Movement in Front of MPPSC : युवाओं का MPPSC के दफ्तर के सामने 5 दिन से प्रदर्शन, नेता प्रतिपक्ष मिलने पहुंचे!

जानिए, आंदोलनकारी युवाओं की मांगे क्या है और उनके आरोप क्या है!

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Movement in Front of MPPSC : युवाओं का MPPSC के दफ्तर के सामने 5 दिन से प्रदर्शन, नेता प्रतिपक्ष मिलने पहुंचे!

Indore : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के सामने हजारों के तादाद में युवा 5 दिन से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है। शनिवार को धरना प्रदर्शन का पांचवा दिन रहा। प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि मांगे पूरी न होने तक वे अपना धरना जारी रखेंगे।

अपनी मांगों को लेकर बुधवार को हजारों की तादात में इन युवाओं ने भोलाराम उस्ताद मार्ग से लेकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर तक पैदल मार्च निकाला। इसके बाद वे लोक सेवा आयोग ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। दो छात्र आमरण अनशन पर भी बैठे हैं। इनके साथ एमपीपीएससी के साथ अन्य एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट भी हैं। इस विरोध प्रदर्शन से युवा लगातार जुड़ते जा रहे हैं। हजारों के तादाद में युवा धरना दे रहे हैं।

 

आंदोलन कर रहे छात्रों की मांगें

आंदोलनकारी युवाओं का कहना है कि उनकी मांगें इस प्रकार है :

– 2019 की मुख्य परीक्षा के कॉपियां दिखाई जाए और मार्कशीट जारी की जाए।

– एमपीपीएससी 2025 में राज्य सेवा में 700 और वन सेवा में 100 पदों के साथ नोटिफिकेशन जारी किया जाए।

– 2023 राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया जाए।

– 87/13 फॉर्मूला करके सभी परिणाम 100% पर जारी किए जाए।

– एमपीपीएससी की भर्ती प्रक्रिया में कई सुधार किए जाए जैसे प्रारंभिक परीक्षा में यूपीएससी की तरह एक भी प्रश्न गलत न हो। नेगेटिव मार्किंग को शुरू करें।

– सीजीपीएससी की तरह मुख्य परीक्षा की कॉपी जांची जाए।

– इंटरव्यू के मार्क्स काम करके बिना कैटेगरी और सरनेम की वीडियो रिकॉर्डिंग साथ आयोजित करें।

 

माइक छीनने और टेंट नहीं लगाने दिया

युवाओं ने प्रशासन के ऊपर कई आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन के पहले दिन कुछ प्रशासनिक अधिकारी यह आश्वासन देकर गए थे कि उन्हें शौचालय, खाना- पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे। अब छात्राओं का कहना है कि धरना प्रदर्शन के दौरान सभी को कई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर वहां मौजूद महिलाओं को शौचालय इस्तेमाल करने में दिक्कत हो रही है। धरना प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर मौजूद शौचालय का इस्तेमाल करने में भी सोचना पड़ रहा है। यहां स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जा रहा।


इसके अलावा छात्रों ने यह आरोप भी लगाया की उनसे उनका माइक छीन लिया गया, जिस कारण अब वहां मौजूद भीड़ में सही तौर पर बातचीत नहीं हो पा रही। यहां टेंट लगाने की इजाजत नहीं दी गई और उन्हें धरना स्थल से वापस भेज दिया गया।

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नेता प्रतिपक्ष भी धरना स्थल पर पहुंचे

शनिवार रात को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी लोक सेवा आयोग के बाहर छात्रों से मिलने पहुंचे और उनकी मांगों का समर्थन किया उन्होंने कहा कि सरकार युवक़ों के भविष्य के मजाक कर रही। युवा 5 दिन से ठंड में धरना दे रहे हैं, पर सरकार इनकी सुध क्यों नहीं ले रही। सरकार को बताना चाहिए कि एमपीपीएससी के कितने पद खाली है और उन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा। सरकार इनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो विधानसभा के अगले सत्र में स्थगन प्रस्ताव लाया जाएगा।

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इससे पहले गुरुवार रात पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी इन आंदोलनकारी युवक़ों से मिलने गए थे। उन्होंने कहा था कि मैं आपके परिवार का सदस्य हूं। पटवारी ने इस आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया। जीतू पटवारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे।