Lokayukta Trap : लोकायुक्त ने SDM के ड्राइवर को ₹1.5 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा, पर SDM पर कार्रवाई नहीं!

SDM ने खुद फरियादी से सौदेबाजी की, ड्राइवर को गिरफ्तार और निलंबित किया गया!

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Lokayukta Trap : लोकायुक्त ने SDM के ड्राइवर को ₹1.5 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा, पर SDM पर कार्रवाई नहीं!

Jabalpur : यहां एक एसडीएम के ड्राइवर को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा। घटना के बाद जबलपुर के अपर कलेक्टर ने आरोपी सुनील कुमार पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही आरोपी एसडीएम को भी हटा दिया गया। ड्राइवर एसडीएम कोर्ट से एक केस सेटल करवाने के नाम पर तीन लाख रुपए की मांग की थी। बाद में ढाई लाख में सौदा तय हुआ और 50 हजार उसी दिन लिए गए। डेढ़ लाख की क़िस्त लेते ड्राइवर को पकड़ा गया।

बताया गया कि शाहपुरा एसडीएम ने एक किसान संग्राम सिंह की जमीन पर बासमती चावल के भंडारण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसी कारण बताओ नोटिस को रफा-दफा करने के लिए एसडीएम शाहपुरा के ड्राइवर सुनील पटेल ने 3 लाख की मांग की। बाद में ढाई लाख रुपए में सौदा तय हुआ।

मामले के फरियादी संग्राम सिंह ने बताया कि 5 से 6 किसानों की लगभग 4000 धान की बोरियां खेतों में रखी हुई थी। तभी तहसीलदार रविंद्र पटेल मौके पर आए और उन्होंने यह पूछा कि इतनी सारी बोरियां यहां पर क्यों रखी हुई है। धान यहां पर कैसे आई इसके बाद उन्होंने मुझे धमकाया और पंचनामा बनाते हुए कार्रवाई करने लगे। आगे की कार्रवाई के लिए उन्होंने शाहपुरा महिला एसडीएम नदीमा शीरी को भेज दी।

उन्होंने बताया कि इसके बाद एसडीएम ने अपनी ड्राइवर के माध्यम से मुझे अपने चैंबर में बुलाया और ₹3 लाख की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर तुम 3 लाख नहीं दोगे तो तुम्हारे ऊपर एफआईआर दर्ज हो जाएगी। काफी देर तक बात करने के बाद मामला ढाई लाख रुपए पर खत्म हुआ। 50 हजार रुपए संग्राम सिंह ड्राइवर को उसी दिन दे चुका था बाकी के 2 लाख और देने थे।

 

लोकायुक्त में शिकायत की

इसके बाद संग्राम सिंह ने लोकायुक्त से मदद मांगी। योजना बनाई गई और मामले की पुष्टि होने के बाद एसडीएम के ड्राइवर को डेढ़ लाख की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त की टीम ने एसडीएम के ड्राइवर को गिरफ्तार कर उस पर कार्रवाई भी की है।

फरियादी संग्राम सिंह का कहना है कि रिश्वत उससे महिला एसडीएम नदीमा शीरी के द्वारा मांगी गई थी। ड्राइवर तो महज एक माध्यम था, उसे सिर्फ जगह से हटाया गया, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि, रिश्वत तो एसडीएम के लिए ही ड्राइवर ने ली थी।