Kidnapped Minor Rescue : पश्चिम बंगाल से अपहृत नाबालिग को धार पुलिस ने बचाया

राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग और इंदौर पुलिस की भूमिका की सराहना

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धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : पश्चिम बंगाल की एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को अपहरण कर गुजरात ले जा रहे बदमाश को धार की नौगांव पुलिस ने चाइल्डलाइन और सामाजिक संगठनों की मदद से धर दबोचा। लड़की को उसके चंगुल से छुड़ा लिया है। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की इस 15 साल की नाबालिग लड़की की गुजरात के राजकोट के युवक परेश से सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती हुई थी। लड़की को सिंगर बनाना था और युवक परेश ने लड़की को सिंगर बनाने का लालच दिया। वो उस नाबालिग बालिका को 10 जनवरी को अगवा करने में सफल भी हो गया। आरोपी का नाम परेश निवासी राजकोट बताया गया है। युवक उत्तर दिनाजपुर जिले से उसे लेकर राजकोट के लिए रवाना हो गया। दोनों बस से इंदौर पहुंचे।

इसके बाद नाबालिग लड़की को समझ आ गया कि वो गलत हाथों में फंस गई है। वहीं, उस नाबालिग लड़की ने एक व्यक्ति से फोन लेकर अपने दादा को फोन पूरी घटना बताई। पुलिस ने आरोपी के कॉल डिटेल निकालकर कंट्रोल रूम धार को सूचना की। जिस पर नौगांव पुलिस एवं चाइल्ड लाइन की टीम ने बस की घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया।
यह मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के समक्ष आने पर किशोरी के रेस्क्यू के लिए अभियान चलाया गया और अंततः उसका किशोरी का रेस्क्यू कर लिया गया। किशोरी को चाइल्ड हेल्प लाइन की अभिरक्षा में रखा गया। पश्चिम बंगाल पुलिस भी धार न्यायालय पहुंची है। पुलिस ने न्यायालय से आरोपी के ट्रांजिट पास की परमिशन मांगी है। पुलिस के साथ आरोपी भी मौजूद था। बालिका को बाल कल्याण समिति के आदेश पर पश्चिम बंगाल पुलिस और बालिका के पिता के सुपुर्द किया गया।

पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले से अपहरण कर मानव तस्करी के लिए ले जाई जा रही 15 साल की किशोरी को इंदौर पुलिस की पहल पर गुरुवार शाम धार की नौगांव पुलिस ने रेस्क्यू अभियान के माध्यम से मुक्त करवा लिया। साथ ही आरोपी तस्कर को हिरासत में ले लिया। इस मामले में धार में अभी तक कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया। क्योंकि, पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले में प्रकरण पहले से दर्ज है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की सजगता

पूरा मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो तक पहुंचा तो उन्होंने बड़े स्तर पर प्रक्रिया शुरू की। इसके चलते पश्चिम बंगाल से निकली उस किशोरी को राजकोट पहुंचने के पहले ही बस से सुरक्षित उतार लिया गया। साथ ही आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने 10 जनवरी को पश्चिम बंगाल से लापता हुई इस नाबालिग किशोरी की जानकारी मिशन मुक्ति फाउंडेशन दिल्ली को दी थी। जैसे ही फ़ाउंडेशन को जानकारी लगी, उन्होंने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को यह जानकारी दी। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मानव तस्करी के मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से किशोरी को मुक्त कराने के लिए कार्य योजना तैयार की। उन्होंने रेस्क्यू अभियान चलाने के लिए संपर्क किया गया।

अलग-अलग प्रांतों की पुलिस से संपर्क किया गया। अंतिम कड़ी के तौर पर इंदौर छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी सविता चौधरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरोपी की तलाश के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रयास चल रहे थे। लेकिन, आरोपी इतना शातिर बदमाश था कि वह बार-बार मोबाइल बंद कर लेता था, ऐसे में उसकी लोकेशन पता करने में दिक्कत आ रही थी।

इंदौर से मिला सुराग

किशोरी ने इंदौर में एक व्यक्ति से फोन लेकर अपने दादा को फोन लगाकर पूरी जानकारी दी। वहां से पुलिस ने कॉल डिटेल के माध्यम से आरोपी की जानकारी निकाली और धार पुलिस को सूचना दी। धार कंट्रोल रूम से नौगांव पुलिस को सूचना दी गई। जिस पर गुरुवार की शाम को घेराबंदी कर बचाओ अभियान चलाया गया। बसों में जांच की गई इसके बाद चामुंडा ट्रेवल्स नाम की बस जो इंदौर से राजकोट की जा रही थी, उससे किशोरी को नौगांव पुलिस ने रिकवर करने के साथ ही आरोपी को भी पकड़ लिया।

आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने छोटी ग्वालटोली की थाना प्रभारी सविता चौधरी की सराहना की है। वहीं मिशन मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र सिंह का भी इसमें महत्वपूर्ण रोल रहा रहा। धार नौगांव पुलिस ने भी किशोरी को रिकवर कर सुरक्षित उतार लिया। धार पुलिस की भूमिका भी सराहनीय रही। अब बालिका को बाल कल्याण समिति के आदेश पर पुलिस विभाग पश्चिम बंगाल और बालिका के पिता के सुपुर्द कर दिया गया।