मिशन मोदी की राह पर रोड मैप बनाती मोहन सरकार
– अरुण पटेल
मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार भी प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी की राह पर चलने का मन बना चुकी है। इसके लिए मंथन कर रोड मैप भी तैयार कर लिया गया है। मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री मोदी के गरीब, युवा, नारी व किसान कल्याण के कार्यों को मिशन की राह पर पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लेती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में लगभग पांच घंटे तक मंत्रियों व अधिकारियों ने मंथन कर रोड मैप तैयार किया है।
इसके तहत रोजगार देने वाले उद्योगों पर फोकस देने के साथ ही साथ किसानों की आमदनी कैसे बढ़े और उन्हें पशुपालन व उद्यानिकी से जोड़ने, युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने व दिलाने के साथ ही महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विचार विमर्श भी किया गया। जो चार मिशन तैयार किए गए हैं उनका क्रियान्वयन भी विभागों के समन्वय से होगा। अगले साल 2025 की जनवरी के दूसरे पखवाड़े में शहडोल में रीजनल इनवेस्टर समिट तो फरवरी में ग्लोबल इनवेस्मेंटर समिट का आयोजन होगा।
मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए उनसे कहा गया है कि वे विभागों में समीक्षा करके योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पात्रों को दिलाने की दिशा में कारगर प्रयास करेंगे। इस प्रकार मोहन यादव मध्यप्रदेश के विकास को पंख लगाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं ताकि वह इन क्षेत्रों में नई ऊंचाई पाने के लिए छलांग लगा सकें।
अक्सर यह देखा गया है कि बड़ी आकर्षक व लोक-लुभावन घोषणायें हो जाती है और योजनायें बन जाती हैं लेकिन क्रियान्वयन में उतनी सजगता व गति नहीं होती कि उसका लाभ वांछित रुप से समाज में अंतिम पंक्ति तक खड़े उस व्यक्ति को मिले जिसके लिए योजनायें बनाई गयी हैं।
यह जमाना युवाओं और तरुणाई का है और उनमें कुछ कर दिखाने का माद्दा भी होता है इसलिए उन्हें सामाजिक पहल का हिस्सा बनाने के प्रयास भी तेज होंगे। स्वामी विवेकानंद युवा षक्ति मिशन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार के लिए क्षमता, संवर्धन पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जायेगा। 15 से 29 वर्ष तक के युवाओं को सामाजिक पहल का हिस्सा बनाने का भी काम होगा। महिलाओं, दिव्यांग, युवाओं, किसानों और आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग पर विशेष ध्यान केंद्रित रहेगा।
गरीब कल्याण मिशन में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग पर विशेष केंद्रित रहेगा। चिन्हित योजनाओं का लाभ पात्रों को दिलाने के उद्देश्य से आजीविका संवर्धन व संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ किया जायेगा। नारी सशक्तीकरण में आर्थिक विकास और सुरक्षा पर विषेष ध्यान दिया जायेगा। सरकारी सेवाओं में महिलाओं को अवसर उपलब्ध कराने के लिए समाज में आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के भी प्रयास होंगे ताकि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। महिला और बाल विकास के प्रति सकारात्मक व्यवहार के लिए पुरुष संवेदनशीलता बढ़ाना और जागरुकता फैलाना भी मिशन का उद्देश्य होगा।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन के साथ ही उद्यानिकी फसलों का विस्तार किया जायेगा। दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर आमदनी बढ़ाई जायेगी तो उद्यानिकी फसलों के जरिये खेती को लाभ का धंधा बनाया जायेगा और प्रसंस्करण की सुविधाओं का भी विस्तार किया जायेगा। डॉ यादव का मानना है कि हर गरीब के जीवन स्तर में सुधार लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिशन मोड में काम किया जायेगा। प्रदेश में बजट दोगुना किया जायेगा और 10 से 12 लाख की आबादी वाले शहरों से सटी हुई ग्राम पंचायतों को मिलाकर नगर परिषद बनायेगे ताकि तेजी से विकास हो सके।
रेडीमेड गारमेंटस जैसे अधिक रोजगार देने वाले सक्षम उद्योगों की स्थापना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जायेगा। हाल ही में विधानसभा के सत्र में जो अनुपूरक अनुमान यानी सप्लीमेंटरी बजट पारित किया गया था उसको राज्यपाल मंगुभाई पटेल की हरी झंडी मिल गयी है और 22460 करोड़ रुपये व्यय कर योजनाओं को गति दी जायेगी तथा रुके हुए काम तेजी से पूरे होंगे। इसमें सड़क व पुलिया निर्माण के साथ ही साथ नलजल जीवन मिशन योजना का ध्यान रखा गया है।
राज्य में उद्योग-धंधे की चिंता भी सरकार ने की है। वहीं दूसरी ओर यह भी प्रयास किया गया है कि यहां अधिक से अधिक निवेश आये और इसके लिए बजट में राशि का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश सरकार का फोकस उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन पर है, इसी को ध्यान में रखते हुए एमएसएमई प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश और संवर्धन और सुविधा प्रदाय योजना के लिए 40 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री उद्यम विकास योजना के लिए 50 करोड़ और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा के लिए 8763 करोड़ रुपये और नगरीय विकास एवं आवास के लिये 859 करोड़ रुपये, महिलाओं एवं बाल विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सप्लीमेंटरी बजट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गेमचेंजर लाडली बहना योजना के लिए 465 करोड़ रुपये, लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 85 करोड़ रुपये मिले हैं। यह राशि मुख्य बजट से अतिरिक्त होगी। इसी तरह सरकार ने किसानों का भी विशेष ध्यान रखा है।
अटल कृषि योजना के लिए 8483 करोड़ रुपये तथा टेरिफ अनुमान पर 280 करोड़ का प्रावधान है, जबकि नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत सिंचाई परियोजनाओं के लिए 2125 करोड़ रुपये एवं अन्य सिंचाई परियोजनाओं के लिए 1593 करोड़ का प्रावधान हे। जलजीवन मिशन के लिए नेशनल रुरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन के लिए 3420 करोड़ रुपये और ग्रामीण नलजल योजना के लिए 54 करोड़ तथा ग्रामीण जलप्रदाय योजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
और यह भी!
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि अब कतार में मंडियों में अन्नदाता नजर नहीं आयेंगे और नये साल से किसान स्वयं अपना ई-पास बना सकेंगे। डॉ यादव ने निर्देश दिया है कि मंडियों में ई-पास से प्रवेश करने की व्यवस्था लागू करें। अभी तक प्रदेश की 42 मंडियों में ई-पास से किसानों को यह सुविधा दी गयी है कि वह मोबाइल एप से स्वयं पर्ची बना सकें। 41 मंडियों में यह व्यवस्था नए साल के आगाज के साथ चालू हो जायेगी। एक अप्रैल से 259 मंडियां ई-मंडी के रुप में काम करेंगी। समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा उठाव में देरी होने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई और कहा कि नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम के भरोसे न रहें। कमिश्नर और कलेक्टर से निगरानी करायें ताकि उठाव में देरी न हो। असल में यह भी शिकायतें आई हैं कि प्रदेश के कुछ संभागों में खरीदी के बाद जमा होने वाली धान के उठाव में देरी हो रही है जबकि मौसम खराब है। केंद्रों के बाहर पड़ी धान कुछ जगह भीग भी गई है।