Singham Again Movie Review! रामायण पर रोहित शेट्टी का क्राइम थ्रिलर !
रामायण पर क्राइम थ्रिलर बना दिया रोहित शेट्टी ने। रोहित शेट्टी ने बड़ी चतुराई से यह फिल्म इस तरह से बनाई है कि लोगों की भावनाओं पर ठेस भी नहीं पहुंचे और क्राइम थ्रिलर का मज़ा भी आ जाए। उन्होंने राम जी के नाम पर कमर्शियल फिल्म भी बना दी, राम नाम की लूट भी कर ली, दर्शकों को भी मज़ा आ गया। लोगों भावनाएं भी आहत नहीं की। पैसे वसूल ! वैसे फिल्म की पूरी कहानी इसके ट्रेलर में दिखाई चुकी है।
लक्ष्मण जैसे पुलिसवाले संग्राम सिंह उर्फ़ सिम्बा उर्फ़ रणवीर सिंह को कॉमेडी करते देख लोग मजे ले रहे थे, अगर सचमुच में ऐसे डायलॉग लक्ष्मण जी कहते तो दर्शक आग लगा देते। रामायण की कहानी के सामानांतर चल रही फिल्म में कॉमेडी का तड़का भी है और एक्शन भी। ढिशुम ढिशुम का उसका पुराना अंदाज भी है और गाड़ियों की रेस और टक्कर भी। दर्शक कहीं ऊबने न लग जाएं, इसलिए बीच-बीच में धारावाहिक रामायण के दृश्य भी दिखाए जाते हैं।
बाजीराव कामत उर्फ़ सिंघम कभी गोवा पुलिस में थाना प्रभारी था। अब वो क्या है? डीजीपी, एडीजीपी, आईजी, डीआईजी, एसएसपी, एसपी, एएसपी…पता नहीं! पर वह भोत बड़े पद पर है। सीधा भारत के होम मिनिस्टर (रवि किशन या रवीन्द्र कृष्ण शुक्ला ) को रिपोर्ट करता है। आमने-सामने बैठकर। वो फील्ड में भी जाता है। उसके नाम से बड़े-बड़े अपराधी कांपते हैं। वो पूरे देश में आदर्श बन चुका है। महिला आईपीएस शक्ति शेट्टी यानी दीपिका पादुकोण खुद को लेडी सिंघम कहती है। दक्षिण भारत में कहीं का एसपी सत्या बाली (टाइगर श्रॉफ) खुद को सिंघम का हनुमान कहता है। क्राइम सीरियल वाला इंस्पेक्टर दया यानी दयाशंकर शेट्टी भी सिंघम की टीम में उसका चेला है और इंस्पेक्टर दया बनकर दरवाजे तोड़ने का प्रिय कार्य करता है। पार्ट टाइम में बेचारे को फ़िल्मी सीता मैया को बचाने के लिए जटायु जैसा संघर्ष पड़ता है।
सिंघम की बीवी करीना कपूर खान उर्फ़ अवनि टीवी प्रोड्यूसर है और एक धारावाहिक रामायण को लेकर बना रही है जिसके प्रीमियर में होम मिनिस्टर तो आते हैं, लेकिन मिस्टर सिंघम नहीं। होम मिनिस्टर अवनि से पूछते हैं कि सिंघम कहाँ हैं? अवनि कहती है आपने कहीं भेजा होगा। मतलब कुछ भी कहानी है। पुलिस महकमा यानी सिंघम और उसके कुछ विश्वस्त लोग! होम मिनिस्टर और सिंघम को पता ही नहीं कि छह हजार करोड़ रुपये का ड्रग तस्करी जरिये आया है। तस्करों का सरगना है ज़ुबैर (अर्जुन कपूर) जिसके पिता को मुठभेड़ में सिंघम ने मार डाला था। ज़ुबैर का दादा है कुख्यात तस्कर ओमर हफ़ीज़ (जैकी श्रॉफ) जिसे पोता जेल से भगाना चाहता है। ज़ुबैर ने श्रीलंका को ठिकाना बना लिया है और वह इतना खतरनाक है कि उसका नाम ‘डेंजर लंका’ पड़ गया है।
धारावाहिक रामायण की गाथा आसान शब्दों में युवा दर्शकों के लिए दिखाई जा रही है। जैसे-जैसे उस धारावाहिक का प्रदर्शन होता है, वैसे-वैसे सिंघम के जीवन में भी लगभग वैसी ही घटनाएं घटित हो रही हैं। धारावाहिक में सीता का अपहरण होता है, उधर डेंजर लंका सिंघम की बीवी को किडनैप कर लेता है। रावण सीता मैया को लंका ले गया था, खलनायक डेंजर लंका सिंघम की लुगाई को श्रीलंका ले जाता है। अब सिंघम तो सिंघम है, सीधा होम मिनिस्टर से बात करके डायरेक्ट एक्शन का प्लान बनाता है। मिनिस्टर कहता है कि डिप्लोमैटिक