मध्यप्रदेश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है…

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मध्यप्रदेश के लिए आज ऐतिहासिक दिन है…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्यप्रदेश के निवासी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर उनकी महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो परियोजना का पहला पुष्प केन-बेतवा लिंक परियोजना के रूप में राष्ट्र को समर्पित हो रहा है। और यह संयोग ही है कि जिस मतंगेश्वर की नगरी खजुराहो में इस परियोजना का भूमिपूजन 25 दिसंबर 2024 को हो रहा है, वहां के सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के ही विष्णु दत्त शर्मा हैं। और यह संयोग ही है कि स्वर्गीय अटल जी से राजधर्म की सीख लेने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का भूमिपूजन कर रहे हैं। और यह संयोग ही है कि शिव उपासक अटल जी के सपने के पूरा होते समय मध्यप्रदेश के मुखिया महाकाल के उपासक डॉ. मोहन यादव हैं। तो निश्चित तौर पर 25 दिसंबर 2024 का दिन मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक होने वाला है। जिस केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन होने जा रहा है, उससे सूखे से अभिशप्त बुंदेलखंड श्रापमुक्त होकर हरा-भरा होने की दिशा में कदम बढाएगा। प्रधानमंत्री मोदी देश की पहली केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास करने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश को अनेक सौगातें देंगे। वह देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन और प्रथम किश्त का वितरण करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी की स्मृति में स्टॉम्प और सिक्का जारी करेंगे। पूरा मध्यप्रदेश और देश अटलमय रहेगा।

मध्यप्रदेश के खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास बुंदलेखंड के लिए मील का पत्थर साबित होगा। देश को नदी जोड़ो की परिकल्पना देने वाले युगदृष्टा स्व. वाजपेयी की जयंती पर यह मध्यप्रदेश के लिए वाकई एक बड़ी सौगात होगी।प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परियोजना के शिलान्यास के साथ ही स्व. वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा। वहीं इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा। इससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।

मध्यप्रदेश के लिए यह दिन ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है। परियोजना के द्वितीय चरण की 240 मेगावॉट क्षमता के लिये एमपीपीएसीए से आवश्यक सहमति उपरांत चयनित विकासक “सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड” से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना प्रस्तावित है। पुण्य सलिला माँ नर्मदा के ऊपर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना को प्रदेश की जनता को समर्पित करना प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति सरकार के सतत प्रयासों को प्रदर्शित करता है। यह ‘क्लीन मध्यप्रदेश’ और ‘ग्रीन मध्यप्रदेश’ की दिशा में मोहन सरकार का बड़ा कदम है।

प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन कर प्रथम किश्त का वितरण भी करेंगे। प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों में से भवन विहीन, जीर्ण-शीर्ण भवन और अनुपयोगी 2500 ग्राम पंचायतों को नवीन भवन की स्वीकृति के लिये चिन्हित किया गया है। प्रारंभिक चरण में 1153 नवीन पंचायत भवनों के लिये 437.62 करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी का मत था कि पंचायत भवन, ग्राम पंचायत की सर्वाधिक मूल एवं महत्वपूर्ण अधोसरंचना है। इससे पंचायतीराज व्यवस्था सशक्त होगी।

वैसे आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पूरा देश मनाएगा। 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी जी ने तीन बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। वाजपेयी जी को सन् 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राजनेता होने के साथ ही वे एक कोमल हृदय के कवि भी थे। आज अटल जी का शताब्दी जयंती वर्ष मध्यप्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। तो मोदी के साढे दस साल के शासन में 25 दिसंबर 2024 का दिन सबसे खास बनने वाला है। इससे वास्तव में बुंदलेखंड की तकदीर और तस्वीर बदलने वाली है। और मध्यप्रदेश अपनी माटी के सपूत अटल के सम्मान के लिए मोदी का आभार जताता रहेगा। यह वास्तव में अटल जी का नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का सम्मान है और देश में अटल जी के करोड़ों प्रशंसक गौरवान्वित महसूस करेंगे

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