Transfer of Contract Workers : संविदा कर्मियों के स्थान परिवर्तन को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नई नीति जारी की!

देखिए, इस संबंध में जारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का जारी आदेश!

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Transfer of Contract Workers : संविदा कर्मियों के स्थान परिवर्तन को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नई नीति जारी की!

 

Bhopal : राज्य के संविदाकर्मियों को हटाया नहीं जाएगा, बल्कि अब इधर-उधर किया जा सकेगा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए नई व्यवस्था लागू की है। संविदा कर्मचारियों, अधिकारियों को नई जगह पर पदस्थापना के लिए वर्तमान स्थल पर पदस्थापना का अनुबंध समाप्त कर नई पदस्थापना का अनुबंध करना होगा। हालांकि, नई पदस्थापना के लिए उन्हें भत्ता और छुट्‌टी का लाभ नहीं मिलेगा। विभाग ने संविदा कर्मचारियों, अधिकारियों के तबादलोें की इस प्रक्रिया को स्थान परिवर्तन का नाम दिया है। जिले में कार्यरत संविदा कर्मचारियों में से केवल 10 प्रतिशत को ही स्थान परिवर्तित किया जा सकेगा।

प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य में कार्यरत संविदा कर्मियों के स्थान परिवर्तन को लेकर एक नई नीति जारी की है। अब संविदा कर्मियों का स्थानांतरण नियम के अनुसार तय प्रक्रिया और शर्तों के अंतर्गत किया जा सकेगा। विभाग ने यह कदम संविदा कर्मियों के कार्यस्थल परिवर्तन को लेकर बढ़ती मांगों और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है।

नई नीति के अनुसार स्थान परिवर्तन केवल रिक्त पद की उपलब्धता पर किया जाएगा। स्थानांतरण के साथ पूर्व संविदा अनुबंध समाप्त कर नए स्थान पर नया अनुबंध करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही एक बार स्थान परिवर्तन के बाद अगले पांच वर्षों तक पुनः स्थान परिवर्तन संभव नहीं होगा। सामान्य प्रशासन विभाग की स्थानांतरण नीति के तहत ही यह प्रक्रिया तय समय में की जाएगी।

जिले के भीतर और अंतर जिला स्थानांतरण की शर्तें
1 मई से 30 मई तक जिले के भीतर स्थानांतरण की अनुमति दी गई है, जिसकी प्रक्रिया कलेक्टर और प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से होगी। वहीं, अंतर जिला स्थानांतरण केवल विवाहित, विधवा, तलाकशुदा महिलाएं, गंभीर बीमारियों से पीड़ित कर्मी या परस्पर सहमति वाले कर्मियों के लिए संभव होगा।

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भत्ते और अवकाश पर रोक
स्थान परिवर्तन के दौरान किसी भी प्रकार के यात्रा भत्ते या अवकाश की पात्रता नहीं दी जाएगी। यह व्यवस्था विभाग की कार्यकुशलता बढ़ाने के साथ-साथ अनुशासन कायम रखने के लिए लागू की गई है।