Bhopal : आज सरकार ने सामाजिक पहल करते हुए कैबिनेट की बैठक में घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं को राहत देने की घोषणा की। प्रभावित महिलाओं को 2 और 4 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद के अलावा कोर्ट तक आने-जाने का खर्च भी सरकार देगी। कलेक्टर, एसपी और महिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी इसे देखेंगे। नई शराब दुकान नहीं खोले जाने का निर्णय लिया गया। लेकिन, इंदौर और भोपाल में माइक्रो ब्रेवरीज खोले जाने को मंजूरी दी गई है।
चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25% पद अब सीधी भर्ती से भरे जायेंगे|
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कैबिनेट की बैठक ली। जिसमें कई अहम प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इनमें घरेलू हिंसा में महिलाओं को सहायता राशि देने, आयुष्मान योजना का लाभ भोपाल गैस पीड़ित परिवारों को देने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई। शिवराज कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। बताया कि कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें पीड़िता को शरीर के किसी भी अंग की क्षति 40% से कम होने पर 2 लाख और इससे अधिक होने पर 4 लाख रुपए तक सहायता दी जाएगी। वहीं, चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25% पद अब सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। शेष पदों पर क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा। कैबिनेट में 18 प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना लागू है। लेकिन, इसमें सभी प्रकार की हिंसा शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने घरेलू हिंसा की पीड़िता को सहायता देने का प्रविधान करने की घोषणा की थी। इसके अनुरूप योजना बनाई है। इसमें घरेलू हिंसा की शिकार बालिका या महिला को जिले के वन स्टाप सेंटर को प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के साथ आवेदन देना होगा। प्रतिकर योजना में दोषसिद्ध पर ही पूर्ण मुआवजा राशि दी जाती है, जबकि नई योजना में ऐसी बाध्यता नहीं है।
ग्रामीण भू स्वामित्व जैसी योजना शहरी क्षेत्र में भी लागू किए जाने का निर्णय किया गया। सरकार ने आयुष्मान योजना का लाभ भोपाल गैस पीड़ित परिवारों को भी देने का फैसला किया है। लोक परिसंपत्तियों के समुचित सदुपयोग के लिए पृथक विभाग होगा। आबकारी विभाग ने उप दुकानें खोलने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही प्रदेश में अंगूर के अलावा जामुन से शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी।