मोहन का एक साल:औद्योगिक विस्तार, मोहन का विकास और रोजगार आधार…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की एक साल में विकास और रोजगार सृजन के लिए औद्योगिक विस्तार करने वाले सीएम की छवि बनी है। इससे पहले तक जहां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तक ही औद्योगिक निवेश की सोच थी, डॉ. मोहन यादव ने नवाचार करते हुए इसे रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव के रूप में विस्तार दिया। और मोहन का यही नवाचार प्रदेश के विकास और रोजगार सृजन का नया आधार बनता नजर आ रहा है। एक साल में डॉ. मोहन यादव छह रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव कर 2 लाख 94 हजार करोड़ के निवेश और 4 लाख 22 हजार रोजगार सृजन के वाहक बन चुके हैं। इसके अलावा यूके-जर्मनी यात्रा से 78 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव अलग हैं, जिनसे रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं बनी हुई हैं। इससे पहले तक विपक्ष हमेशा ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का मजाक उड़ाता रहा है, लेकिन रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव ने अब साबित कर दिया है कि हवा हवाई नहीं बल्कि अब सब धरातल पर नजर आने वाला है। इससे डॉ. मोहन यादव की विजनरी सीएम की छवि भी बन गई है। सरकार द्वारा 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने की पहल बता रही है कि अब गुजरात मॉडल पर मध्य प्रदेश में उद्योगों का जाल बिछने से कोई नहीं रोक सकता। डॉ. मोहन यादव ने गुजरात यात्रा के बाद यह कहा भी था कि गुजरात मॉडल की तर्ज पर मध्यप्रदेश में विकास होगा। गुजरात के विकास का आधार ही प्रदेश हर क्षेत्र में बिछा उद्योगों का जाल है। और डॉ. मोहन यादव का रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव नवाचार भी हर क्षेत्र में उद्योगों के विस्तार संग विकास और रोजगार केंद्रित है। इसमें उन्हें आशातीत सफलता भी मिल रही है।
7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव में 18 हजार करोड़ निवेश से 24 हजार युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जागी है। यहां औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई विकास का केंद्र बनेगा। खूबी यह कि नर्मदापुरम का कर्मशील मानव संसाधन औद्योगिक विकास में सहायक बनेगा। मुख्यमंत्री ने मोहासा में विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण पार्क सहित नवीन इकाइयों का भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सतपुड़ा का यह क्षेत्र नया इतिहास रचने जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से नर्मदापुरम आरआईसी में अपार सफलता प्राप्त हुई है। आरआईसी से मोहासा-बाबई सौर ऊर्जा पार्क की भूमि 227 एकड़ से बढ़कर 884 एकड़ हो गई। आरआईसी में 20 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि आवंटन-पत्र भी वितरित किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग 2 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। इससे सोहागपुर, इटारसी, सिवनीमालवा, पिपरिया, पचमढ़ी के स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और रोजगार के लिए होने वाला पलायन इन क्षेत्रों से रुकेगा। आरआईसी में किये जा रहे निवेश के कारण महज 2 से 3 वर्षों में ही संपूर्ण नर्मदापुरम क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य बदलेगा। नर्मदापुरम की कर्मशील जनता औद्योगिक विकास में सहायक बनेगी। नर्मदापुरम वन संपदा, भू-संपदा, बेहतर रोड और रेल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं के साथ औद्योगिक विकास के लिए सबसे अनुकूल हैं। सीएम द्वारा प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए उज्जैन, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, सागर के बाद अब 6वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव नर्मदापुरम में हो चुकी है। औद्योगिक विकास के इन प्रयासों में नर्मदापुरम को कम समय में सबसे अधिक सफलता मिली है। निवेशकों को औद्योगिक पार्क मोहासा-बाबई की विशेषता तथा सरकार द्वारा दिए जा रहे वित्तीय अनुदान का सीधा फायदा निवेशकों को देने का सीएम ने निर्णय लिया है। साथ ही अत्यंत कम दरों पर निवेशकों को जमीन उपलब्ध करवाई गई है।
तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मध्यप्रदेश को निवेश के लिये आदर्श स्थल बनाने के लिए लगातार सक्रिय हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश में निवेश, रोजगार और विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए एक के बाद एक प्रभावशाली कदम उठाये जा रहे हैं। हाल ही में उनकी यूके और जर्मनी यात्रा ने इन प्रयासों को और अधिक मजबूती प्रदान की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 24 से 29 नवंबर के दौरान यूके और जर्मनी में वैश्विक निवेशकों और औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर चुके हैं। इस यात्रा में 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसमें 60 हजार करोड़ रुपये के यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी से 18 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए। विपक्ष ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सीएम के रूप में औद्योगिक निवेश के लिए की गई पहली विदेश यात्रा पर सवालिया निशान लगाने की कोशिश की गई थी, पर 78 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों की उपलब्धि ने सबको जवाब दे दिया है। फरवरी-2025 में भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को और प्रभावशाली बनाने के लिए यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी को पार्टनर स्टेट बनाया गया है। यह पहल निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं से रूबरू कराने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मध्यप्रदेश की स्थिति को और मजबूत करेगी।
प्रदेश की नई तस्वीर यही उभर रही है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश न केवल निवेश के लिए बल्कि रोजगार और विकास के लिए भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत केंद्र बनकर उभर रहा है। उम्मीद है कि इन नवाचारों से प्रदेश के युवाओं, किसानों और उद्यमियों को सशक्त अवसर मिलेंगे, जिससे एक आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश का सपना साकार होगा। प्रदेश के विभिन्न भूभाग में समान रूप से औद्योगिक निवेश एवं विकास करने के उद्देश्य को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव की श्रृंखला की शुरुआत की थी। अब तक उज्जैन , जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा और नर्मदापुरम में रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव हो चुकी है। इसके साथ ही निवेश आमंत्रण के लिए मुंबई ,बेंगलुरु, कोयंबटूर, कोलकाता में सीएम ने रोड शो किए थे। जिनका परिणाम सामने दिख रहा है।
मध्यप्रदेश ने वर्ष 2025 को “उद्योग वर्ष” घोषित किया है। इसके अंतर्गत वर्ष भर उद्योगों में निवेश, विकास एवं नवाचारों को एक अभियान के तौर पर चलाया जायेगा, जिसमें उद्योग, एमएसएमई, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, माइनिंग, नवकरणीय ऊर्जा, उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण तथा पर्यटन जैसे विभाग इस संकल्प को साकार करने के लिये आपसी समन्वय के साथ विस्तृत कार्य-योजना पर कार्य करेंगे। और इससे यह बात साफ है कि औद्योगिक विस्तार ही मोहन के विकास और रोजगार का आधार साबित होकर रहेगा…।