Administrative Misconduct: CM के जिले के क्लर्क का दुस्साहस, कलेक्टर को सीधा लिखा पत्र, बताया- सचिव से बात हो गई है,मेरा ट्रांसफर रूक गया है!
विनोद काशिव की खास रिपोर्ट
Administrative Misconduct: छत्तीसगढ़ में इसे प्रशासनिक कदाचरण की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा कि एक बाबू स्तर का सरकारी मुलाजिम अपने कलेक्टर को पत्र लिखता है और कहता है कि ‘मेरी सचिव से बात हो गई है, मेरा ट्रांसफर रुक गया है।’
जबकि, ट्रांसफर रुकने का न कोई आदेश निकला है, ना कोई निर्देश मिले और न ही कुछ मौखिक ही कहा गया।
छत्तीसगढ़ में इसे अजब गजब ही कहा जाएगा। यह खबर प्रदेश के कोई छोटे-मोटे जिले की नहीं है मुख्यमंत्री के जिले से जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री साय के जशपुर जिले में बगीचा नगर पंचायत में सहायक वर्ग 2 का एक बाबू प्रभारी अधिकारी के रूप में पदस्थ है। पिछली 26 दिसंबर को एक आदेश निकलता है जिसमें इस प्रभारी नगर पंचायत अधिकारी को अपने मूल पदस्थापना सहायक वर्ग 2 में पदस्थ किया जाता है।
बाबू इसे कहां मानने को तैयार था, आखिर मुख्यमंत्री के जिले का बाबू है,कोई मजाक थोड़ी है। अगर बाबू की बात को सही माना जाए तो उसने कलेक्टर को लिखकर सूचित कर दिया है कि मैंने सीधे सचिव से बात कर ली है। उसने बाकायदा कलेक्टर को लिखित सूचना दे दी कि उसकी बात सचिव महोदय से हो गई है और उसका ट्रांसफर कैंसिल हो गया है यानी अब वह यहां से नहीं जाएगा।
छत्तीसगढ़ तो क्या देश के किसी भी राज्य में यह अपने तरह की बिरली और पहली घटना शायद होगी जब बाबू कलेक्टर को अपने ट्रांसफर रुकने की सूचना दे और वो भी विभागीय सचिव का हवाला देते हुए। इस खबर से ब्यूरोक्रेसी भी स्तब्ध है। सचिव को अगर इस बारे में कोई निर्देश कलेक्टर को देना होता तो वे खुद भी दे सकते थे। जशपुर कलेक्टर उनसे 10 साल जूनियर हैं। इसे तो यही माना जाएगा कि एक बाबू स्तर का प्रभारी सीएमओ, सचिव के नाम पर कलेक्टर पर धौंस जमा रहा हैं।
बहरहाल, नए सीएमओ ने ज्वाईन कर लिया है मगर यह बाबूनुमा सीएमओ, जिसका नाम मुद्रिका प्रसाद तिवारी है, चार्ज देने को तैयार नहीं है और बार-बार कह रहा है कि सचिव महोदय ने उनका स्थानांतर कैंसिल कर दिया है। नगर पालिका बगीचा में इसको लेकर रोज तमाशा चल रहा है लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार को इस फजियत से कोई लेना-देना नहीं।
बता दे कि छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन विभाग ने 26 दिसंबर 2024 को दो अलग-अलग ट्रांसफर आदेश निकाले। एक में 21 और दूसरे में 6 सीएमओ के नाम थे।
इसी आदेश के तहत जशपुर के बगीचा नगर पंचायत में सहायक ग्रेड-2 मुद्रिका प्रसाद तिवारी को सीएमओ बनाया गया था, अब उनकी जगह राजस्व उप निरीक्षक क्षितिज सिंह को अपाइंट किया गया है। वैसे राजस्व उप निरीक्षक का काम नगर पालिका में राजस्व वसूली का होता है लेकिन छत्तीसगढ़ में हालात यह है कि राजस्व उप निरीक्षकों को सीएमओ बनाया जा रहा है।
चार्ज को लेकर तमाशा
26 दिसंबर 2024 के आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि मुद्रिका तिवारी को सीएमओ से हटाकर सूरजपुर नगर पंचायत में सहायक ग्रेड-2 के मूल पद पर सात दिवस के भीतर ज्वाईन करना है। उनकी जगह कोतमा से क्षितिज सिंह को नया सीएमओ बनाया गया। मगर आदेश निकले कोई 20 दिन हो गए, मुद्रिका तिवारी कुर्सी छोड़ने तैयार नहीं हैं। उधर, क्षितिज सिंह ने 2 जनवरी को बगीचा पहुंचकर कागजों में अपनी ज्वाईनिंग दे दी। मगर तिवारी नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव की चर्चा का हवाला देते हुए उन्हें प्रभार दे नहीं रहे। इसको लेकर बगीचा में खूब तमाशा हो रहा है।