Anticipatory Bail Plea Rejected : कोर्ट में सौरभ शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर की!
जानिए, किस आधार पर कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत को नामंजूर किया!
Bhopal : करोड़ों की अवैध कमाई करने वाले सौरभ शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी हथकंडे अपनाना शुरू कर दिए। उसने खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए भोपाल की जिला अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। जिला अदालत के विशेष न्यायाधीश रामप्रताप मिश्रा ने सौरभ शर्मा की अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी नामंज़ूर कर दी।
सौरभ शर्मा के वक़ील ने अदालत में दलील दी, कि आरोपी लोक सेवक नहीं है, अतः उसे अग्रिम ज़मानत का लाभ दिया जाए। न्यायाधीश ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए और मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम ज़मानत देने से इंकार कर दिया।
सौरभ ने आरटीओ कांस्टेबल के पद से वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत रिटायरमेंट ले लिया था। इसके बाद भोपाल के नामी बिल्डरों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी में बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू कर दिया था। उसके यहां लोकायुक्त ने छापा मारा जिसमे करोड़ों रुपए कैश और सोना, चांदी मिला था। भोपाल में काली कमाई के धनकुबेर सौरभ शर्मा के खिलाफ अब एक्शन शुरू हो गया है। इनकम टैक्स विभाग की सिफारिश पर सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है। सौरभ शर्मा के खिलाफ कार में कैश और गोल्ड मिलने के मामले में ये एक्शन हुआ है।
फर्जी दस्तावेजों से अनुकंपा नियुक्ति
काली कमाई के कुबेर सौरभ शर्मा ने दस्तावेजों में बड़ा फर्जीवाड़ा किया था, ताकि उन्हें परिवहन विभाग में अनुकंपा से नियुक्ति मिल सके। ऐसा करने के लिए नियमों को दरकिनार कर और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने ये नौकरी पाई थी। सौरभ की मां उमा शर्मा ने फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। सौरभ की मां ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिए गए शपथपत्र में जानकारी दी थी कि बड़े बेटे की नौकरी शासकीय नहीं है। जबकि, सच्चाई ये है कि सौरभ का भाई छत्तीसगढ़ में सरकारी पद पर पदस्थ है।
अनुशंसा का फर्जी पत्र लगाया
मध्यप्रदेश के नियम के मुताबिक अगर परिवार में कोई सरकारी नौकरी में है, तो परिवार के अन्य सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती है। इतना ही नहीं सीएमएचओ की अनुशंसा का भी फर्जी पत्र नौकरी पाने के लिए लगाया गया। गुरुवार रात लगभग 1:30 बजे आयकर विभाग की टीम ने एक लावारिस इनोवा क्रिस्टा को जब्त किया।