स्थितियां लगातार चेतावनी दे रही हैं, वक्त संभलने का है और सावधानी बरतने का है। सरकार की नहीं,यह हम सबकी जिम्मेदारी है। हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करेंगे, इसमें ही हमारी सुरक्षा निहित है। और हमारी सुरक्षा में ही प्रदेश राहत की सांस लेगा। स्थितियां भयावह हो रही हैं। इंदौर-भोपाल जैसे पुलिस कमिश्नर सिस्टम वाले जिलों को छोड़ो, अब निवाड़ी, पन्ना, अनूपपुर जैसे छोटे जिलों से भी कोरोना विस्फोट की खबरें आ रही हैं।
यह स्थितियां असहज करने वाली हैं। जिस तरह से कोरोना प्रभावितों की संख्या आज बढ़ रही है, उसी तरह कोरोना से मौत के आंकड़े बढ़े तो फिर यह हर आंख को नम किए बिना नहीं रहेंगे। बेहतर है कि हम भीड़भाड़ में जाने से बचें, खुद की सुरक्षा करें और अपनी व अपने संबंधियों की सुरक्षा कर सकें। यही सबके हित में है। सरकार कितने भी संसाधन जुटा ले, लेकिन हम नहीं जागे तो हमारा नुकसान होने से कोई नहीं बचा सकता।
और फिर इसके बाद लकीर पीटने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। सरकार सांत्वना भी देगी, आर्थिक मदद भी कर देगी लेकिन सरकार किसी अपने की मौत के दु:ख को कम नहीं कर पाएगी और उसके जाने से रिक्त हुई जगह को कभी नहीं भर पाएगी। इसलिए जागने की जिम्मेदारी हमारी ही है और यह काम कोई दूसरा कभी भी नहीं कर सकता। तो नए साल में यही सबसे बड़ा संकल्प है कि हमें हर हाल में खुद को और अपनों को कोरोना से बचाना है। सरकार और प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाकर अपनी सुरक्षा पुख्ता करनी है।
खबरों ने दिल को झकझोर कर रख दिया है। सागर में कोरोना मरीजों के नए प्रकरण 338 दर्ज किए गए। अनूपपुर जिले में 86 पॉजिटिव मिले। रायसेन जिले में फिर फूटा कोरोना बम।जिला मुख्यालय पर कोरोना के 16 संक्रमित मिले। जिले में कोरोना के 56 मरीज मिले। निवाड़ी जिले में कोरोना का विस्फोट हुआ है। 49 पॉजिटिव मरीज दर्ज किए गए हैं। जिसमें अधिकांश पुलिस स्टाफ निवाड़ी, ओरछा एवं महिला पुलिस थाना ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी हैं। शहडोल जिले में 79 पॉजिटिव मिले हैं। एक्टिव केसों की संख्या 463 है। पन्ना जिले में फिर कोरोना ब्लास्ट हुआ है। एक ही दिन में 19 लोगो की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जिले में 53 हुए कोरोना एक्टिव मामले हैं।
सभी जगह का हाल यही है कि लोगों की लापरवाही सामने आ रही है। कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। चालान काटने का कुछ भी असर लोगों पर नहीं दिख रहा है। लोगों की यह धारणा बन गई है कि कोरोना की तीसरी लहर बस सर्दी-खांसी और जुकाम-बुखार तक सीमित है। लेकिन मत भूलो कि जिस तरह कोरोना की रफ्तार एक-दो केस से बढ़कर हजारों के आंकड़े पर पहुंच गई है और अगर सावधानी से परहेज किया तो लाखों तक पहुंचने में देरी नहीं करेगी।
उसी तरह मौतें भी एक-दो से बढ़कर एक-दो हजार होंगीं, तब बाजी हमारे हाथ से पूरी तरह निकल जाएगी। और फिर कोरोना की दूसरी लहर की तरह यह तीसरी लहर भी हमारी आंखों को नम कर आंखों से ओझल हो जाएगी और हम हाथ पर हाथ रखकर लकीर पीटते रह जाएंगे। निवाड़ी-पन्ना जैसे छोटे जिले इंदौर-भोपाल की तर्ज पर कोरोना केस में बढोतरी दर्ज कर हमें बेहाल न कर सकें, इसके लिए हमें जागरूक और जिम्मेदार बनकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी सजगता के साथ करने की जरूरत है।
भीड़भाड़ में जाने से बचने की जरूरत है। दुकानें खुलीं रहें, आर्थिक गतिविधियां चलती रहें लेकिन कहीं पर भी भीड़ न दिखे। घरों में राशन के लिए मोहताज न होना पड़े और मास्क लगाकर,सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर, हाथों को बार-बार सेनेटाइज कर हम पूरी सावधानी बरतें ताकि सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें बल न डाल सकें और चिता की लपटों से हमारे घर भी न झुलस सकें। आओ एक बार हम यह बता दें कि शादी-ब्याह में हम सीमित संख्या के साथ खुशियों का आनंद लेने की आदत डालने को मन से स्वीकार कर खुश हैं।
बाजार में अति आवश्यक होने पर ही पहुंचना हमें मंजूर है। श्मशान में हम चंद पारिवारिक लोगों के साथ अपनों को अंतिम विदाई देने को तैयार हैं। लेकिन कोरोना को हम आमंत्रण देने की कोई गलती नहीं करेंगे। हमें भीड़भाड़ में त्यौहार मनाने की जल्दबाजी नहीं है। आज कोरोना का वक्त है तो त्यौहार हम अपनों संग अगले साल मना लेंगे।
हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी हम खुद उठाने का माद्दा रखते हैं, हम तीसरी लहर में यह साबित करके रहेंगे। सरकार अपनी जिम्मेदारी भी पूरी ईमानदारी से निभाए और पन्ना-निवाड़ी सहित प्रदेश के सभी जिलों के नागरिक भी अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाने को तैयार हैं। अब भी वक्त है कि हम सब मिलकर कोरोना को पूरी तरह से ना कह दें और प्रोटोकॉल का पालन करने को पूरी तरह से मन से हां कह दें। साथ ही अपनी और प्रदेश की सेहत को बरकरार रखकर यह साबित कर दें कि हम सबक सीख चुके हैं। फिर पुरानी गलतियों को नहीं दोहराएंगे।