

Fraudster Transferred Money to Himself : ठग ने मोबाइल लेकर खुद को पैसे ट्रांसफर किए, बैंक में जॉब दिलाने के नाम से ठगी!
Indore : इन दोनों बदमाश ठगी के लिए नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। एक ठग ने फरियादी का मोबाइल लिया और फोनपे से खुद के खाते में रुपए ट्रांसफर कर लिए। बैंक में जॉब दिलाने की पोस्ट देखकर फरियादी की ठग से पहचान हुई थी। फरियादी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने 24 घंटे में आरोपी को पकड़ लिया।
फरियादी रमजान खान निवासी सांवेर रोड ने बाणगंगा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, कि एक मार्च को इंस्टाग्राम पर शुभम लोवंशी की आईडी पर नौकरी जॉब से संबंधित पोस्ट देखी थी। इस पर उसका (आरोपी) का मोबाइल नम्बर लिखा हुआ था। फरियादी ने इंस्टाग्राम पर चैटिंग की तो शुभम ने मेरा मोबाइल नंबर मांगा। मैंने अपना मोबाइल नंबर दे दिया। फिर शुभम का रात को कॉल आया। आरोपी शुभम ने कहा कि एसबीआई बैंक में केवायसी की जॉब है। उसकी बात सुनकर मैं जॉब करने को राजी हो गया।
हत्या के प्रकरण में 2 माह से फरार आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार!
फरियादी को राजबाड़ा पर बुलाया
आरोपी ने दूसरे दिन फरियादी को राजवाडा पर बुलाया। मेरा मोबाइल लेकर कुछ वेबसाइट ओपन की। कुछ देर बाद मोबाइल देकर कहा कि मेरे नंबर पर एक रुपए यूपीआई से ट्रांसफर कर दो। मैंने एक रुपया ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद आरोपी ने कहा कि अब तुम्हारा रजिस्ट्रेशन हो गया। आरोपी ने मेरा मोबाइल की वेबसाइट ओपन करने के नाम से लिया। इसके बाद मुझे पता ही नहीं चल सका और उसने मेरे फोनपे से 8200 और 5000 रुपए ट्रांसफर कर लिए।
बाद में डराने धमकाने लगा आरोपी
उसके बाद एक अन्य खाते में 1000 रुपए ट्रांसफर किए तो अकाउंट पैसे नहीं होने के कारण फैल्ड बता दिया। पता चलने पर मैंने कहा कि फोनपे क्यों किया, तो आरोपी डराने धमकाने लगा और बोला किसी को बताया तो अच्छा नहीं होगा। मामले में क्राइम ब्रांच ने आरोपी के खिलाफ धारा 318(4) का केस पंजीबद्ध किया था। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी शुभम लोवंशी निवासी कन्नौद जिला देवास को गिरफ्तार कर लिया।
कड़ाई से पूछताछ की जा रही
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि शुभम ट्रांजेक्शन के दौरान वीडियो बनाता था, जिससे उसे पिन कोड का पता चल जाता था। इसके बाद वह छात्रों से फॉर्म भरवाने के बहाने उनका मोबाइल लेता और उसी मोबाइल से बड़ी रकम अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने यह तरीका यूट्यूब पर वीडियो देखकर सीखा था। आरोपी ने 250 लोगों का व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा था, जहां वह नौकरी की झूठी पोस्ट डालता था और इच्छुक लोगों से संपर्क करता था। शुभम का टारगेट ऐसे छात्र होते थे, जो ज्यादा पढ़े-लिखे न हों, ताकि वे आसानी से उसकी बातों में आ जाएं और ठगी की वारदात को समझ न सकें।
ठगी के नए-नए तरीके खोजता
आरोपी शुभम बेहद शातिर है और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर नए तरीके से लोगों को धोखा दे रहा था। हमने उसके पास से कई मोबाइल और व्हाट्सएप चैट्स भी बरामद की है, जिनसे यह साफ होता है कि उसने कई युवाओं को अपना शिकार बनाया है।