Mumbai: मधुरेश मिश्रा की पुस्तक ‘जाने-अनजाने पदचिह्न’ का भव्य लोकार्पण 

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Mumbai: मधुरेश मिश्रा की पुस्तक ‘जाने-अनजाने पदचिह्न’ का भव्य लोकार्पण 

Mumbai: हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए यादगार संध्या का आयोजन के.सी.कॉलेज में हुआ, जहाँ मधुरेश मिश्रा की काव्य पुस्तक ‘जाने-अनजाने पदचिह्न’ का भव्य लोकार्पण वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व राज्य मंत्री श्री अमरजीत मिश्र, भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रतिष्ठित हस्ती पद्म श्री डॉ. सोमा घोष, मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के महासचिव विजय सिंह कौशिक, जागरुक टाइम्स की वरिष्ठ उपसंपादक श्रीमती रेणु शर्मा, सहायक अध्यापक डॅा अजीत कुमार राय, लेखक मधुरेश मिश्रा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शशि मिश्रा के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री अमरजीत मिश्र ने हिंदी और अवधी साहित्य के शाश्वत महत्व पर जोर दिया, तुलसीदास जैसे कवियों की प्रेरणादायक भूमिका को रेखांकित किया, और साहित्य की विभिन्न वैश्विक संस्कृतियों को जोड़ने की शक्ति पर प्रकाश डाला। पुस्तक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, मधुरेश मिश्रा की कविताओं में भारतीय संस्कृति, समाज, भाषा और जीवन के विभिन्न रंग दिखाई देते हैं।

विशेष अतिथि पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने कहा कि साहित्य और कविता जीवन को सुंदर बनाते हैं। उन्होंने कविताओं में मातृभूमि की सेवा और भावी पीढ़ियों के लिए कुछ छोड़ने के महत्व पर जोर दिया, साथ ही जीवन में महिलाओं और जीवनसाथियों की भूमिका को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, कविता और संगीत एक-दूसरे से जुड़े हैं। मधुरेश जी की कविताओं में जीवन के गहरे अर्थ हैं, जो पाठकों को भीतर तक छूते हैं।

जागरुक टाइम्स के वरिष्ठ उपसंपादक प्रमुख वक्ता श्रीमती रेणु शर्मा ने पुस्तक की उत्कृष्ट भाषा की प्रशंसा की, कुछ कविताओं का पाठ किया, और लेखक द्वारा महिलाओं को सम्मानपूर्वक चित्रित करने के लिए सराहा, जो पारंपरिक रूढ़ियों को सुसंस्कृत ढंग से चुनौती देता है।

 

लेखक मधुरेश मिश्रा ने कार्यक्रम में अपनी पुस्तक से कविताएं पढ़ते हुए व्यक्तिगत संघर्षों, जीवनसाथी के महत्व, प्रवासी समुदाय और परिवार की अहमियत जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया।

इस कार्यक्रम में दैनिक भास्कर के स्थानीय संपादक व मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के महासचिव विजय सिंह कौशिक, मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र मिश्र, उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार हरिगोविन्द विश्वकर्मा, भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश सचिव रमाकांत सिंह, मुंबई शहर की कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ व साहित्य प्रेमी, कवि, लेखक और कला प्रेमी उपस्थित थे, जिन्होंने इस पुस्तक की प्रशंसा करते हुए इसे हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।

कार्यक्रम का बखूबी संचालन के.सी. कॉलेज सहायक अध्यापक डॅा अजीत कुमार राय ने करते हुए कहा कि ‘जाने-अनजाने पदचिह्न’ मधुरेश मिश्रा की संवेदनशीलता और कवि की दृष्टि को प्रस्तुत करता है, जो जीवन के अनुभवों को न केवल दर्शाता है बल्कि उनके पीछे छुपे गहरे संदेशों को भी उजागर करता है।