Cabinet Decisions: MP के सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर रूफटॉप से बिजली, डॉयल 100 के लिए 1565 करोड़ मंजूर
भोपाल: प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों को अब सोलर उर्जा से बनने वाली बिजली से रौशन किया जाएगा। इसके लिए सोलर रूफटॉप की स्थापना की जाएगी। वहीं मध्यप्रदेश में डॉयल 100 के लिए 1565 करोड़ रुपए की मंजूरी आज कैबिनेट ने प्रदान कर दी।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आज प्रदेश के सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना एवं संचालन मिशन मोड में किये जाने की योजना को मंजूरी प्रदान की गई। केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना प्रारंभ की है। इस योजना के तहत घरेलु क्षेत्र में सोलर रूफटॉप की स्थापना के साथ ही प्रदेश के सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना की जाना है। यह स्थापना वर्ष 2024-25 तक की जाना है। इस योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में मिशन मोड में किया जाना है। जिले स्तर पर बीस किलोवॉट व उससे अधिक क्षमता वाले शासकीय भवनों को एग्रीगेट कर निविदा के माध्यम से रेस्को पद्धति या कैपेक्स मोड में उर्जा विकास निगम द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप की स्थापना एवं संचालन की मॉनीटरिंग पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत निर्मित की गई राज्य स्तरीय समन्वय समिति एवं जिला स्तरीय समिति के द्वारा की जाएगी। सभी विभाग अपने भवनों पर तथ सभी जिला कलेक्टर जिले के शासकीय भवनों पर सौर उर्जा संयंत्र लगाने हेतु एक्शन प्लान तैयार कर राज्य स्तरीय समन्वय समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
रेस्को मोड में शासकीय विभागों विभागों, संस्थाओं जिनके पास वित्तीय सहायता बजट नहीं है। उस विभाग के भवन पर विकास इकाई द्वारा पच्चीस वर्ष की अवधि के लिए सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किये जाएंगे तथा जिन विभागों के पास राशि की उपलब्धता है एवं इच्छुक है वहां राज्य स्तरीय समन्वय समिति की अनुशंसा पर कैपेक्स मोड में स्थापित किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश में डॉयल 100 सेवा के दूसरे चरण के लिए नवीन सिस्टम इंटीग्रेटर के चयन के लिए 1565 करोड़ रुपए की डीपीआर की स्वीकृति भी कैबिनेट ने दे दी। इसके तहत केन्द्रीयकृत पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष सेवा के दूसरे चरण अप्रैल 2025 से सितंबर 2030 तक पांच वर्ष छह माह के लिए बारह सौ फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल (एफआरवी) के साथ कुल अनुमानित पंद्रह सौ पैसठ करोड़ रुपए की परियोजना को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी।
प्रदेश के प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड की स्थापना हेतु निरीक्षक बैंड के दस, उपनिरीक्षक बैंड के 38, सहायक उप निरीक्षक बैंड के 72, प्रधान आरक्षक बैँड के 170, आरक्षक बैंड के 642 इस तरह कुल 932 नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है।
अभी संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को बांस विदोहन से प्राप्त शुद्ध लाभ की शत-प्रतिशत कटाई में संलग्न श्रमिकों को दिया जा रहा है जिसके कारण समितियों का सहयोग प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। कई जगह लाभांश का लाभ अन्य जिलों, प्रदेशों से आए श्रमिकों द्वारा लिया जा रहा है और इससे स्थानीय लोग इस लाभ से वंचित हो रहे है। वन अधिकार अधिनियम के अनुसार वन क्षेत्र में स्थित बांस के विदोहन का अधिकार स्थानीय समुदाय में निहित है इसलिए बांस से प्राप्त लाभ का लाभांश प्राप्त करने का अधिकार स्थानीय समुदाय का ही है। इसलिए बांस विदोहन के व्यय को समायोजित करने के बाद प्राप्त राशि को वन समितियों को सौ प्रतिशत देने का कैबिनेट ने निर्णय लिया है। इसका अस्सी प्रतिशत भाग उस वन समिति के सदस्यों को वन समिति आॅनलाईन वितरित करेगी और बीस प्रतिशत भाग सामुदायिक विकास, वन विकास में खर्च करने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है। वर्तमान में विदोहन से प्राप्त होंने वाली काष्ठ की बिक्री से प्राप्त राजस्व का बीस प्रतिशत अभी वन समितियों को दिया जा रहा है। वन समितियों को काष्ठ लाभांश के रुप में प्राप्त राशि का अस्सी प्रतिशत भाग उस समिति को अंतरित होगा जिनके आवंटित वन क्षेत्र के पूर्ण, आंशिक भाग में अंतिम पातन उस वर्ष में प्रारंभ किया हो। समिति को अंतरित राशि का अस्सी प्रतिशत भाग समिति के सदस्यों को वन समित आॅनलाईन वितरित करेगी तथा बीस प्रतिशत भाग सामुदायिक विकास, वन विकास में व्यय होगा। काष्ठ लाभांश की शेष बीस प्रतिशत राशि राज्य के सभी जिलों की वन समितियों के प्रशिक्षण, इसके लिए सुविधाओं का विकास, सूक्ष्म प्रबंध योजना की तैयारी, समितियों में जागरुकता पैदा कने के लिए प्रचार प्रसार , लाभांश वितरण की व्यवस्था तथा वन समितियों से संबद्ध कर्मचारियों की आवास सुविधा के विकास के लिए वन विभाग खर्च करेगा।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री मछुआ समृद्धि योजना को आगामी दो वर्षो तक निरंतर रखे जाने, स्मार्ट फिश पार्लर की स्थापना, तालाबों में मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्यपालन ग्रामीण तालाबों में झींगापालन, मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण, किसान क्रेडिक कार्ड वितरण, एकीकृत सूचना प्रणाली के विकास राज्य मछली महाशीर के संरक्षण के लिए सौ करोड़ रुपए का राज्यांश भी कैबिनेट ने मंजूर किया है। मऊगंज ,मैहर और पांढुर्ना के लिए सहकारिता विभाग के जिला कार्यालयों की मुंजूरी के लिए छह नवीन पद और साठ पद अन्य जिलों से नवीन जिलों में अंतरण करने की मंजूरी भी दी गई।
जलसंसाधन विभाग के अंतर्गत न्यायालय द्वारा अवमानना प्रकरणों में पारित निर्णयों के परिपालन में 46 कार्यभरित कर्मचारियों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ देने 46 लाख 54 हजार 445 रुपए के भुगतान की मंजूरी देने के प्रस्तवों का अनुसमर्थन भी कैबिनेट में किया गया। जलसंसाधन विभाग के अंतर्गत 164 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पांच वे और छटवे वेतनमान के न्यूनतम वेतन के अंतर की एरियर की राशि भुगतान के लिए 9 करोड़ 90 लाख 84 हजार रुपए की मंजूरी दी गई है।