किसानों के लिए ओलावृष्टि और बारिश के चलते फसल की बर्बादी की आपदा बहुत विकट है। सरकार जैसा सोचती है , अगर किसानों को उतनी ही राहत सही समय पर मिल जाए तो शायद किसानों के लिए सपना सच होने जैसी बात हो जाएगी। शुक्रिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो राजगढ़ जिले में किसानों पर प्राकृतिक आपदा का जायजा लेने पहुंचे और भरोसा दिलाया कि किसानों को फसल नुकसान का 25 फीसदी का अग्रिम भुगतान मिलेगा। फसल बीमा योजना में यह प्रावधान किया गया है।
पर अक्सर औपचारिक प्रक्रियाओं की खानापूर्ति के नाम पर ही किसानों को पैसा मिलने से पहले लंबे इंतजार की गहरी पीड़ा से गुजरना पड़ता है। यह समय किसानों के टूटने का होता है। और इस टूटन के दौर में ही साहूकारों-सूदखोरों का कहर भी उनकी कमर तोड़ता है।
फिर हताश-निराश किसान खुद की किस्मत को कोसते हुए कभी-कभी अनहोनी का शिकार होने पर मजबूर हो जाता है। पर शायद जिस तरह सरकार संवेदनशील बनकर किसानों की पीड़ा पर गौर कर रही है, तो उम्मीद की जाए कि 72 घंटे में फसल नुकसान का सर्वे करवाकर किसानों को अग्रिम भुगतान की फौरी राहत भी समय पर जल्द से जल्द मिल सकेगी और फसल कटने के बाद मार्च-अप्रैल तक वास्तविक नुकसान के हिसाब से किसानों को पूरी राहत मिल सकेगी।
जिस तरह मुख्यमंत्री की किसानों के प्रति संवेदनशीलता है, उसी तरह कमिश्नर-कलेक्टर भी उदारता के साथ किसानों के साथ संकट की घड़ी में साथ खड़े होंगे। ऐसे में सबसे अधिक पैदावार कर सरकार को साल दर साल कृषि कर्मण अवार्ड दिलाने वाला मध्यप्रदेश का किसान खुशी-खुशी विपरीत परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदा से जूझने की ताकत और हौसला पा सकेगा।
कुछ दिन पहले ही कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है। मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। इसकी बीमा राशि को लेकर किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि कलेक्टर को 72 घंटे में नुकसान का सर्वे कराकर रिपोर्ट देनी होगी। 500 गांवों में ओले से नुकसान हुआ है।
नुकसान का डेटा आने के बाद जल्द ही किसानों को बीमा राशि दी जाएगी। अभी किसानों को बीमा कंपनियों से नुकसान की 25 प्रतिशत राशि मिलेगी। बाकी नुकसान की 75 फीसदी राशि मार्च-अप्रैल में फसलों की कटाई के बाद मिलेगी।लेकिन इस 75 फीसदी राशि का आधार क्रॉप कटिंग सर्वे होगा। यानी फसल की कटाई पर पता किया जाएगा कि फसलों को कितना नुकसान हुआ है।
कृषि मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें राहत राशि धारा RBC 64 (राहत-मुआवजे के लिए बनाई गई धारा) के तहत दी जाएगी। पटेल ने कहा था कि राजस्व विभाग के माध्यम से भी सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद किसानों को राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रावधान के अनुसार मदद की जाएगी। संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ हैं। हमारी सरकार हमेशा ही किसानों के साथ रही है। इस मुश्किल समय में भी हम अपनी तरफ से पूरा सहयोग किसान भाइयों के लिए कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में सरकार किसान भाइयों के साथ खड़ी है ,उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर भरोसा दिलाया है कि सर्वे की पूरी लिस्ट जो प्रभावित गांव है उनके पंचायत में चिपकाई जाएगी और अगर किसी को आपत्ति हो कि किसी का नुकसान हुआ है और छूट गया है तो तुरंत वह बता दे। मैं दोबारा सर्वे करवा दूंगा, कोई किसान नहीं छूटेगा, जिसका नुकसान हुआ है। इसलिए मेरी माताओं, बहनों आंखों में आंसू लाने की जरूरत नहीं है।
नंबर एक इमानदारी से सर्वे होगा। खेत खेत गए हैं नुकसान हुआ है तो मुझे राहत तो देना ही है। देने वाला खड़ा है तो लिखने में क्या दिक्कत है। और इसलिए इमानदारी से लिखा जाए कंजूसी से नहीं उदारता पूर्वक व्यवहार किया जाए। और जिस तरह छायन में राशन में गड़बड़ी पर दो अफसरों को निलंबित कर ईमानदारी से काम करने की सख्त हिदायत दी गई है। साथ ही कमिश्नर कलेक्टर को भी मंच पर ही समझाइश दी है कि गड़बड़ न हो, पूरी जांच हो।
ऐसे में किसानों की फसल नुकसान का सर्वे भी सही समय पर ईमानदारी से होगा और उन्हें फसल बीमा योजना के जरिए नुकसान के अग्रिम भुगतान की राशि का भुगतान भी समय पर होगा और नुकसान की पूरी भरपाई भी फसल कटने के बाद समय पर हो जाएगी, यह उम्मीद की जा सकती है। यह बात तय है कि अन्नदाता की संकट की घड़ी में सरकार हर परीक्षा में खरी साबित होती है, तो यह भी तय है किसान पुत्र शिवराज कि किसान भी सरकार की हर परीक्षा पर खरा साबित होगा।