चैनल से आगे बढ़ते हैं, वहां की सरकार से बात करते हैं तो हीरो कहता है – पहले भी दो बार घर में घुस कर ठोक चुके हैं, बजरंगबली का नाम लेकर फिर घुस जाते हैं! बस, जैसे भगवन राम अपने भाई लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, अंगद, नल, नील और वानर सेना लेकर लंका का युद्ध लड़ने गए थे, सिंघम भी पुलिसवाली लेडी सिंघम, साम्बा, वीर सिंह उर्फ़ सूर्यवंशी (अक्षय कुमार) एसीपी सत्या बाली, इंस्पेक्टर दया आदि के साथ श्रीलंका में डेंजर लंका के ठिकाने पर जाकर लड़ते हैं और धारावाहिक की सीता मैया की तरह अवनि कामत यानी मिसेज़ सिंघम को छुड़ा लाते हैं।
उधर धारावाहिक रामायण ख़त्म होती है, इधर फिल्म सिंघम अगेन खल्लास ! लेकिन जाते जाते परदे पर घोषणा के साथ सलमान नजर आता है कि वह भी रोहित शेट्टी की अगली फिल्म में आने वाला है – नाम होगा चुलबुल सिंघम ! लोग च्युइंग गम खाते हैं ना, शुरू में मीठी लगती है पर मिठास ख़त्म होने के बाद भी रेजिन, टनीन, गोंद आदि के कारण लोग उसे चबाते रहते हैं। सिंघम अगेन भी ऐसी ही है, चबाते रहिए !
डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी
डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी जाने-माने पत्रकार और ब्लॉगर हैं। वे हिन्दी में सोशल मीडिया के पहले और महत्वपूर्ण विश्लेषक हैं। जब लोग सोशल मीडिया से परिचित भी नहीं थे, तब से वे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। पत्रकार के रूप में वे 30 से अधिक वर्ष तक नईदुनिया, धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे हिन्दी के पहले वेब पोर्टल के संस्थापक संपादक भी हैं। टीवी चैनल पर भी उन्हें कार्य का अनुभव हैं। कह सकते है कि वे एक ऐसे पत्रकार है, जिन्हें प्रिंट, टेलीविजन और वेब मीडिया में कार्य करने का अनुभव हैं। हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही हैं। वे जाने-माने ब्लॉगर भी हैं और एबीपी न्यूज चैनल द्वारा उन्हें देश के टॉप-10 ब्लॉगर्स में शामिल कर सम्मानित किया जा चुका हैं। इसके अलावा वे एक ब्लॉगर के रूप में देश के अलावा भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित हो चुके हैं। अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में उन्होंने हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर अपना शोध पत्र भी पढ़ा था। हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर पीएच-डी करने वाले वे पहले शोधार्थी हैं। अपनी निजी वेबसाइट्स शुरू करने वाले भी वे भारत के पहले पत्रकार हैं, जिनकी वेबसाइट 1999 में शुरू हो चुकी थी। पहले यह वेबसाइट अंग्रेजी में थी और अब हिन्दी में है।
डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर एक किताब भी लिखी, जो केवल चार दिन में लिखी गई और दो दिन में मुद्रित हुई। इस किताब का विमोचन श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक दिन पहले 25 मई 2014 को इंदौर प्रेस क्लब में हुआ था। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर ही डॉ. अमित नागपाल के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक किताब पर्सनल ब्रांडिंग, स्टोरी टेलिंग एंड बियांड भी लिखी है, जो केवल छह माह में ही अमेजॉन द्वारा बेस्ट सेलर घोषित की जा चुकी है। अब इस किताब का दूसरा संस्करण भी आ चुका है।