े मिले थे। इनमें से 3 हातियों ने उसी रात को दम तोड़ दिया था। जबकि, 3 हाथियों का इलाज चल रहा था, जिसमें एक हाथी ने बुधवार को, जबकि एक एक करके दो हाथियों ने गुरुवार दम तोड़ दिया था। इस तरह अबतक कुल 10 हाथियों की मौत हो चुकी है।

बुधवार तक मरने वाले 7 हाथियों को पोस्टमार्टम के बाद दफनाया दिया गया है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश के मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक ने पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली ने भी एसआईटी गठित की है। वहीं नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी की टीम भी बांधवगढ़ पहुंच गई है। इधर, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने डॉ स्क्वॉड की मदद से सात खेतों में पहुंचकर और सात घरों में जाकर तलाशी ली गई। पूछताछ के लिए पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन फिलहाल विभाग मौक के कारणों का पता नहीं लगा पाया है।

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इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश वन्यजीव आईएफएस एपीसीसीएफ एल कृष्णमूर्ति का कहना है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के 13 हाथियों के झुंड में से अब तक कुल 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। 3 स्वस्थ हैं और सामान्य दिख रहे हैं, जिन पर जंगल में लगातार निगरानी रखी जा रही है। वन्यजीव स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम, एसडब्लूएफएच जबलपुर ने सभी हाथियों का पोस्टमार्टम करा लिया है। नमूने इकट्ठे कर लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए एसडब्लूएफएच फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।

पशु चिकित्सकों ने भी संकेत दिया है कि मौत का कारण कोदो बाजरा से जुड़े माइकोटॉक्सिन की संभावना है।

उन्होंने कहा कि, विभाग के वन्यजीव पशु चिकित्सक नियमित संपर्क में हैं और आईवीआरआई बरेली, डब्ल्यूआईआई देहरादून, राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, सागर, सीसीएमबी हैदराबाद के विशेषज्ञों से भी परामर्श कर रहे हैं, ताकि माइकोटॉक्सिन के बारे में गहन जानकारी हासिल की जा सके। मध्य प्रदेश के निर्णय के अनुसार, सरकार की एसआईटी और एसटीएसएफ की टीमें सभी संभावित कोणों से मामले की जांच कर रही हैं। पीसीसीएफ वन्यजीव और सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू भी पोस्टमार्टम और जांच की जांच कर रहे हैं।