MLA कमलेश्वर डोडियार और समर्थकों को चौथे दिन मिली जमानत!
Ratlam : रतलाम का बहुचर्चित मामला विधायक और डॉक्टर विवाद मामले में सैलाना रोड़ से प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार और उनके समर्थकों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था जहां से न्यायालय के आदेश पर उन्हें और उनके समर्थकों को जेल भेज दिया था। मामले में 3 दिनों के इंतजार के बाद शनिवार दोपहर को कमलेश्वर और उनके समर्थकों के न्यायालय ने जमानत दी।
बता दें कि भारत आदिवासी पार्टी से सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार को चौथे दिन शनिवार को जमानत मिल गई है। 3 दिनों से जेल में बंद विधायक के समर्थक जेल भरों आंदोलन, मौन धरने और सोशल मीडिया पर धोलावाड़ से पेयजल रोकने की भी चेतावनी वायरल कर चुके थे इसके साथ ही 16 दिसम्बर से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा हैं ऐसे में विधायक कमलेश्वर डोडियार को जमानत नहीं मिलती तो हंगामा हो सकता था। नतीजतन शनिवार को रतलाम एसडीएम कोर्ट से विधायक डोडियार को समर्थकों के साथ जमानत के आदेश किए।
जेल से छूटे कमलेश्वर ने कहा कि सरकार के दबाव में प्रशासन ने उन्हें 4 दिन तक जेल में रखा। यह आदिवासियों की आवाज को दबाने का षड्यंत्र है। हम डरने वाले नहीं हैं मुकाबला करेंगे। विधानसभा में क्षेत्र के मुद्दे भील प्रदेश, आदिवासियों का बजट, नौकरी, आरक्षण, जल, जंगल, जमीन पांचवी अनुसूची का मुद्दा के साथ ही अस्पताल में मुझे दी गई गालियां का मुद्दा भी उठाउंगा। जेल से छुटकर बाहर आने पर पुलिस ने विधायक पुलिस ने अपने वाहन से सैलाना छोड़ा।
विधायक के साथ यह हुए थे गिरफ्तार!
न्यायालय ने विधायक कमलेश्वर डोडियार के साथ 11 दिसंबर को भूरालाल (25) पिता हुमजी देवदा निवासी वासी सुंदेल (रावटी), दीपक (25) पिता हीरालाल निनामा निवासी विनोबा नगर, दिनेश (25) पिता रामाजी माल निवासी रामपुरिया, दिलीप सिंह (28) पिता लखनलाल तड़वी निवासी रेहटी (सीहोर), छोटू (18) पिता राधु गरवाल निवासी बीलड़ी (रावटी), सिद्धार्थ (50) स्वर्गीय आरएन गुप्ता निवासी भोपाल, ध्यानवीर सिंह (41) पिता दर्शन सिंह डामोर निवासी जाम्बूखादन, दिनेश (19) पिता कानजी निवासी बड़ी सरवन, पप्पू (28) पिता कमजी डामोर निवासी अडवानिया, मांगीलाल (45) पिता नेमजी राणा निवासी पांडिचरी, जितेंद्र (28) पिता कोजाराम राणा व गौतमपुरी (34) पिता प्रकाशपुरी (20) पिता धरम सिंह कर्मा निवासी सिंगापुरा (सीहोर) को बंजली क्षेत्र में अनुमति बगैर प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार कर जिला जेल रतलाम भेजा था। सभी को विधायक डोडियार के साथ जमानत मिल गई है।
*यह थी वजह!*
5 दिसंबर को जिला अस्पताल में विधायक डोडियार जिला अस्पताल पहुंचे थे। यहां उनका डॉक्टर जीपीएस राठौर के साथ विवाद हो गया था वीडियो भी सामने आया था डॉक्टर ने विधायक को अपशब्द कहे तो विधायक और डॉक्टर आमने-सामने हो गए थे। इसके अगले दिन विधायक की रिपोर्ट पर डॉक्टर के खिलाफ स्टेशन रोड थाना में धरने पर बैठने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था। डॉक्टर ने भी विधायक के बर्ताव को लेकर थाने में शिकायत की थी। डॉक्टर के सस्पेंड नहीं होने की विरोध में 11 दिसंबर को बिना अनुमति की विधायक व उनके समर्थक शहर में नेहरू स्टेडियम में आंदोलन करने वाले थे यहां जिला प्रशासन और पुलिस ने शहर में भीड़ नहीं आ सके इसलिए बैरिकेडिंग की थी और विधायक को गिरफ्तार भी कर लिया था। जानकारी समर्थकों को लगने पर आदिवासी बंजली हवाई पट्टी के पास पहुंचे थे और धीरे-धीरे रिहाई की मांग को लेकर 4:30 बजे रतलाम-सैलाना रोड के बीच आए थे। पुलिस की सख्ती के सामने सभी रतलाम-बांसवाड़ा मुख्य रोड पर बैठ गए थे और करीब 5 घंटे तक प्रदर्शन किया था। इधर विधायक कमलेश्वर के समर्थन में 3 दिन में डॉक्टर के निलंबन नहीं होने पर विधायक की जमानत नहीं होने पर कलेक्ट्रेट व एसपी ऑफिस के घेराव की चेतावनी दी थी।
*हिदायत के बाद प्रशासन आया था हरकत में!*
11 दिसंबर की शाम को विधायक को रिहा करने एवं चिकित्सक को 3 दिन में निलंबित करने के आश्वासन पर आंदोलन को समाप्त किया गया था। गुरुवार सुबह एडवोकेट एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे तो शहर एसडीएम अनिल भाना से हाई कोर्ट इंदौर में जाने की जानकारी मिली थी। जिस कारण विधायक को जमानत नहीं मिल सकी थी। शुक्रवार को भी यही क्रम चला था शुक्रवार देर रात तक कलेक्ट्रेट में डटे विधायक के समर्थकों ने शनिवार को जमानत नहीं मिलने पर जेल भरों आंदोलन करने और मौन धरना देने की चेतावनी दी थी आज यदि कमलेश्वर डोडियार की जमानत नहीं होती तो संभवतः सोमवार को विधायक डोडियार के समर्थक आंदोलन करने रणनीति बना रखी थी।