BJP District President Stuck : 2 जिलों की घोषणा के बाद आज कुछ ओर नामों की होगी घोषणा, भोपाल से रवींद्र यति का नाम लगभग फाइनल!
Bhopal : BJP District President Stuck : मध्य प्रदेश में जिला भाजपा अध्यक्षों के चुनाव को लेकर मची खींचतान माना जा रहा है कि अब लगभग समाप्त हो गई है और अब कभी भी सभी नाम की घोषणा हो सकती है। कल रात 2 जिलों की घोषणा के बाद आज कुछ और जिलों के जिला अध्यक्ष की घोषणा होगी । भोपाल से रवींद्र यति का नाम फाइनल बताया जा रहा है। रविंद्र भोपाल नगर निगम में MIC के मेंबर हैं।
प्रदेश के भाजपा जिला अध्यक्षों की पूर्व घोषित निर्धारित तारीख से सात दिन बाद भाजपा के दो जिलों के अध्यक्ष घोषित कर दिए गए। ये जिले हैं मुख्यमंत्री का गृह जिला उज्जैन और पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह का संसदीय क्षेत्र विदिशा। उज्जैन नगर से संजय अग्रवाल को जिला अध्यक्ष बनाया गया। जबकि, विदिशा जिले से महाराज सिंह दांगी को जिला अध्यक्ष बनाया। प्रदेश में भाजपा के 62 संगठनात्मक जिले हैं, जिनमें अभी दो ही घोषित हुए हैं। 60 अभी बाकी हैं।
पार्टी ने जिन दो जिलों के अध्यक्षों के नाम की घोषणा की, वहां कोई विवाद या असंतोष जैसी स्थिति भी नहीं थी और न होने की कोई संभावना ही थी। दोनों जिलों से सिंगल नाम थे, जो घोषित करने में कोई अड़चन जैसी बात नहीं थी। आख़िर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के इलाके में कौनसा नेता अड़चन डालेगा।
सवाल उठता है कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के गृह जिले मुरैना और उनके संसदीय क्षेत्र के जिलों के अध्यक्ष क्यों घोषित नहीं हुए! वे तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, वहां ऐसी सहमति क्यों नहीं बन सकी कि सिंगल नाम ही भेजा जाता जिसकी घोषणा में कोई पेंच भी नहीं आता। पार्टी के दमदार नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर और संसदीय क्षेत्र गुना के जिला अध्यक्षों के नाम भी अटके हुए हैं।
भाजपा के बाकी किसी बड़े नेता के क्षेत्र में जिला अध्यक्ष घोषित न होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वहां ऐसे पेंच जरूर हैं, जिन्होंने पार्टी को उलझा रखा है। पार्टी संगठन भी इस मामले में इसलिए जल्दबाजी नहीं कर रहा कि कहीं दांव उल्टा न पड़ जाए। उसे असंतोष बढ़ने और नया विवाद खड़ा होने का भी खतरा नजर आ रहा है। बाकी के 60 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों के नाम कब सामने आएंगे, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि आज रात तक या मंगलवार को इनकी घोषणा होगी।
पार्टी के अंदर से रिसी जानकारियां बताती है कि सभी जिलों के अध्यक्षों के नाम एक साथ सामने आ सकें, ऐसी स्थिति नहीं है। ये दो जिलों के नाम भी इसलिए घोषित किए गए कि यहां स्थिति स्पष्ट थी। लेकिन, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी अपने गृह जिले और संसदीय क्षेत्र में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं कर सके। इसके अलावा राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, जगदीश देवड़ा, चेतन कश्यप और राजेंद्र शुक्ल जैसे नेताओं के पराभव वाले जिलों के अध्यक्ष की घोषणा अभी अटकी हुई है।