
Delhi-Mumbai Expressway : अक्टूबर 2025 तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के आसार नहीं!
निर्माण के बाद इस मार्ग का जो हिस्सा शुरू हुआ, वहां चलने वालों के लिए कोई सुविधा नहीं!
वरिष्ठ पत्रकार ऋतुराज बुड़ावनवाला की रिपोर्ट
Khachrod (Ujjain) : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ माह पूर्व राज्यसभा में गुजरात से भाजपा सांसद नरहरि अमीन को एक लिखित जवाब में बताया था कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण अक्टूबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। 2019 से निर्माणाधीन इस एक्सप्रेस-वे के पूरी तरह चालू होने की तारीख लगातार बढ़ती रही है।
उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों से होकर गुजरने वाले देश के सबसे लंबे (1386 किलोमीटर लंबे) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पूरी तरह शुरू होने का इंतजार कई लोगों को है। मध्य प्रदेश और गुजरात के मध्य निर्माणाधीन स्थल कार्यरत मजदूरों, ट्राला एवं जेसीबी चालकों से हुई बातचीत, निर्माणाधीन कार्य की गति और मौजूदा शिथिल पड़े अधूरे काम को देखकर इस साल अक्टूबर तक इसके पूरा होने के आसार धरातल पर तो नजर नहीं आए।

राजस्थान के कोटा और दारा के बीच एक 5 किलोमीटर की सुरंग के पूरा होने पर एक्सप्रेस-वे पर सबसे बड़ी 8-लेन सुरंग होगी। इसके निर्माण के साथ ही,अन्य जगहों पर भी काम जारी है। कोटा से दिल्ली के लिए सीधे मार्ग की उम्मीद लिए यात्रियों को इंतजार करना पड़ सकता है। पैकेज नंबर 10 के नाम से जाना जाने वाला लाबनम और सवाई माधोपुर के बीच के हिस्से में लाइनिंग, मरम्मत और फिनिशिंग का काम चल रहा है।
269 किमी के खंड का सफर मुश्किलों भरा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर राजस्थान के कोटा जिले के चेचट से मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के टिमरवानी (थांदला) तक के शुरू हुए 269 किलोमीटर के खंड का यह सफर मुश्किलों भरा है। एनएचएआई ने यात्रियों को अभी तक आवश्यक सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई है। रेस्ट एवं सर्विस एरिया जहां पर हॉस्पिटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, फ्यूल तथा मैकेनिक जैसी सुविधाएं होना चाहिए, वह चालू ही नहीं हुई। ऑयल कॉरपोरेशन ने भी तक पेट्रोल पंप स्थापित नहीं किए। इस बारे में ऑयल कॉर्पोरशन का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर अभी वाहनों की संख्या नहीं बढ़ी।

न पेट्रोल पंप, न मैकेनिक, न जलपान व्यवस्था
जहां पर पेट्रोल पंप स्थापित होने हैं, उन रेस्ट एरिया का निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है। लंबी दूरी के यात्रियों को फ्यूल भरवाने के लिए इंटरचेंज से बाहर निकलना पड़ता है। वाहन में किसी भी तरह की समस्या आ जाने पर मैकेनिक सुविधा के अभाव में वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राजस्थान के चेचट से मध्य प्रदेश के टिमरवानी (थांदला /झाबुआ) तक की 269 की दूरी को पार करने में कार या एसयूवी को 3 घंटे तथा हैवी लोडिंग वाहन को 5 घंटे का समय लगता है। रास्ते में यात्रियों को रेस्ट एवं सर्विस सुविधाओं के चालू नहीं होने से कहीं भी जलपान उपलब्ध नहीं होता।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा बनाए जा रहे इस एक्सप्रेस-वे के राजस्थान के चेचट इंटरचेंज से कोटा, रावतभाटा, मोइक व एनएच 52, निमथुर इंटरचेंज से भवानी मंडी, नीमच, भानपुरा और झालावाड़, गरोठ टोल से उज्जैन मंदसौर और शामगढ़, धलावादा से सीतामऊ होकर मंदसौर, भूतेड़ा (जावरा) इंटरचेंज से उज्जैन और जावरा, नामली इंटरचेंज से रतलाम और इंदौर ,धामनोद इंटरचेंज से रतलाम और बांसवाड़ा, थांदला इंटरचेंज से झाबुआ का सफर फ़िलहाल किया जा सकता हैं।





