IAS Officer Made ENC : जल संसाधन विभाग के ENC की जिम्मेदारी IAS अधिकारी को क्यों दी गई! 

जानिए, आखिर प्रधानमंत्री के दौरे से समय क्या मज़बूरी आड़े आई!

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IAS Officer Made ENC : जल संसाधन विभाग के ENC की जिम्मेदारी IAS अधिकारी को क्यों दी गई! 

Bhopal : छतरपुर में बुधवार को हुए केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के शिलान्यास के चलते सरकार को इस पद के लिए पात्र इंजीनियर नहीं मिल पाया। ऐसी स्थिति में इस पद का चार्ज एक आईएएस अफसर को देना पड़ा। नरेंद्र मोदी जब खजुराहो में इस परियोजना का शिलान्यास करने आए तो जल संसाधन विभाग के सचिव प्रमुख अभियंता के रूप में मौजूद रहे। इसलिए कि जल संसाधन विभाग में प्रमुख अभियंता के पद पर सरकार किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाई।

सरकार केन-बेतवा लिंक और पार्वती-कालीसिंध-चंबल राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए तेजी से काम कर रही है। 17 सितंबर को पार्वती कालीसिंध चंबल नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा जारी एक आदेश में जल संसाधन विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा को हटा दिया गया था।

वे रिटायर अधीक्षण यंत्री थे और संविदा के आधार पर इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे। शिरीष मिश्रा को हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद जल संसाधन विभाग तकनीकी मुखिया विहीन हो गया है। हाईकोर्ट ने मिश्रा की नियुक्ति पर मई में रोक लगाते हुए राज्य सरकार और मिश्रा को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था। दो दिन पहले कोर्ट ने मिश्रा को हटाने के आदेश पर सख्ती से अमल के आदेश दिए थे। इसके बाद से यह पद खाली है।

पदोन्नति पर रोक के चलते ऐसी स्थिति पीएचई विभाग समेत कई विभागों में है। सरकार प्रमुख अभियंता पद के लिए योग्य अधिकारी नहीं तलाश पा रही और अधिकांश विभागों में संविदा पर पदस्थापना फोकस किए जाने का विरोध होने लगा है। यही वजह है कि आज एक आईएएस अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई

इसलिए हटना पड़ा शिरीष मिश्रा को 

भोपाल के जोश सिंह कुसरे और विनोद सिंह टेकाम ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (ईएनसी) के रूप में शिरीष मिश्रा की नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया। लेकिन, आज 25 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छतरपुर जिले के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करने आए तो सरकार इस पद के लिए योग्य इंजीनियर नहीं था। ऐसी स्थिति में आनन-फानन जल संसाधन विभाग के सचिव और आईएएस अधिकारी को प्रमुख अभियंता का चार्ज सौंपा गया।