BJP President Election: महानगरों में जद्दोजहद जारी, शेष नामों की घोषणा आज कल में, घोषित 32 नामों में से 11 रिपीट, 2 जिलों में विरोध के स्वर!

151
Bjp Membership Campaign

BJP President Election: महानगरों में जद्दोजहद जारी, शेष नामों की घोषणा आज कल में, घोषित 32 नामों में से 11 रिपीट, 2 जिलों में विरोध के स्वर!

रामानंद तिवारी की रिपोर्ट       

भोपाल। भाजपा ने अब तक कुल 32 जिलों के जिलाध्यक्ष घोषित जरूर कर दिए, लेकिन जिलाध्यक्षों की घोषणा होते ही विरोध-अवरोध के स्वर मुखर हो गए है। संगठन ने पहली बार में 2 , दूसरी बार में 18 और मंगलवार को 12 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी।

श्योपुर के भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र गौतम ने इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया है कि श्योपुर में गलत आदमी को जिला अध्यक्ष बनाने से कार्यकर्ताओ की भावना आहत हुई। इसलिए मंगलवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। गौतम का इस्तीफा सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। वहीं दूसरी ओर शिवपुरी जिलाध्यक्ष की सक्रिय सदस्यता लगभग साढ़े चार साल ही हुआ है। जब कि पार्टी के नियमानुसार जिलाध्यक्ष के दावेदार को कम से कम छह साल का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य था। लेकिन भाजपा ने अपने बनाए हुए नियमों को ही कांग्रेस से भाजपा में आए बाहुबली नेता के प्रभाव मंडल में आकर दर किनार करते हुए शिवपुरी जिला का जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव को घोषित कर दिया। हालांकि जसमंत के जिला अध्यक्ष बनते ही मूल भाजपाई धीरे-धीरे पार्टी के इस निर्णय का विरोध कर रहे है।

 *“ 32 नामों में से 11 रिपीट, शेष निर्विवाद जिले के ”* 

भाजपा संगठन ने जिन 32 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है,उनमें से कई पुराने जिलाध्यक्षों को ही रीपिट किया गया है। इसके अलावा जिन नामों की घोषणा की गई है,उनमें उज्जैन से मुख्यमंत्री मोहन यादव की पसंद एवं विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पसंद को तरजीह दी गई है। इसके अलावा यदि देखा जाए तो महज कुछ नाम ऐसे है, जो कि निर्विवाद जिले के है। दरअसल, इन छोटे जिलों के नाम घोषित किए जाने को लेकर संगठन स्तर पर किसी प्रकार का विरोध-अवरोध पूर्व में भी नही था। इसलिए संगठन ने कुल 32 नामों को घोषित कर अपनी लाज बचाने की कोशिश की। इसके बावजूद घोषित किए गए जिलाध्यक्षों में से कुछ जिलों में विरोधी स्वर उठने लगे है।

 *“ मंत्री,विधायक,पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद की जद्दोजहद बनी रूकावट ”* 

जानकारों के अनुसार भाजपा के संगठन चुनाव में ऐसा कभी नहीं हुआ कि टुकड़ो-टुकड़ों में जिलाध्यक्षों की घोषणा हो, ऐसा पहली बार ही हो रहा है। पार्टी के नेता एवं संगठन के नेताओं के अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेताओं में आपसी रस्साकशी अभी भी जारी है। इस वजह से बड़े महानगर इंदौर सहित अन्य कई जिलों में जिलाध्यक्षों की घोषणा संगठन नही कर पा रहा है। खीचतान की स्थिति इंदौर की भी है, यहां ताई,भाई के अलावा सीएम का भी प्रभाव है। अब तक ताई,भाई की खीच-तान तो आए दिन सुर्खिया बनती थी। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर के प्रभारी है, इसलिए उनका हस्तक्षेप भी जिलाघ्यक्ष के चयन में बढ़ गया है। जिस वजह से आपसी रस्साकशी के चलते जिलाध्यक्ष की घोषणा अधर में है।

 *“ नेता जायेंगे जेल,पूर्व मंत्री की भविष्यवाणी ”* 

सागर में तो कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं की एंन्ट्री की वजह से सागर की राजनीति की पिक्चर ही बदल गई। अब तक तो भूपेन्द्र सिंह और गोपाल भार्गव की अदावत चलती थी। लेकिन अब कांग्रेस से भाजपा में आए नेता मंत्री गोविंद राजपूत के आने से पूर्व मंत्री एवं मंत्री दोनो नेताओं में तलवारे खीची हुई है। पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह तो खुली भविष्यवाणी कर रहे है कि परिवहन घोटाले में दो कद्दावर नेताओं का जेल जाना सुनिश्चित है।

*“ जब अन्य दल से आए नेता मंत्री बन सकते है तो जिलाध्यक्ष क्यों नही ”* 

केन्द्रीय नेतृत्व चाहता है कि जिम्मेदारों की हो ताजपोशी और सभी को संगठन में कार्य करने का मौका मिले संगठन का यही प्रयास रहता है। यह कोई चुनाव आयोग का निर्णय नही कि छह साल वाले सक्रिय सदस्य को ही जिलाध्यक्ष बनाया जाए, यह बात भाजपा के प्रदेश चुनाव अधिकारी विवके शेजवलकर ने कही। जब अन्य दलो से आए नेताओं को भाजपा में मंत्री,सांसद एवं अन्य पद दिए जा सकते है, तो किसी कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनने से कैसे रोक सकते है। ऐसे निर्णय संगठन स्तर पर सर्वसम्मति से ही होते है।

*_“ जद्दोजहद के बीच हुई 32 नामों की घोषणा ”_* 

जद्दोजहद के बीच आखिरकार भाजपा ने 32 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। कयास लगाया जा रहा है कि बचे हुए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा भी जल्द हो जाएगी। अब तक घोषित जिलाध्यक्षों में पार्टी के नेताओं की पसंद. नापसंद का पूरा ख्याल रखा गया है। इसकी वजह से पार्टी की गाइड लाइन को भी किनारे कर दिया गया है। पूर्व में घोषित किए गए 20 नामों में कांग्रेस से दल बदलकर आए दो नेताओं को भी भाजपा ने जिले की कमान सौंपी है।