Kissa-A-IPS :IPS Aparna Rajat Kaushik: संघर्ष, मेहनत, अनुशासन की मिसाल है अमेठी की SP
Aparna Rajat Kaushik: उत्तर प्रदेश के अमेठी की पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक अपने तल्ख अंदाज के लिए जानी जाती हैं। उन्हें अपराध बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने अपने पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल के दौरान कई पैचीदे मामले निपटाए। उन्होंने शाहजहांपुर जनपद में एक रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाते हुए आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई कराई और उसे सजा दिलाई। इसके साथ ही ‘मिशन शक्ति अभियान’ हो या फिर अपराध से जुड़ा कोई भी मामला IPS अधिकारी अपर्णा ने अपने कड़े निर्देश और मेहनत से सब जगह कानून व्यवस्था एकदम बेहतर की।
वर्तमान में Aparna Rajat Kaushik
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक और संवेदनशील जिले अमेठी की पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी पहली प्राथमिकता अपराध मुक्त अमेठी है। इसके साथ ही नशे के कारोबार पर रोक लगाना। इसके अलावा महिलाओं से संबंधित अपराध का प्राथमिकता से निस्तारण और फरियादियों को पुलिस पर आत्मविश्वास दिलाना,उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। अपर्णा अपने परिवार की चौथी पीढ़ी की संतान हैं, जो पुलिस विभाग में है। उनके परदादा अंग्रेजों के समय पुलिस में थे। दादा भी ब्रिटिश राज में पुलिस विभाग में रहे। उनके मन में कभी डर जैसी कोई बात नहीं रही। आज भी वे महिलाओं और छात्राओं की परेशानी को गंभीरता से लेती हैं और इन्हें सॉल्व करने के रास्ते तलाशती हैं।
अपर्णा 2015 बैच की IPS अधिकारी हैं और अमेठी की पुलिस अधीक्षक हैं। इससे पहले वे कासगंज और औरैया जिले की भी कमान संभाल चुकी हैं। पुलिस सेवा में आने से पहले अपर्णा कौशिक प्राइवेट सेक्टर में जॉब करती थीं। उन्होंने 18 लाख के पैकेज की बिजनेस एनालिसेस की जॉब छोड़कर सिविल सर्विस को चुना और सफलता भी पाई। 1991 में जन्मी अपर्णा कौशिक अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां प्रीति गौतम को देती हैं। पिता रणवीर सिंह गौतम सब-रजिस्ट्रार थे लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि उनके जन्म से पहले ही पिता का निधन हो गया। ऐसे में मां ने ही मां और पिता दोनों का फ़र्ज़ बखूबी निभाया और जीवन से संघर्ष करना सिखाया। उनकी मम्मी पहली महिला उच्च शिक्षा निदेशक रही हैं। वे 2019 में रिटायर हुईं।
अपर्णा की प्राइमरी शिक्षा रामपुर से हुई। 2006 में हाईस्कूल में स्टेट की टॉपर रहीं। हाईस्कूल के बाद जयपुर चली गई और 2008 में सेंट जेजियस स्कूल से फर्स्ट डिवीजन से 12वीं पास करने के बाद NIT प्रयागराज से बीटेक की पढ़ाई की। 2012 में बीटेक कंप्लीट करते ही कैंपस प्लेसमेंट से अच्छी जॉब मिल गई। 2012 में 18 लाख रुपए सालाना पैकेज पर गुरुग्राम में बिजनेस एनालिटिक्स के पोस्ट पर जॉब मिली। अपर्णा को कॉर्पोरेट जॉब में कोई परेशानी नहीं थी। ऑफिस की गाड़ी घर लेने आती थी और घर छोड़कर जाती थी। लेकिन, उनका सपना जनता की सेवा थी। बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विस में जाने का मन बना लिया। इसलिए गुरुग्राम में ही नौकरी के दौरान UPSC की तैयारी शुरू की।
अपर्णा ने बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही ठान लिया था कि पब्लिक के लिए काम करना है। लोगों की सुरक्षा के बारे में सोचना है। तभी ठान लिया था कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी है और UPSC क्रैक करना है। गुरुग्राम में नौकरी करते हुए उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। ऑफिस के बाद वे स्टडी करती, रोज नोट्स बनाती रहती। उन्हें बस अपना टारगेट दिखाई देता रहा। लगता था कि किसी भी तरह यूपीएससी क्रैक करना है। जब यूपीएससी का एग्जाम दिया, तो उन्हें विश्वास था कि इसे क्रैक कर लूंगी। रिजल्ट आया तो उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया और वे पास हो गई।
इसके बाद उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी की और फाइनल रिजल्ट में रामपुर की यह लड़की यूपीएससी पास कर चुकी थी। रिजल्ट आते ही उन्होंने सबसे पहले अपनी मम्मी को फोन किया। सुनते ही मम्मी बोली कि मुझे पता था कि एक दिन जरूर अफसर बनोगी। मतलब, मम्मी को मुझसे पहले ही खुशखबरी मिल चुकी थी। घर-परिवार की खुशी देखते ही बन रही थी। अपनी लाइफ का वो दिन मैं कभी नहीं भूल सकती।
अपर्णा कहती हैं, संघर्ष और मेहनत ही सफलता की कुंजी है। हमें अपने सपनों को पाने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। आईपीएस अपर्णा रजत कौशिक की कहानी न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि यह साबित करती है कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।