Stay on Demoting Order : नायब तहसीलदार को पटवारी पद पर डिमोट करने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक!

आगर-मालवा कलेक्टर के आदेश पर नया ट्विस्ट, अब कोर्ट को जवाब देना होगा!

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Stay on Demoting Order : नायब तहसीलदार को पटवारी पद पर डिमोट करने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक!

Ujjain : नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी को पदावनत कर फिर पटवारी बनाने के आदेश वाले मामले में नया मोड़ आ गया। हाईकोर्ट ने इस आदेश पर स्टे ऑर्डर दे दिया। इससे आगर मालवा कलेक्टर को झटका लगा, जिन्होंने शासन के निर्देश पर यह आदेश जारी किया था।

डिमोट किए गए नायब तहसीलदार चन्द्रवंशी ने कलेक्टर राघवेंद्रसिंह के आदेश को हाईकोर्ट में याचिका लगाकर चुनौती दी थी। हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ की सिंगल बैंच ने नायब तहसीलदार के डिमोशन पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सोमवार को यह आदेश जारी किया। इससे मामले में नया मोड़ आ गया है। चंद्रवंशी का दावा है कि उन्होंने अपने अधिकार के लिए यह आवाज उठाई है।


Naib Tehsildar to Patwari : शासन का कड़ा फैसला, नायब तहसीलदार को डिमोट कर पटवारी बना दिया!


मामले में शासन ने 11 फरवरी को एक आदेश जारी कर चंद्रवंशी को नायब तहसीलदार से पदावनत कर मूल पद पटवारी पर उज्जैन में पदस्थ कर दिया था। बताया गया कि इस कार्रवाई के पीछे चंद्रवंशी द्वारा 400 लोगों के राशन कार्ड बनाए जाना है। इस मामले में लोकायुक्त ने कलेक्टर आगर मालवा को पत्र लिखा था। इसे गंभीरता से लेकर आनन फानन में यह कार्रवाई की गई। जबकि, चंद्रवंशी ने इसे गलत बताते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने शिकायत की, उसके बारे में हाईकोर्ट ने एसपी आगर को कार्रवाई का आदेश दे रखा है।

मामला नीमच का, कार्रवाई आगर में
यह मामला नीमच का है, जबकि कार्रवाई आगर मालवा में की गई। दरअसल, चंद्रवंशी जब नीमच में पदस्थ थे, तब से यह मामला चला आ रहा है। उन्हें नायब तहसीलदार तो बना दिया गया, लेकिन नायब तहसीलदार को दिए जाने वाले अधिकार के तहत कोर्ट नहीं दी। उन्हें गाड़ी और सरकारी आवास की सुविधा भी नहीं दी गई।

नीमच जिले में आवास खाली होने पर भी नहीं मिला, तो उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी जुटाई और इसके आधार पर प्रधानमंत्री को शिकायत कर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इस पर कोर्ट ने चंद्रवंशी के पक्ष में निर्णय करते हुए आदेश पारित करने का आदेश भी दिया था। शासन ने 6 माह तक कोई कार्रवाई नहीं की, तो उन्होंने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी थी। यह याचिका अभी विचाराधीन है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी चंद्रवंशी की शिकायत पर एक पत्र 2020 में मुख्य सचिव को भेजा था। अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन राजेश कुमार कौल ने 10 फरवरी को आदेश जारी कर आगर मालवा कलेक्टर को निर्देश जारी कर चंद्रवंशी को डिमोट करने को कहा था। मामले में उज्जैन संभाग आयुक्त ने शासन को कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा था।

नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी के मुताबिक, यह सही है कि हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर स्टे ऑर्डर मुझे मिल गया है। इसके आधार पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।