भोपाल। प्रदेश के बीस जिलोें में कृषि विभाग के अधिकारियों ने अपात्र किसानों को प्रमाणित बीज बांट दिया। दो हेक्टेयर से अधिक जमीन रखने वाले मध्यम और बड़े किसानों को यह बीज वितरित कर दिए गए। आॅडिट में खुलासा हुआ तो सरकार ने सफाई दी कि भूमि सीमा के मामले में मानदंडों के आंकलन में इस तरह की गड़बड़ी हुई है, भविष्य में भूमि सीमा के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अशोकनगर, बड़वानी, धार, डिंडौरी, हरदा, कटनी, खरगौन, नरसिंहपुर, राजगढ़, सिवनी, शाजापुर और श्योपुर सहित बीस जिलों में ऐसे किसानों को सरकार ने प्रमाणित बीज बांट दिए जो इसके लिए पात्र ही नहीं थे। नियमानुसार दो हेक्टेयर से कम भूमि रखन ेवाले किसानों को ही सरकार प्रमाणित बीज नि:शुल्क और रियायती दरों पर बांटती है। लेकिन यहां अधिक जमीन रखने वाले मध्यम और बड़े किसानों को बीज वितरित कर दिए गए।
वर्ष 2016 से 2019 के बीच यह गड़बड़ी हुई। इसमें शाजापुर में सर्वाधित 329 किसानों को अन्नपूर्णा योजना में बीज वितरित किए गए। नरसिंहपुर डीडीए के क्षेत्र में 64, श्योपुर में 60, डिंडौरी में 59, बड़वानी में 57 मामलों में अपात्रों को बीज वितरित कर दिये गए है।
सिवनी में 54, हरदा में 51, राजगढ़ में 45 मामलों में अपात्रों को बीज वितरित किए गए। इन जिलों के अलावा धार, अशोकनगर, कटनी जिलों में भी पात्र की जगह अपात्र किसानों को प्रमाणित बीज वितरित कर दिए गए।
नियंत्रक महालेखाकार की जांच में हुआ खुलासा-
बीज वितरण होंने के बाद जब इनके हिसाब-किताब की नियंत्रक महालेखाकार ने जांच की तो इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ। इस मामले में कृषि विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया तो विभाग ने महानियंत्रक लेखाकार को यह जवाब भेजा है कि जनपद पंचायतों द्वारा हितग्राहियों के संयुक्त खातों में दर्शाई गई जमीन के मामले में क्षेत्र स्तर पर इस तरह की घटनाएं संभव है और जिला कार्यालयों द्वारा भूमि धारण सीमा के मानदंडों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश विभाग मैदानी अधिकारियों को जारी कर रहा है।