बाबा साहेब तुम जिंदा हो…

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बाबा साहेब तुम जिंदा हो…

 

कौशल किशोर चतुर्वेदी

बाबा साहेब अंबेडकर पर जिस तरह विवाद ने तूल पकड़ा, वह कोई नई बात नहीं है। बल्कि इससे साबित होता है कि राजनीति में बाबा साहेब की अहमियत सबसे ज्यादा थी, सबसे ज्यादा है और सबसे ज्यादा बनी रहेगी। अमित शाह के बयान पर कांग्रेस कह रही है कि अंबेडकर का अपमान किया है, इसलिए शाह माफी मांगें। तो अमित शाह ने बयान को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है और शाह के समर्थन में भाजपा मैदान में है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने हमेशा ही बाबा साहेब का अपमान किसा है। वहीं बाबा साहेब के नाम पर सत्ता में रही मायावती और बसपा का आरोप है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अंबेडकर का अपमान करते हैं। यानि दो की लड़ाई में तीसरा पूरी मलाई खा रहा है।दरअसल बीती राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा था कि आज कल बाबा साहब आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है। हर बात में बाबा साहब का नाम आंबेडकर आंबेडकर लिया जाने लगा है। इतना ही नाम अगर भगवान का लेते तो स्वर्ग मिल जाता। शाह के इसी बयान के बाद विपक्षी दलों ने शाह पर हमला बोलते हुए संसद में प्रदर्शन भी किया और पूरा देश एक बार अंबेडकरमय हो गया है। और यह अच्छी बात है कि कम से कम अंबेडकर की अहमियत उस नई पीढ़ी को भी समझ में आ रही है, जो राजनीति में रुचि भले न रखे लेकिन यह संविधान और बाबा साहेब का महत्व उसकी समझ में आ रहा है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ट्वीट किया है कि कांग्रेस ने सदैव ही बाबा साहेब का ‘अपमान’ और उनके विचारों के साथ ‘अन्याय ’ किया है। कांग्रेस मूलत: बाबा साहेब और उनके विचारों की विरोधी रही है। सर्वविदित है कि पंडित नेहरू ने स्वयं एक नहीं बल्कि दो चुनावों में बाबा साहब अंबेडकर को हरवाने के लिए जिम्मेदार थी। बाबा साहेब के प्रति कांग्रेस का द्वेषपूर्ण रवैया इस बात से भी सिद्ध होता है कि इनके शासनकाल में बाबा साहेब को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित नहीं किया गया जबकि अटल जी के सहयोग से 1990 में बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बाबा साहेब के मरणोपरांत कांग्रेस ने कई दशकों तक संसद के सेंट्रल हॉल में बाबा साहेब का चित्र तक नहीं लगाया। भारत का मान बढ़ाने वाले बाबा साहेब को भारत रत्न से वंचित करना कांग्रेस की दूषित मानसिकता का प्रमाण रहा है।मध्यप्रदेश सौभाग्यशाली है कि बाबा साहेब का जन्म अंबेडकर नगर (महू) में हुआ और प्रधानमंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वहां न सिर्फ भव्य स्मारक बना बल्कि बाबा साहेब के पंचतीर्थों के निर्माण का संकल्प भी भाजपा सरकार ने पूर्ण किया। बाबा साहेब ने हमेशा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े शोषित-वंचित-पीड़ित की चिंता की, लेकिन कांग्रेस ने कभी भी इस वर्ग का उत्थान नहीं होने दिया। कांग्रेस ने कभी संविधान दिवस नहीं मनाया वही यह गौरवशाली राष्ट्रीय उत्सव शुरू करने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल में हुआ है। बाबा साहेब के द्वारा प्रतिपादित राष्ट्रवादी विचार अत्याधिक मजबूत और परिपक्व है यही कारण है कि जब केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद में तथ्यों, तर्कों