How to Avoid Cyber Fraud : सतर्कता, जागरूकता और निजी जानकारी गोपनीय रखना ही साइबर फ्रॉड से बचने का मूल मंत्र!
इंदौर पुलिस की ‘साइबर पाठशाला’ में साइबर क्राइम की बारीकियों की जानकारी दी!
Indore : बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और इसके प्रति लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से इंदौर पुलिस कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। इस क्रम में मंगलवार को पुलिस उपायुक्त क्राइम राजेश कुमार त्रिपाठी पुलिस टीम के साथ तिलक नगर के सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचे। उन्होंने स्टूडेंट्स को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया।
सायबर अवेयरनेस के तहत सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में डीसीपी क्राइम ने साइबर पाठशाला ली। इस दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स को आज के समय के साइबर अपराधों के प्रकारों और इनसे बचने के तरीकों की जानकारी दी। उन्हें पुलिस के पास आने वाली साइबर अपराधों की शिकायतों की केस स्टडी के आधार पर होने वाले विभिन्न प्रकार के साइबर फ्रॉड के बारे में बताया।
उन्हें डिजिटल अरेस्ट, एटीएम और ओटीपी के माध्यम से किए जाने वाले फ्रॉड, फर्जी लिंक फ्रॉड, ओएलएक्स/ मार्केट ऐप वाले फ्रॉड, सेक्सटॉरसन फ्रॉड, फर्जी लोन ऐप फ्रॉड आदि के साथ ही सोशल मीडिया से संबंधित साइबर फिशिंग बुलीइंग आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताया। साथ ही इनसे बचने की टिप्स भी दी गई।
इस दौरान स्टूडेंट्स ने भी इन साइबर क्राइम से रिलेटेड कई तकनीकी जानकारियों को सवालों के जरिए से प्रैक्टिकली जाना। डीसीपी क्राइम ने कहा कि पुराने समय में मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर आदि तकनीकी सुविधाएं नही थी तो अपराध भी कम थे। पर, आज के तकनीकी युग मे ये इंटनेट, मोबाइल नई नई सुविधाएं है तो खतरे भी बहुत है। आप सोशल मीडिया पर जो भी सर्च करते हैं, उन पर साइबर क्रिमिनल्स की नजर रहती है। हमारी एक गलती उनके लिए अवसर बन जाती है।
अतः साइबर फ्रॉड से बचने का मूल मंत्र यही है कि हम पूरी तरह जागरूक रहकर, सतर्कता के साथ सावधानी पूर्वक ही डिजिटल काम करें और किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी शेयर न करें। हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर अपनी वर्चुअल दुनिया को भी सुरक्षित बना सकते हैं। इस अवसर पर संस्थान के स्टूडेंटस, सहित स्टाफ भी उपस्थित रहा, जिन्होनें भी साइबर सुरक्षा संबंधी बातों को सीखा और इंदौर पुलिस के इस जागरूकता अभियान की प्रशंसा की।