Next BJP President : मध्यप्रदेश के अगले भाजपा अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी शुरू, कई नाम सामने आए!
Bhopal : भाजपा अब जल्द ही मध्यप्रदेश का नया अध्यक्ष तय करने वाली है। दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के बाद इसे लेकर हलचल होगी। बुधनी और विजयपुर में 13 नवंबर को उपचुनाव हो रहा है, जिसके नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। इसके बाद भाजपा संगठन की चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी।
संभावना है कि भाजपा अपना नया प्रदेश अध्यक्ष जातीय समीकरण को साधते हुए चुनेगी। पार्टी दो फॉर्मूले पर नाम तय कर सकती है। पहला फॉर्मूला यह कि जातिगत समीकरण और दूसरा फॉर्मूला है क्षेत्रीय संतुलन। जानकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष का फैसला दिसंबर के पहले सप्ताह में हो जाने की उम्मीद है। 23 नवंबर को दो विधानसभा सीट बुधनी एवं विजयपुर उपचुनाव के नतीजे भी घोषित हो जाएंगे। इसके अलावा संगठनात्मक चुनाव के तहत बूथ, मंडल एवं जिला अध्यक्ष के चुनाव भी हो जाएगे। इसके बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव करवा सकती है।
आम सहमति से अध्यक्ष चुनाव हो जाता है, तो उस नाम की घोषणा होगी। इसके लिए जिन लोगों के नाम चल रहे है उनमें कुछ प्रदेश संगठन में पदाधिकारी तो कुछ सांसद एवं विधायक है। इसके लिए प्रदेश के दो आदिवासी सांसदों, दो वैश्य वर्ग के विधायको के अलावा चार सामान्य वर्ग के वरिष्ठ नेताओं एवं दो अनुसूचित वर्ग के नेताओं के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं। एक नाम फग्गन सिंह कुलस्ते का भी लिया जा रहा है। भाजपा का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इसकी तस्वीर अभी भले ही साफ नहीं है, लेकिन दावेदारों के नाम सामने आए हैं।
जिन वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल माना जा रहा है, उसमें सामान्य वर्ग से उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, विधायक रामेश्वर शर्मा, सांसद आलोक शर्मा के अलावा सिंधी समाज से वर्तमान प्रदेश कार्यालय प्रभारी महामंत्री एवं विधायक भगवानदास सबनानी एवं बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल, आदिवासी वर्ग से दो बार की सांसद हिमाद्री सिंह एवं राज्य सभा सदस्य डॉ सुमेर सिंह सोलंकी के नाम आगे है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए पार्टी क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को विशेष महत्व देगी।
अध्यक्ष की रेस में चार ब्राह्मण वर्ग के नेताओं का नाम शामिल है। वर्तमान में प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। वे पांच बार के विधायक हैं और उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जो पहली बार विधायक बनते ही सरकार में मंत्री बनाए गए थे। प्रदेश सरकार में गृहमंत्री रहे डॉ मिश्रा 6 बार के विधायक रहे हैं। पार्टी आलाकमान के साथ अच्छे संबंधों एवं प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं में पकड़ रखने वाले मिश्रा का नाम काफी पहले से इस पद के लिए चर्चा में है। उन्हें पार्टी का संकटमोचक भी कहा जाता है। लोकसभा चुनाव के दौरान पाटी द्वारा न्यू ज्वाइनिंग टोली की कमान भी उनके हाथ में थी। लेकिन, पिछला विधानसभा चुनाव हारने से उनकी स्थिति कमजोर बताई जा रही है।