
Krishi Mandi Scam : विदिशा की 3 कृषि उपज मंडियों में करोड़ों का गबन, 3 को जेल भेजा, जांच जारी!
Vidisha : कृषि मंडियों में अव्यवस्थाओं की खबरें सामने आती रहती हैं। इन्हें लेकर किसान तरह-तरह से विरोध जताते हैं। लेकिन, इस बार मामला अलग है। विदिशा जिले की 3 कृषि मंडियों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया। यह खुलासा कृषि मंडी के दस्तावेजों से हुआ। मामले में पुलिस ने कार्रवाई कर दो आरोपियों को जेल भेज दिया। विदिशा जिले की कुरवाई, लटेरी और गुलाबगंज तहसीलों की मंडियों में एक के बाद एक घोटाले उजागर हो रहे हैं।
आरोप है कि कुरवाई मंडी में 94 लाख, लटेरी मंडी में लगभग 61 लाख रुपए और गुलाबगंज मंडी में 75 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया। इन सभी मामलों में मंडी सचिव और अकाउंटेंट जैसे जिम्मेदार अधिकारी आरोपी बताए जा रहे हैं। जिन्होंने फर्जी खरीदी के जरिए सरकारी धन को चुना लगाया। मंडी प्रशासन ने इन मामलों की जांच तो शुरू की थी, लेकिन कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी रही। शिकायत दर्ज होने के दो-दो साल बाद एफआईआर दर्ज की गई और तब तक कई आरोपी फरार हो चुके थे।
गुलाबगंज मंडी में 75 लाख का गबन
गुलाबगंज मंडी में मंडी सचिव और अकाउंटेंट ने कागजों में हेराफेरी कर 75 लाख रुपए का गबन किया। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मामले में विदिशा मंडी सचिव नीलकमल ने बताया कि हमने जांच के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और दो को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। विशेष अंकेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के आधार पर मंडी निरीक्षक व प्रभारी सचिव कुलदीप लकड़ा और सहायक वर्ग-3 प्रभारी लेखापाल नितिन नरवरिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तत्कालीन सचिव कमल बगवैया फरार है। थाना गुलाबगंज में तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है।
लटेरी मंडी में 61 लाख की गड़बड़ी
लटेरी मंडी में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां तीन अधिकारियों पर 61 लाख 11 हजार 393 रुपए की फर्जी खरीद का आरोप लगाते हुए खुद मंडी सचिव पूरनलाल राज ने लटेरी थाने में मार्च में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें तत्कालीन मंडी सचिव ओमप्रकाश इमने, सहायक उप निरीक्षक शिवबहादुर सिंह और सहायक ग्रेड-3 विश्वनाथ धामडे के नाम शामिल हैं। इन तीनों ने अप्रैल 2023 में भोपाल स्थित मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधीक्षण इंजीनियर और संयुक्त संचालक के फर्जी स्वीकृति पत्रों के आधार पर लाखों की सामग्री की खरीद दिखाने का प्रयास किया। इस गड़बड़ी में गार्डन चेयर और इन्वर्टर की खरीद पर 5 लाख 79 हजार 657 रुपए, वाटर कूलर और आरओ पर भी इतनी ही राशि, जबकि 9 सीसीटीवी कैमरे, एलईडी और डीवीआर की खरीद पर 20 लाख 80 हजार 419 रुपए खर्च दिखाए गए।
इसके अलावा, 20 केवीए जनरेटर की खरीद पर 28 लाख 71 हजार 660 रुपए का भुगतान किया गया। इन सभी सामग्रियों के भुगतान के लिए भोपाल के जेएमडी इंटरप्राइजेस और देवांश कंप्यूटर एंड फोटोकॉपी हाउस से फर्जी बिल लगाए गए। सचिव पूरनलाल ने बताया कि तत्कालीन सचिव ओमप्रकाश इमने ने जानबूझकर इस गड़बड़ी को छिपाने का प्रयास किया। मामला गंभीर होने के कारण पुलिस अधीक्षक विदिशा से अनुमति लेकर थाना लटेरी में के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें धोखाधड़ी सहित कई धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
कुरवई मंडी के मामले में भी गिरफ्तारी
इसी साल जनवरी में कुरवाई कृषि उपज मंडी में भी बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। ऑडिट रिपोर्ट में 1 करोड़ 90 लाख 26 हजार 673 रुपए के गबन का मामला सामने आया था। पुलिस ने मंडी प्रभारी सचिव ओमप्रकाश इमने सहित चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने मंडी कोष से अनधिकृत तरीके से करोड़ों रुपए निकाले और नियमों को ताक पर रखकर मनमानी खरीदी की थी।
जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें रोकड़ बही में एंट्री न होना, तीन बार अग्रिम वेतन के नाम पर लाखों रुपए का हेरफेर और बिना वाउचर के सामग्री खरीद की गई थी। पुलिस मंडी प्रभारी सचिव ओमप्रकाश इमने, रिटायर्ड मंडी निरीक्षक करोड़ीलाल अहिरवार, खिलान सिंह रघुवंशी और साजिद मोहम्मद खान को गिरफ्तार कर चुकी है।
दस्तावेजों की हो रही जांच
पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि मंडी प्रशासन से मिली शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हमने दस्तावेजों की जांच की। तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से दो को गिरफ्तार किया जा चुका। साथ ही जांच में जो और आरोपी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा सभी मंडियों से दस्तावेज कलेक्ट किए जा रहे हैं। उन दस्तावेजों के आधार पर कोई धाराएं अगर बढ़नी होगी, तो वह भी बढ़ाई जाएगी।





