Appointments Postponed : संगठन चुनाव के चलते निगम, मंडलों में नियुक्तियां टली, अब फरवरी में आसार!
Bhopal : प्रदेश की मोहन यादव सरकार अपना 11 महीने का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस बीच भाजपा संगठन की ओर से निगम, मंडलों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद की गई, पर अभी ये 3-4 महीने के लिए टल गई।
चुनाव के बाद से अभी तक किसी नेता को निगम, मंडल या बोर्ड में एडजस्ट नहीं किया गया। अब भाजपा संगठन चुनाव की वजह से निगम मंडलों में नियुक्तियां अगले साल फरवरी तक टल गई। भाजपा के वे नेता जो निगम, मंडल एवं अन्य संस्थाओं में कुर्सी के इंतजार में बैठे हैं उन्हें और इंतजार करना पड़ सकता है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि जो नेता भाजपा की पिछली सरकारों में मंत्री पद का दर्जा प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें अब फिर से नियुक्तियां नहीं मिलेंगी। हालांकि, कुछ नेता इसमें सफल भी हो सकते हैं। मौजूदा स्थिति में भाजपा के संघ से जुड़े नेता ही सरकार में नियुक्ति के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। जिन्हें फिलहाल सफलता मिलने की संभावना दिखाई नहीं दे रही।
इतना तय है कि जनवरी तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। इसके बाद ही नेताओं को सरकार में एडजस्ट किया जाएगा। भाजपा में निगम मंडलों के लिए कई नेता दावेदार हैं। 2020 में जिन सीटों पर कांग्रेस के विधायक भाजपा में शामिल हुए थे, उन सीटों पर भाजपा के पूर्व विधायक भी निगम, मंडलों के लिए दावेदारी कर रहे हैं। साथ ही पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के दौरान भी दूसरे दलों से जो नेता भाजपा में आए थे, वे भी निगम मंडलों में नियुक्ति चाहते हैं।
भाजपा संगठन के पास सरकार में नियुक्ति पाने के दावेदार नेताओं की सूची लंबी है। पिछली बार ही तरह इस बार भी संघ की ओर से भी कुछ नेताओं के नाम सामने आएंगे। हालांकि संघ खुले तौर पर किसी भी नेता का समर्थन या विरोध नहीं करता है। लेकिन, संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की सिफारिश जरूर होती है।
दलबदलुओं को भी एडजस्ट करने की तैयारी
पिछले चुनावों के दौरान दूसरे दलों से बड़ी संख्या में नेता भाजपा में शामिल हुए थे। ऐसे नेताओं को निगम मंडलों में पद देकर उपकृत किया जा सकता है। संगठन स्तर पर इसकी सूची भी तैयार हो चुकी है। कुछ नामों को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। फिलहाल सरकार की नियुक्तियों को लेकर संगठन में चर्चा एवं बैठकों का दौर खत्म है। नए अध्यक्ष के चुनाव बाद इस पर निर्णय होगा।
पचौरी भी जोर लगा रहे, पर संभावना कम
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोडकर समर्थकों को साथ लेकर भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी राज्यपाल के लिए जोर लगा रहे हैं। पचौरी लगातार दिल्ली में सक्रिय हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि सुरेश पचौरी को राज्यपाल बनाने पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत नहीं है।