विधायकों से ट्यूनिंग नहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष हटेंगे, 29 दिसंबर तक बदल जाएगा जिलों का बीजेपी नेतृत्व

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विधायकों से ट्यूनिंग नहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष हटेंगे, 29 दिसंबर तक बदल जाएगा जिलों का बीजेपी नेतृत्व

भोपाल: भाजपा में जिन जिला अध्यक्षों का अपने क्षेत्र के भाजपा विधायकों से ट्यूनिंग नहीं हैं, उन्हें दोबारा से जिला अध्यक्ष की कमान नहीं मिल सकेगी। भाजपा में चल रहे संगठन चुनाव के तहत यह आम राय लगभग हर जिले में बन गई है। वहीं जो अध्यक्ष लंबे समय से इस पद पर काबिज हैं उनकी भी छुट्टी करने की तैयारी हो चुकी है। इस पूरी व्यवस्था में पार्टी अपने 80 से 90 प्रतिशत जिला अध्यक्षों को इस बार बदल सकती है। इनकी जगह पर युवा और नए लोगों को जिले के कमान दी जा सकती है।

सूत्रों की मानी जाए तो पार्टी में जिला स्तर पर जो राय प्रदेश संगठन के सामने आ रही है, उसके बाद अधिकांश जिलों में अध्यक्ष बदले जाने की तैयारी कर ली गई है। अधिकांश जिलों में जिला अध्यक्षों की अपने क्षेत्र के भाजपा विधायकों से ट्यूनिंग नहीं जम रही है। उनके बीच में समन्वय का अभाव है, ऐसे में विधायक नहीं चाहते कि ऐसे व्यक्ति को संगठन की कमान जिले में दी जाए। इस संबंध में पार्टी के अंदर हर जिले में परामर्श चल रहा है, बैठकों को दौर तेज होने जा रहा है।

प्रदेश संगठन ने भी यह तय कर लिया है कि विधायकों को संगठन चुनाव में तवज्जो दी जाए, इसके चलते जिले के सभी भाजपा विधायकों की राय अहम हो गई है। ऐसे में कई जिलों के जिला अध्यक्ष संगठन चुनाव के दौरान बदल दिए जाएंगे।

वहीं जिन जिला अध्यक्षों को चार साल से ज्यादा का समय हो चुका है, उन्हें भी बदले जाने का मन जिला स्तर पर ही बना लिया गया है। उनकी जगह पर दूसरे कार्यकर्ता को मौका दिए जाने के लिए संगठन के अंदर समन्वय बनाने के प्रयास होंगे। इन दोनों व्यवस्थाओं में करीब 80 से 90 प्रतिशत जिले प्रभावित हो सकते हैं। इन जिलों में पुराने जिला अध्यक्षों का हटना तय माना जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा संगठन में 60 जिले हैं। इन सभी में समन्वय से ही जिला अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी का जोर है।

 *29 दिसंबर तक बदल जाएगा जिलों का नेतृत्व* 

जिला अध्यक्षों के चुनाव 30 दिसंबर तक होना है, लेकिन पार्टी ने तय किया है कि एक दिन पहले यानि 29 दिसंबर तक ही सभी जिलों के अध्यक्षों की घोषणा हो जाए। पार्टी यह तय कर रही है कि एक साथ ही सभी जिला अध्यक्षों की घोषणा करना है या फिर जिन जिलों में सहमति बन जाए और अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग जाए, वहां-वहां के जिला अध्यक्ष की घोषणा की जाती रहे।