यादें : क्या आपने भी कभी मिट्टी के खिलौने बनाए हैं?

331

यादें : क्या आपने भी कभी मिट्टी के खिलौने बनाए हैं?

अंजू शर्मा ,नयी दिल्ली
हमारे बचपन की एक याद है वे बंजारनें जो मिट्टी के, आग में पके बर्तनों वाले खिलौने लेकर आया करती थीं। इन दिनों जब गर्मियाँ अपना रंग दिखाने लगतीं बच्चे नई क्लास में चले जाते और परीक्षाओं से निजात पाकर आने वाली गर्मी की छुट्टियों के लिये नये नये खिलौने जुटाना चाहते थे तो गली में किसी बंजारन की आवाज़ गूंज उठती।
हम सब बर्तन में आटा भरकर बाहर गली में भागते। आटे के बदले हम उनसे छोटे मिट्टी के लाल गेरुआ रंग किये हुए खिलौने खरीदते जिन्हें आजकल टेराकोटा कहा जाता है।
mitti ke khilaune kaise banate hain👌 mitti kahan se layen🤔 miniature clay kitchen set
आटे की चक्की, परात, कढ़ाई, चकला बेलन आदि की खूब डिमांड होती पर इतने से मन नहीं भरता तो गर्मियों की दोपहरें छत के किसी छायादार कोने में हम खुद चिकनी मिट्टी से अपने मनपसंद बर्तन बनाने में जुट जाते।
मुझे याद है मुझे इतनी महारत हासिल हो गई थी कि सहेलियों के घर जाकर उनके खिलौने भी मैं ही बनाया करती थी। इन नन्हे चूल्हों और अंगीठी में आग सुलगाकर भी देखी जाती।
कितने प्रकार के मिट्टी के खिलौने बनाते है पोरा तिहार में कोई बता सकता है उनके नाम आज देखते है कौन कितना जानता है credit @geetanjalisin1 @cg_food_and_travel
किसी का स्टील का किचन सेट इस खेल में शामिल हो जाता तो सामूहिक रूप से खाना भी तैयार किया जाता। आजकल के बच्चे प्लास्टिक के बने किचन सेट में चम्मच हिलाकर नकली खाना बनाते और परोसते हैं उन्हें कहाँ मालूम है कि हमारी पीढ़ी इतनी एडवेंचरस थी कि हम लोग हर वो काम करते थे जिसकी हमसे उम्मीद नहीं होती।
आजकल के बच्चे चूल्हा, चक्की, ऊखल, सिलबट्टा, मटका जैसे खिलौने शायद ही पहचान पाएंगे क्योंकि आजकल के किचन सेट में प्लास्टिक की मिक्सी, कुकिंग गैस, वाटर प्यूरीफायर, फ्रिज शामिल हो गए हैं। विज्ञान की प्रगति और जीवनशैली में बदलाव का प्रभाव खिलौनों की दुनिया पर न पड़े ये स्वाभाविक भी तो नहीं है। वैसे भी उनकी क्रिएटिविटी के लिये अब मिट्टी नहीं उनका जुड़ाव रंग बिरंगी क्ले से है।
क्या आपने भी ऐसे कभी मिट्टी के खिलौने बनाए हैं? आप क्या क्या बनाते थे?
(तस्वीर प्रतीकात्मक है और इंटरनेट से ली गई है।)
अंजू की वाल से