और प्रमाणों के साथ बाबा साहेब का पक्ष रखा तो कांग्रेस बौखला गई। कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब का अपमान, समूचे राष्ट्र का अपमान है। कांग्रेस द्वारा किया गया अन्याय, भारत की आत्मा पर प्रहार है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी की घोर निंदा करते हुये शाह की कड़े शब्दों में आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि बाबा साहेब हमारे देश के सर्वहारा वर्ग के हीरो है, जिन्होंने गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़ों,अल्पसंख्यकों, महिलाओं को संविधान के तहत समानता का अधिकार दिया, पूरे देश की जनता बाबा साहेब को देश के सर्वहारा वर्ग के मसीहा के रूप में देखती है। बाबा साहेब का अपमान देश का कोई भी नागरिक सहन नहीं कर सकता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने भारत को संविधान दिया, समता मूलक भारत का दृष्टिकोण दिया, साथ में मिलजुलकर रहने की संस्कृति दी, देश को ऐसा महान योगदान देने वाले महामानव की आलोचना देश के लिए दुर्भाग्यजनक है। पटवारी ने कहा कि अमित शाह द्वारा बाबा साहेब के प्रति की गई टिप्पणी से भारतीय जनता पार्टी का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारतवर्ष में जहां-जहां बीजेपी की सरकारें है और जिस तरह से दलितों पर अत्याचार होता है, उनके हितों को अनदेखा किया जाता है, अमित शाह के बाबा साहेब विरोधी होने की आज पोल खुल गई है। अमित शाह को लोकसभा में पूरे देश की जनता से माफी मांगना चाहिए।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने ट्वीट किया कि संविधान निर्माता, भारत रत्न, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के जीवित रहते हुए उनका लगातार तिरस्कार करने वाली कांग्रेस अब वोटबैंक की राजनीति के चलते उनकी झूठी हितैषी बनने का नाटक कर रही है। कांग्रेस के इस प्रपंच को देश की जनता अच्छे से समझती है। संसद में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने कांग्रेस और गांधी परिवार की अंबेडकर जी और दलित विरोधी मानसिकता को उजागर किया। अपनी असली सच्चाई सामने आने पर कांग्रेस नेताओं द्वारा झूठ गढ़कर देश को गुमराह करने की नाकाम कोशिश की जा रही है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए और भाजपा सरकार ने अंबेडकर जी की स्मृति में पंच तीर्थों का निर्माण करने के साथ ही दलितों और पिछड़ों के कल्याण के लिए कई कदम उठाये हैं। मोदी सरकार और भाजपा अंबेडकर जी के विचारों को आत्मसात कर उन्हें धरातल पर उतार रही है।

जो प्रतिक्रियाएं मध्यप्रदेश में हैं, इसी तरह की पूरे देश में हैं। खुद अमित शाह ने सफाई दी है तो विपक्षी दल शाह और उनकी आड़ में भाजपा को अंबेडकर विरोधी साबित करने में जुटी है। भाजपा तथ्य सहित कांग्रेस को अंबेडकर विरोधी साबित कर रही है। वास्तव में यह प्रतिक्रियाएं मध्यप्रदेश और देश में बाबा साहेब के प्रति प्रेम और सम्मान की परिचायक हैं। विवाद के मंथन से यही अमृत सामने है कि अंबेडकर के प्रति सबके मन में आदर की पराकाष्ठा समाई है। अब आरोप-प्रत्यारोप में हमलावर होते हुए भले ही दूसरों की नीयत में सबको खोट नजर आ रहा हो, पर आत्मा से सब अंबेडकर के करीबी हैं। चाहे इसे वोट बैंक की नजर से देखा जाए या फिर आस्था और श्रद्धा के भाव से, पर बाबा साहेब भारत में नायक की भूमिका में जिंदा हैं…20वीं सदी इसकी गवाह रही है और 21वीं सदी भी इसकी गवाही दे रही है…।