

Neglect of Pensioners : वार्षिक बजट में साढे चार लाख पेंशनर्स की उपेक्षा से पेंशनर्स में आक्रोश!
Ratlam : प्रमुख पेंशनर्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री श्याम जोशी एवं श्री एच पी उरमलिया ने सरकार द्वारा 12 मार्च 2025 को प्रस्तुत किए गए विधानसभा बजट में राज्य के साढे चार लाख पेंशनर्स को खाली कटोरा को भरने का कोई भी प्रयास नहीं किया गया। जिससे ऐसा प्रतीत होता हैं कि सरकार राज्य के पेंशनर्स की उपेक्षा जारी रखते हुए उनका निरंतर शोषण करेगी। विशेष रूप से हमारी मांग रही हैं कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 धारा 49 (6) को विलोपित किया जाना चाहिए था। नंबर दो महंगाई राहत की राशि वर्ष 2019 से अभी तक जो विषम दिनांक से लागू की गई हैं उसके एरियर की राशि का भुगतान, 3 प्रतिशत डीए जुलाई 2024 से दिए जाने, छठवें सातवें पे-कमीशन का लाभ केंद्रीय कर्मचारियों के सामान दिए जाने जिसमें 32 माह तथा 27 माह का एरियर भी लंबित है।
पेंशनर्स को जिला चिकित्सालय द्वारा गुणवत्ता युक्त दवाइयां प्रदाय करने आदि पर सरकार के द्वारा बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया। जिससे राज्य के पेंशनर्स में वार्षिक बजट को लेकर गंभीर आक्रोश व्याप्त किया है। हम पुनः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय तथा मुख्य सचिव महोदय से प्रार्थना कर रहें हैं कि हमारी मांगों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
संगठन के पदाधिकारी महेश व्यास, एसएन सोढा, विश्वबंधु जोशी, कृष्ण सिंह राठौड़, कैलाश वाघेला, निर्मल पुरोहित, राजेंद्र सिंह चौहान, जीके शर्मा, आरसी चौहान, अमर वरधानी, सेलेन्द्र शितूत, एसएल गोड़, सुरेश माथुर, इलियास कुरैशी, अनीश खान, गफ्फार मंसूरी, अशोक पाल, एच आबेदिन, महेंद्र ओझा, दिनेश शर्मा, विजय यादव, दिलीप वर्मा, विपिन बोचरे, जोश चाको, दिनेश भटनागर, नरेन्द्र तिवारी, ओपी सक्सेना, एसएसडी शर्मा, जहिर एहमद मंसूरी, लालसिंह चौहान, आदि ने मांगो पर पुनर्विचार की मांग की हैं।