FIR Against Actors for Fraud : अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े समेत 7 पर फ्रॉड के आरोप में एफआईआर!

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FIR Against Actors for Fraud : अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े समेत 7 पर फ्रॉड के आरोप में एफआईआर!

 

यह क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी इंदौर में रजिस्टर्ड, सोनीपत में भी मामला दर्ज हुआ!

 

Lucknow : यहां के गोमती नगर थाने में फ़िल्म अभिनेता आलोक नाथ, श्रेयस तलपड़े और एक क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के 5 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में कहा गया कि 7 आरोपियों ने कथित तौर पर 45 निवेशकों से ₹9.12 करोड़ ठगे। इन दोनों बॉलीवुड अभिनेताओं और 11 अन्य लोगों पर हरियाणा के सोनीपत में भी इसी मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले में मामला दर्ज किया गया था। मामला एक कोऑपरेटिव सोसायटी से जुड़ा है, जो लाखों लोगों से करोड़ों रुपए इकट्ठा करके अचानक गायब हो गई। यह सोसायटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड थी।

यह सोसायटी पिछले 6 साल से लोगों से पैसा इकट्ठा कर रही थी। लेकिन, जब लोगों ने अपना पैसा वापस मांगा तो इसके निदेशक फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक इन दोनों अभिनेताओं ने इस सोसायटी की निवेश योजनाओं का प्रचार किया था। जबकि, एक अन्य अभिनेता सोनू सूद भी इसके एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी’ नाम की इस संस्था ने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में अपना कारोबार शुरू किया था। यह सोसायटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड थी और मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी एक्ट के तहत काम कर रही थी। इस सोसायटी ने इनवेस्टर्स को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) स्कीम में निवेश करने और आकर्षक ब्याज दरों का लालच दिया।

 

इस सोसायटी की देशभर में 250 से अधिक शाखाएं

सोसायटी ने मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) का मॉडल अपनाया और लोगों को बड़े-बड़े प्रलोभन देकर पैसे जुटाए। धीरे-धीरे, सोसायटी ने खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में स्थापित किया और निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा। सोसायटी से जुड़े एजेंट ने बताया कि उन्होंने 1,000 से ज्यादा खाते खोले, लेकिन किसी भी खाते में अब तक पैसे नहीं आए।

इस सोसायटी की पूरे प्रदेश में 250 से ज्यादा शाखाएं थीं और करीब 50 लाख लोग इससे जुड़े थे। उन्होंने बताया कि एजेंटों के जरिए घर-घर जाकर लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। इस काम के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा सोसायटी ने होटलों में बड़े-बड़े आयोजन किए, जिसमें निवेशकों और एजेंटों को भरोसा दिलाया गया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन, किसी भी निवेशक को वादे के मुताबिक पैसे नहीं मिली और न उनका मूलधन वापस दिया गया।