Mahashivratri Special: नागराजाओं ने पत्थरों को काटकर बनाया था मंदिर, शिवरात्रि पर लगता है मेला

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Mahashivratri Special: नागराजाओं ने पत्थरों को काटकर बनाया था मंदिर, शिवरात्रि पर लगता है मेला

राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर हरपालपुर नगर के पास स्थित सरसेड़ छठवीं शताब्दी में नागराजाओं की राजधानी रहीं है। इस गांव में बना शिव मंदिर पहाड़ की गोद में स्थित है। जो पूरी तरह पत्थरों को काट कर बनाया गया हैं। भूतेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं का तांता लगता है।

नागराजाओं की आस्था विश्वास का प्रतीक अनोखा शिवमंदिर भले ही कोर्णांक व खजुराहों के मंदिरों की तरह प्रसिद्ध न हो पाया हो लेकिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कौतुहल और जिज्ञासा का केंद्र वर्षों से बना है।

सरसेड़ गांव में छठवीं शताब्दी में नागराजाओं की रियासत हुआ करती थी। नागराजाओं के काल में जो मंदिर मठ किले बनाए जाते थे उस में पत्थर का उपयोग किया जाता था। चुने का उपयोग नहीं होता था। सरसेड़ में स्थित भूतेश्वर महादेव के इस मंदिर का निर्माण नागराजा शांतिदेव के द्वारा कराने के प्रमाण इतिहास में मिलते हैं।

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गांव में किंदवंती हैं कि सूखा अकाल पड़ने पर राज्य की जनता त्राहि त्राहि कर उठी तो नागराजा शांतिदेव ने इस आपने राज्य की जनता को बचाने के लिए शिव उपासना की तो भगवान शिव ने स्वप्न में दर्शन दे कर कहा कि इस पहाड़ पर कहीं भी खोदो पानी ही पानी होगा। जिसका प्रमाण आज भी है। मंदिर के पास पहाड़ बने में पांच जल कुंड भीषण सूखे में भी पानी से भरे रहते हैं। वहीं इस मंदिर के पास एक गणेश मंदिर है। जिसके पास से एक गुफा अंदर की ओर जाती हैं। भूतेश्वर महादेव के मंदिर में दूरदराज आने वाले श्रद्धालु, शिवलिंग पर जलचढ़ा कर पूजा अर्चना करते हैं।

●ये है मंदिर की विशेषता..

भूतेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता है कि शिवलिंग के ऊपर विशाल चट्टान हैं। जो लोगों की मान्यता अनुसार प्रत्येक पांच वर्ष में एक इंच ऊपर उठती हैं। दर्शन को आने वाले श्रद्धालु पहले लेटकर शिवलिंग की परिक्रमा करते थे। आज के समय में श्रद्धालु बैठकर आराम से परिक्रमा कर लेते हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास स्थित पत्थर पर सूर्य भगवान की प्रतिमा है जो पत्थर को काट कर उकेरी गई है।

इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें शिव-पार्वती विवाह सहित रामलीला का आयोजन होता है। शिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ मंदिर में शिव दर्शन को उमड़ती है।