Hundred Years of Temple : मल्हार मार्तण्ड मंदिर के 100 साल पूरे होने पर तीन दिन के कार्यक्रम आयोजित!

रविवार को अंतिम दिन मराठा महिलाओं ने स्त्री सशक्तिकरण का प्रदर्शन किया!

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Hundred Years of Temple : मल्हार मार्तण्ड मंदिर के 100 साल पूरे होने पर तीन दिन के कार्यक्रम आयोजित!

Indore : रामबाग स्थित मल्हार मार्तण्ड मंदिर के सौ साल पूरे होने पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का एक दिसंबर कप अंतिम दिन था। समापन के मौके पर सबसे खास बात स्त्री सशक्तिकरण की उभरकर सामने आई। वजह थी कि करीब तीन हजार मराठा क्षत्रिय महिलाओं ने पारंपरिक नववारी साड़ी परिधान धारण कर रखा था और मराठा रीति रिवाजों से श्रृंगार किया। इतनी बड़ी संख्या में सुबह आठ बजे महिलाओं के उपस्थित होने के पीछे कारण यह था कि क्षत्रिय मराठा समाज की सभी सदस्य महिलाओं ने छोटे छोटे समूह बनाकर अपने समाज की महिलाओं के घर घर जाकर इस आयोजन में शामिल होने का आग्रह किया था।

प्रातः आठ बजे से दोपहर चार बजे तक पूरे हर्षोल्लास के साथ संपन्न विभिन्न धार्मिक और सामाजिक आयोजन में लगभग दो हजार पुरुष पारंपरिक पीले कुर्ते, पायजामा, गमछा और सर पर सफेद टोपी धारण किए हुए थे। संबंधित वार्ड क्रमांक 57 के भाजपा पार्षद सुरेश टाकलकर ने इस पूरे तीन दिनी आयोजन में भरपूर सहयोग दिया। उन्हीं के कारण यह आयोजन यादगार बन पाया। अखिल मराठा समाज की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष इंदौर निवासी स्वाति युवराज भी विशेष रूप और सक्रियता से पूरे महोत्सव में उपस्थित रही।

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सबसे पहले सुबह आठ बजे मल्हारी मार्तण्ड मंदिर का प्रमुख संत महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी, प्रमुख संत महामंडलेश्वर दादू महाराज, अण्णा महाराज, बाबा साहब तरानेकर आदि ने अभिषेक किया। उसके बाद पालकी या शोभा यात्रा निकली। इस तरह की यात्रा होलकर स्टेट की महारानी पुण्यश्लोका अहिल्या बाई के जन्मदिन पर ही निकलती है। उसमें भी स्त्री शौर्य का प्रदर्शन किया जाता है।

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समापन दिवस पर करीब तीन हजार मराठा स्त्रियों ने जो एकजुटता के साथ अपने कुलदेवता मल्हारी मार्तण्ड के स्मरण में भजन, गीत,कीर्तन रास्ते भर किए वो इस बात का साक्षात् उदाहरण थे कि अन्य शहरों की तरह अब इंदौर की भी खासकर मराठा समाज की स्त्रियां अपनी शक्ति को पहचानने लगी हैं और स्त्री सशक्तिकरण की और बढ़ने को तत्पर हैं। यूं भी स्त्री सशक्तिकरण पिछले कुछ सालों से एक तरह से भारत का राष्ट्रीय नारा बन चुका है।

इस पालकी यात्रा का मराठा समुदाय के लोगों ने जगह-जगह मंच लगाकर स्वागत किया। पूरे मार्ग में गजब का उल्लास और उत्साह देखा गया। पालकी यात्रा का समापन स्काउट मैदान पर हुआ, जहां अंत में पारंपरिक भोजन प्रसादी का वितरण हुआ। इस अवसर पर उक्त मराठा संगठन के अध्यक्ष रवींद्र रामचंद्र राव सोमवंशी, उपाध्यक्ष सविता विनोद जवकर, सचिव राजेंद्र रविन्द्र निकम और कोषाध्यक्ष विकास मल्हारराव चौहान ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया।