
Consumed Poison in Police Station : खंडवा में महिला ने थाने में जहर खाया, 3 महीने से लगा रही थी गुहार!
Khandwa : खंडवा जिले के ग्रामीण अंचल पिपलोद में एक बड़ी घटना सामने आई। एक महिला ने थाने में अपनी सुनवाई न होने से परेशान होकर थाना परिसर में ही जहर खा लिया। महिला के भाई का आरोप है कि जब पुलिस ने उनकी बहन को जहर खाते देखा, तो उसके हाथ से सुसाइड नोट और जहर की पुड़िया छीन ली। इसके बाद, जब महिला को एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया जा रहा था, तब पुलिस ने कोरे कागजों पर महिला और उसके भाई से साइन करवा लिए।
इस घटना के बाद महिला को तुरंत जिला अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। महिला के बयान लेने जिला अस्पताल पहुंचे पुलिस अधिकारी ने मामले में अपनी ओर से कोई बयान देने से मना किया। पिपलोद थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पिछले तीन महीनों से लगा रही थी गुहार
महिला का नाम निकिता है और वह पिपलोद थाना अंतर्गत ग्राम गोंदवाड़ी की निवासी है। निकिता की शादी 2015 में हुई थी, लेकिन कुछ साल बाद उसका पति दूसरी महिला के प्रेम में उलझ गया। इस वजह से पति-पत्नी में विवाद बढ़ा और उस दूसरी महिला ने भी अंकित के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करा दिया। इसके बावजूद, अंकित उस महिला से छिपकर संपर्क करता रहा, जिससे निकिता को घर में भी परेशान किया जाने लगा।

निकिता ने अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पिपलोद थाना में शिकायत की थी, लेकिन थाने में उसे बार-बार आश्वासन के अलावा कोई मदद नहीं मिली। पुलिस ने उसे यह कहकर टाल दिया कि मामला धारणी थाना का है। फिर निकिता को लगातार दूसरे थाने के चक्कर काटने पड़े। तीन महीने से अपने अधिकारों के लिए लड़ रही निकिता ने थाने में सुनवाई न होने पर सोमवार को आत्महत्या करने का कदम उठाया।
सुसाइड नोट और पुलिस की भूमिका पर सवाल
निकिता के भाई निखिल मालवीय का आरोप है कि जब महिला ने जहर खाया, तो पुलिस ने सुसाइड नोट और जहर की पुड़िया छीन ली। इसके बाद, पुलिस ने उन्हें और उनकी बहन को कोरे कागजों पर साइन करवा लिए। यह घटना पूरी तरह से पुलिस की लापरवाही और मानवीय दृष्टिकोण की कमी उजागर करती है। महिला के परिवार के लोग इस घटना के बाद अस्पताल पहुंचे।
घटना की जानकारी मिलने के बाद नायब तहसीलदार परवीन अंसारी भी अस्पताल पहुंची। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है, और पिपलोद थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। इस मामले को लेकर पुलिस के आला अधिकारी फिलहाल कोई भी बयान देने से बच रहे हैं।





