MP के हर थाने में गिरफ्तार व्यक्ति की पूरी जानकारी अब मिलेगी एक रजिस्टर में,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नये प्रावधान लागू
भोपाल:मध्यप्रदेश में गृह मंत्रालय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नये प्रावधान लागू कर दिए है। अब प्रत्येक पुलिस थाने में एक रजिस्टर रखा जाएगा जिसमें गिरफ्तार व्यक्ति की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। यही नहीं पुलिस को व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद उसके परिजनों को इसकी सूचना भी तत्काल देना होगा और इसका ब्यौरा भी इस रजिस्टर में दर्ज करना होगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अब किसी भी मामले में यदि पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करती है तो थाने में एक रजिस्टर में उसका पूरा ब्यौरा अनिवार्य रुप से दर्ज करना होगा। इसमें गिरफ्तार व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, पूरा पता, मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप नंबर, ईमेल एड्रेस, उस पर दर्ज अपराध क्रमांक एवं धाराएं, गिरफ्तारी की सूचना जिस व्यक्ति को दी गई उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर, जिस व्यक्ति को सूचना दी गई गिरफ्तार व्यक्ति से उसका क्या संबंध है, यह भी दर्ज करना होगा। सूचना कैसे और कब दी गई, यह भी पुलिस को इस रजिस्टर में दर्ज करना होगा।
*बरामद सम्पत्ति का पूरा ब्यौरा भी पुलिस तैयार करेगी-*
मध्यप्रदेश के किसी भी पुलिस थाने में यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है और उसके कब्जे से कोई सम्पत्ति या सामग्री बरामद की जाती है तो न्यायालय या मजिस्ट्रेट को सम्पत्ति प्रस्तुत करने के चौदह दिन के भीतर उस सम्पत्ति का पूरा ब्यौरा भी तैयार करना होगा। इसमें वाहन की दशा में उसका मॉडल, रंग, रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन और चेचिस नंबर, वाहन की स्थिति, पहचान का ब्यौरा बनाना होगा। आभूषण की दशा में उसका नाम जैसे चेन मंगलसूत्र, किस धातु का है सोना चांदी, आभूषण का टंच, वजन, उसकी पहचान, पशु की दशा में पशु का नाम, रंग, पहचान चिन्ह, उम्र, करेंसी नोट की दशा में नोट का प्रकार, नोट की संख्या, नोट का सीरियल नंबर, फसल की दशा में फसल का नाम, वजन, विवरण, धान, तिलहन की दशा में नाम और अन्य विवरण, दस्तावेज की दशा में उसका प्रकार जैसे बीमा, रजिस्ट्रेशन, रजिस्ट्री, दस्तावेज की पृष्ठ संख्या, तैयार, निष्पादित करने की तारीख, समाप्ति की तारीख, वस्तुओं की दशा में नाम, प्रकार, मॉडल, वजन, पहचान चिन्ह, संख्या, अन्य विवरण दर्ज करना होगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अधीन यदि पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी अनुसंधान नहीं करेगा तो इसकी सूचना फरियादी को किसी भी रीति जिसके अधीन इलेक्ट्रानिक संसूचना भी शामल है तत्काल देगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत धारा 193 में दी जाने वाली सूचना के अलावा पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी संज्ञेय अपराध में अनुसंधान के परिणाम के अनुसार आरोप पत्र, खात्मा, खरिजी प्रतिवेदन की सूचना उस अपराध के पीड़ित व्यक्ति को उस व्यक्ति को जिसकी सूचना पर अपराध पंजीबद्ध किया गया था, सूचित करेगा। आरोप पत्र, खात्मा, खारिजी प्रतिवेदन की ऐसी सूचना उसके न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के पूर्व दी जाएगी जिसमें इसका उल्लेख होगा कि यह किस दिनांक को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
इस अधिनियम के तहत नेशनल इन्फ र्मेटिक्स सेंटर दिल्ली द्वारा दांडिक न्याय प्रणाली के लिए एक राष्ट्रीय वीडियोकांफ्रेंसिंग ग्रिड (नेशनल वीडियो कान्फ्रेंसिंग गिड)तैयार किया गया है जिसके माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग की जा सकती है। इसके लिए कलक्टर, पुलिस आयुक्त, एसपी, नग पुलिस अधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जिला जेल, उपजेल, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, शासकीय जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, केन्द्रीय एवं क्षेत्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला, राज्य परीक्षक प्रशास्पद प्रलेख कार्यालय, पर्यवेक्षण गृह, विशेष गृह, आश्रय गृह या कोई संगठन जिसे बाल सुविधा केन्द्र कहा जाता है, महिला संक्षण गृह, आश्रय गृह, नारी निकेतन, महिला सुविधा केन्द्र, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, लोकायुक्त् संगठन, नारकोटिक्स, स्पेशल टास्क फोर्स , अपराध अनुसंधान विभाग या सायबर के जिला कार्यालय मुख्यालय पर इसकी स्थापना होगी।
राज्य सकार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जिला एवं तहसील स्तर पर श्रव्य, दृश्य इलेक्ट्रानिक साधनों से साक्षी की परीक्षा के लिए समय-समय पर वीडियो कांफ्रेसिंग रुम को अभिहित स्थान के रुप में अधिसूचित कर सकेगी।