Provisions in New Liquor Policy : फिर शुरू हो सकते हैं, शराब दुकानों के बंद हुए 2600 अहाते!

अहाते बंद होने से शाम होते ही कई सड़के बन जाती है मयखाने!

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Provisions in New Liquor Policy : फिर शुरू हो सकते हैं, शराब दुकानों के बंद हुए 2600 अहाते!

Bhopal : सरकार के सबसे कमाऊ विभागों में से एक आबकारी विभाग के अधिकारी नई शराब नीति को बनाने में जुटे हैं। नई शराब नीति के लिए आबकारी विभाग के अफसरों ने तीन राज्यों का दौरा कर वहां की शराब नीति का अध्ययन किया। अध्ययन के बाद अब नई शराब नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस नीति में प्रदेश में अहाते फिर से खोलने का प्रावधान किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। हालांकि अहाते खुलेंगे कि नहीं यह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तय करेंगे।

गौरतलब है कि प्रदेश में सरकार ने 2023 में अहातों को बंद कर दिया था। उसके बाद से अहाते बंद हैं। ऐसे में लोग दुकानों से शराब खरीदकर सुनसान स्थानों पर बैठकर पीते हैं। जानकारों का कहना है कि इससे आपराधिक मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में नई शराब नीति में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है कि अहातों को फिर से चालू किया गया है।

मुख्यमंत्री की मंजूरी के कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार उप्र समेत तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन कर शासन के आबकारी विभाग ने नई शराब नीति का मसौदा तैयार किया है। दिसंबर में मुख्यमंत्री के समक्ष नई शराब नीति का प्रस्ताव रखा जाएगा। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। नई शराब नीति कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा नई तक नीति कि शराब नीति 2025-26 के प्रस्ताव में प्रदेश में अहाते फिर से शुरू करने का सुझाव दिया गया है। प्रस्ताव में अहाते बंद होने से शराब दुकानों के आसपास सडकों पर भीड़ बढने से होने वाली परेशानी और राजस्व के नुकसान का जिक्र किया गया है। अहाते फिर से शुरू करने या न करने का फैसला सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा। पिछले साल फरवरी में तत्कालीन शिवराज सरकार ने अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। करीब 2600 अहाते बंद किए गए थे।

नर्मदा किनारे खुलेंगी शराब दुकानें
आबकारी विभाग ने प्रस्ताव में नर्मदा किनारे 5 किमी की परिधि में शराब दुकानें नहीं खोले जाने की बंदिश पर फिर से विचार करने का भी सुझाव दिया गया है। नई नीति में शराब दुकानों की नीलामी 10% बढ़ी हुई दरों पर किया जाना प्रस्तावित किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार पूर्व की तरह कुल दुकानों का 75% शराब दुकानों के ठेकेदार रिन्यूअल के लिए तैयार होने पर फिर से शराब दुकान आवंटित की जाएगी, नहीं तो शराब दुकान के लिए नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे।

यूपी मॉडल पर आधारित नीति
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शराब नीति का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व आबकारी विभाग के अधिकारियों की टीम ने यूपी के शराब मॉडल का अध्ययन किया। इसमें सामने आया कि यूपी में लॉटरी सिस्टम से शराब दुकानों का आवंटन न होता है। वहां शराब दुकानों की संख्या करीब 30,0177 है, जो मप्र के मुकाबले 9 गुना ज्यादा है। नई शराब नीति में उप्र की शराब नीति के महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी शामिल किया गया है।