प्रसूति सहायता योजना में न्यूनतम राशि भी नहीं मिल रही, CM के पास पहुंची 8500 शिकायतें

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प्रसूति सहायता योजना में न्यूनतम राशि भी नहीं मिल रही, CM के पास पहुंची 8500 शिकायतें

 

भोपाल:मध्यप्रदेश में प्रसूति सहायता योजना कें अंतर्गत प्रदेश की आमजनता को न्यूनतम राशि नहीं मिल रही है या कम मिल रही है। वहीं प्रसूति सहायता योजना के प्रस्ताव ही निरस्त हो रहे है। इसको लेकर अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पास आठ हजार पांच सौ शिकायतें पहुंची है।

असंगठित क्षेत्र की ऐसी महिलाएं जो मजदूरी कर रही है और गर्भावस्था के दौराान भी घर चलाने केलिए मजदूरी का काम नहीं छोड़ पाती है ऐसी महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश में श्रमिक परिवार की गर्भवती महिलाओं को लाभ देने के लिए राज्य सरकार ने प्रसूति सहायता योजना शुरु की है। कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मजदूरी नहीं कर पाती है जिसकी वजह से उनके परिवार का पालन पोषण नहीं हो पाता है। मजदूरी न मिलने से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मूलभूत आवश्यकताओं से भी वंचित रहना पड़ता है। सरकार चाहती है कि ऐसी स्थिति में महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधित जरुरत को पूरा किया जाए इसके लिए प्रसूति सहायता योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिससे वे अपने और अपने बच्चे की सही देखभाल कर सके। इस योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की उचित देखभाल और पोषण के लिए राज्य के कमजोर और गरीब श्रमिक परिवार की गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सोलह हजार रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को उचित स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ अच्छा पोषण प्रदान कर अच्छे से जीवन यापन की सुविधा मुहैया कराना है।

गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनें में श्रमिक महिलाओं को उनके वेतन का पचास प्रतिशत हिस्सा आर्थिक सहायता के रुप में प्रदान किया जाता है। इसके बाद प्रसव के बाद महिलाओं को चिकित्सा के दौरान लगने वाले खर्च को पूर्ण करने के लिए एक हजार रुपए की राशि दी जाती है। योजना का लाभ ले रही महिला के श्रमिक पति को भी पंद्रह दिन का पितृत्व लाभ प्रदान किया जाता है। इसके अलावा मातृत्व वंदन योजना के तहत भी दो चरणों में तीन हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। इस योजना के लिए आधार कार्ड, गर्भावस्था का प्रमाणपत्र, डिलीवरी संबंधित दस्तावेज और मोबाइल नंबर व श्रम कार्ड होना जरुरी है। छह माह पहले महिला इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है। इसके लिए गर्भवती महिला को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर योजना की जानकारी लेकर आवेदन का फार्म भरना होता है।

लेकिन मध्यप्रदेश में गरीब श्रमिक वर्ग की महिलाओं के लिए चलाई जा रही इस योजना में मैदानी अमले की उदासीनता से लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रसूति सहायता योजना न मिलने, कम मिलने, निरस्त हो जाने संबंधी 8 हजार 500 शिकायतें सीएम के पास आई है। अब सीएम ने विभाग के अफसरों से इस बारे में जानकारी मांगी है। दोषियों पर कार्यवाही भी की जाएगी।