अंतर्राज्यीय संबंधों को नए शिखर पर ले जाती मोहन की नीति…

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अंतर्राज्यीय संबंधों को नए शिखर पर ले जाती मोहन की नीति…

13 दिसंबर 2023 को भोपाल में प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने वाले डॉ. मोहन यादव के करीब 11 माह के कार्यकाल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि पड़ोसी राज्यों के साथ प्रगाढ़ होते पारस्परिक संबंध हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के भाव अंतर्राज्यीय संबंधों के प्रति उनकी श्रेष्ठता को परिलक्षित कर रहे हैं। यहां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सांझी संस्कृति को सहेजते हुए साँझे विकास के पथ पर अग्रसर हैं। यह सांझापन का भाव छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात आदि के साथ भी मोहन ने चरितार्थ किया है। उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा लिंक परियोजना और राजस्थान के संग चंबल पार्वती कालीसिंध लिंक परियोजना की सफलता इसका प्रमाण है।

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस समारोह राज्योत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सांझी संस्कृति को सहेजते हुए साँझे विकास के पथ पर अग्रसर होंगे। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस एक ही होने को लेकर कहा था कि दोनों राज्यों में कोई अंतर नहीं है। दोनों राज्य सगे भाई हैं। दोनों राज्यों की कदम-कदम पर साझा संस्कृति है। साझा विचार हैं। स्मरण किया था कि भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के कुशल नेतृत्व में ही छत्तीसगढ़ राज्य का उदय हुआ। आज वनांचल और माइनिंग के साथ साथ सभी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है। पूरे प्रदेश में विकास के नए आयाम खड़े हुए हैं। भाव यह भी कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान और गुजरात ये सभी राज्य भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के आध्यात्मिक प्रसंगों को अपने में समेटे हुए हैं। इस गौरवशाली अतीत को भावी पीढ़ी के सामने लाने के लिए हमारी सरकार मिलकर काम करेगी।भगवान श्री राम के पदचिन्हों पर बनने वाले श्री राम वन-गमन पथ के साथ साथ भगवान श्री कृष्ण के प्रसंग स्थलों को चिन्हित करते हुए धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।

मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता डॉ. मोहन यादव कार्यकाल की उपलब्धि और अंतर्राज्यीय संबंधों की मिसाल है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। लगभग दो दशकों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा। प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रदेश के मालवा और चंबल अंचल में लगभग तीन लाख हेक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। तो राजस्थान को भी लाभ होगा।

वहीं मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार के प्रयास से बहुप्रतिक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना भी गति पकड़ रही है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए यह परियोजना शुभंकर साबित होगी, क्योंकि इस परियोजना से दोनों राज्यों की साढ़े 8 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2005 में अनुबंध हुआ था। उसके बाद प्रक्रिया धीमी पड़ गई थी। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों राज्यों के बीच वर्ष 2021 में समझौता हुआ। पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास किये थे। मोहन-योगी और मोदी सरकार मिलकर अब केन-बेतवा को गति दे पाए हैं। इसमें मोहन यादव की भूमिका सराहनीय रही है।

मोहन का भाव यही है कि जिसमें दो राज्यों के हित समाहित हैं, उसके लिए कुछ त्याग भी करना पड़े तो कोई हर्ज नहीं है। और दो राज्यों के बीच संबंधों की सुदृढता मोहन यादव की प्राथमिकता है। इसके बारे में वह समय-समय पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। मोहन के यही भाव उनके अंतर्राज्यीय संबंधों को नए शिखर पर ले जाने में सहायक साबित हो रहे हैं। 11 माह के अल्प समय में मोहन के अंतर्राज्यीय संबंधों की नीति की सफलता उन्हें दूसरे मुख्यमंत्रियों से विशिष्ट बना रही है…।