IAS Officer’s Pain : 14 साल में फील्ड पोस्टिंग नहीं मिलने का IAS अधिकारी का दर्द चर्चा में आया!

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IAS Officer’s Pain : 14 साल में फील्ड पोस्टिंग नहीं मिलने का IAS अधिकारी का दर्द चर्चा में आया!

व्हाट्सअप ग्रुप पर की गई ये पोस्ट वायरल होने के साथ दर्द के रूप में सामने आई!

Bhopal : ये समझा जाता है कि यदि कोई यूपीएससी क्लियर करके आईएएस बन जाए तो उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है। लेकिन, ये सच नहीं है। आईएएस की इच्छा तभी पूरी होती है, जब उसे फील्ड पोस्टिंग मिले। मतलब यह कि किसी जिले की कमान मिलना। लेकिन, कई आईएएस की ये इच्छा पूरी होने में समय लगता है और कुछ तो कभी कलेक्टर बन नहीं पाते। मध्यप्रदेश कैडर की एक आईएएस अधिकारी 2011 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा
नेहा मारव्या के दिल का दर्द छलककर बाहर आया और सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

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इन दिनों भोपाल में आईएएस अधिकारियों की मीट चल रही है। इसमें एक महिला आईएएस नेहा मारव्या ने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में व्यवस्ता पर सवाल उठाए हैं। 20 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चलने वाली ‘आईएएस मीट’ में उन्होंने बताया कि 14 साल की नौकरी में उन्हें कभी फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली। अपनी बात उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर रखी, जिसमें दूसरे आईएएस अफसर भी जुड़े थे। यह मीट युवा, सेवानिवृत्त आईएएस अफसरों और उनके परिवारों के लिए आयोजित की गई। इस दौरान नेहा मारव्या ने अपनी बात कहकर नई चर्चा छेड़ दी।

कई बार विवादों में नाम जुड़ा

नेहा मारव्या अपने फैसलों पर अडिग रहने के लिए चर्चित हैं। कई बार उनका नाम विवादों से भी जुड़ा। बताया जाता है कि एक बार वे आजीविका मिशन घोटाले की जांच कर रही थीं। वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषियों को बचाने के लिए उन पर दबाव बनाया। नेहा ने वही किया जो उन्हें सही लगा। नतीजा ये हुआ कि उनका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया गया। वे कई मामलों में बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जानी जाती हैं।

उन्होंने आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा कि आईएएस की नौकरी में मुझे 14 साल हो गए हैं। लेकिन, मुझे आज तक एक बार भी फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे में मेरे जैसे आईएएस का करियर कैसे संतुलित होगा?

ग्रुप पर पोस्ट कॉन्सेप्ट नोट पर जवाब

एक आईएएस अधिकारी ने आईएएस के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक कॉन्सेप्ट नोट डाला। इसमें लिखा था कि सीधी भर्ती के आईएएस अफसर को 14 साल में 4 साल कलेक्टरी मिलनी चाहिए। इससे उन्हें फील्ड का अनुभव मिलता है। साथ ही, प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी भी मिलती है। इससे उन्हें आगे चलकर प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलती है। इस पर एक दूसरे युवा अफसर ने भी सदस्यों से जवाब मांगे। तब नेहा मारव्या ने जवाब दिया। यही जवाब वायरल हुआ और खबर बना।

फील्ड पोस्टिंग आजतक नहीं मिली

नेहा मारव्या ने व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा ‘बहुत दुख होता है जब इस मामले पर चर्चा होती है। मुझे 14 साल में एक बार भी फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली। साढ़े तीन साल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उपसचिव बनाकर बैठाया गया। फिर ढाई साल से बिना काम के राजस्व विभाग में उपसचिव बनाया गया। बीते 9 महीने से मेरे पास कोई काम नहीं है। इस तरह मुझे दीवारों में कैद करके रख दिया गया है।’ दरअसल, उनकी ये पीड़ा उनकी अकेले की नहीं है। यह कई आईएएस अधिकारियों का दर्द है, जो इस बहाने चर्चा में आया।

कौन है आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या

आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या सिंह मूलरूप से यूपी की रहने वाली हैं। 22 अगस्त 1986 को जन्म नेहा मारव्या सिंह ने इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की डिग्री हासिल कर रखी है। ये ग्रामीण विकास विभाग में डिप्टी सचिव, जबलपुर जिला पंचायत सीईओ, एसडीओ, भू राजस्व अधिकारी अशोकनगर, एसडीए भोपाल, असिस्टेंट कलेक्टर बेतूल आदि पदों पर रह चुकी हैं।