Lokayukt Trap: अतिथि शिक्षक से जन शिक्षक ने मांगी थी ₹10000 रिश्वत, रंगे हाथों पकड़ा गया 

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Lokayukt Trap: अतिथि शिक्षक से जन शिक्षक ने मांगी थी ₹10000 रिश्वत, रंगे हाथों पकड़ा गया 

 राजेश जयंत की रिपोर्ट 

अलीराजपुर। शुक्रवार 13 दिसंबर को जिले के उदयगढ़ विकासखंड में इंदौर लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए ₹5000 की रिश्वत लेने वाले जन शिक्षक मनीष भावसार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

आरोप है कि जन शिक्षक ने अतिथि शिक्षक खीमा अजनार को नौकरी से हटाने का डर बता कर ₹10000 की मांग की थी। खीमा पहली किस्त के रूप में ₹5000 मनीष भावसार को दे चुका था। बाद उसने लोकायुक्त को शिकायत कर दी।

दूसरी किस्त के ₹5000 लेते ही लोकायुक्त पुलिस ने मनीष भावसार को रंगे हाथों पकड़ लिया।

यह है मामला 

26 नवंबर 2024 को जन शिक्षक मनीष भावसार दो साथियों को लेकर उदयगढ़ संकुल की प्राथमिक शाला तडवी फलिया (ग्राम बावड़ी फलिया) मे निरीक्षण के लिए पहुंचा था।

स्कूल में बच्चों की संख्या कम होने पर मनीष भावसार ने अतिथि शिक्षक खीमा अजनार के साथ बुरा बर्ताव किया। नौकरी से हटाने की धमकी देते हुए विकल्प रखा कि यदि अतिथि शिक्षक बने रहना है तो ₹10000 देने पड़ेंगे।

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अतिथि शिक्षक खीमा ने दो किस्तों में रुपए देने का कह कर जन शिक्षक मनीष भावसार को ₹5000 की पहली किस्त दे दी। इसके बाद अतिथि शिक्षक ने इंदौर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय से संपर्क साधा। उन्हें मामले से अवगत कराते हुए शिकायत दर्ज करवाई।

लोकायुक्त की ट्रेप कार्रवाई 

इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने शिकायत का सत्यापन करवाया। शिकायत सही पाए जाने पर ट्रेप की कार्यवाही के लिए उन्होंने एक दल का गठन किया। लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल, निरीक्षक राजेश ओहरिया, आरक्षक विजय शेलार, आदित्य भदौरिया, शिव प्रकाश पाराशर, आशीष नायडूत और शेरसिंह इसमें शामिल किए गए।

शुक्रवार 13 दिसंबर को लोकायुक्त की टीम पूरी तैयारी के साथ उदयगढ़ पहुंची।

दूसरी किस्त के ₹5000 लेकर अतिथि शिक्षक खीमा अजनार जनपद शिक्षा केंद्र के सामने एक कमरे में पहुंचा। वहां बैठे जन शिक्षक मनीष भावसार को केमिकल वाले₹5000 देकर वह बाहर निकला। सिग्नल मिलते के अगले 2 मिनट में लोकायुक्त की टीम वहां पहुंच गई और जन शिक्षक मनीष भावसार को ट्रेप कर लिया।

लोकायुक्त टीम ने मनीष भावसार के पास से ₹5000 जप्त कर भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7, के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए मनीष भावसार को हिरासत में लिया।

लोकायुक्त टीम ने मामले की संपूर्ण कागजी कार्रवाई जनपद शिक्षा केंद्र में ही बैठकर पुरी की। शाम को मुचलके पर जन शिक्षक को जमानत दे दी गई।

13 वर्षों से जन शिक्षक

मनीष भावसार बीते 13 वर्षों से जन शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं। 12 सितंबर 2011 को वह जन शिक्षक बने और तब से अब तक अलग-अलग संकुल में जन शिक्षक ही बने रहे।

प्रकरण में फंसे मनीष भावसार ने अपनी सफाई में कहा कि वह खंड स्त्रोत समन्वयक के पद की दौड़ में थे, उन्हें फसाया गया है।