मध्यप्रदेश सरकार ने माना है कि कोरोना नियंत्रण में है, इसलिए बसंत ऋतु के आगमन पर शादियों में 250 संख्या के प्रतिबंध से मुक्ति दी जाती है। अब घराती-बाराती, बैंड-बाजा, व्यवहारी सहित जितनी चाहो शादी में भीड़ जुटाओ। बसंत पंचमी का सरकारी बंपर गिफ्ट मानकर खुशियां तो जी भरकर मनाना, पर यह भी याद रखना कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है सो सावधानी भी बरतना है। शादी में भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर के उपयोग का दिल से पालन करना है। वरना बाद में दोष मत देना कि “मामा” ने ही तो ढिलाई दी थी, इसलिए कोरोना बढ़ गया। खुशियों में भरपूर संख्या में भीड़भाड़ की छूट है लेकिन सनद रहे कि मातम मनाने की नौबत न आ पाए। इसकी जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ वर-वधू पक्ष के जिम्मेदार परिवारों को भी लेनी होगी।
बसंत पंचमी खुशियां लाने वाला त्यौहार है। 1965 में रिलीज हुई फिल्म राजा और रंक का एक प्रसिद्ध गीत है। मो. रफी और लताजी ने गाया है, आनंद बख्शी का गीत हैै, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल का संगीत है। बोल हैं संग बसंती अंग बसंती रंग बसंती छा गया, मस्ताना मौसम आ गया। धरती का है आंचल पीला झूमे अम्बर नीला-नीला, सब रंगों में है रंगीला रंग बसंती, संग बसंती अंग …। इसका अंतिम स्टैंजा बहुत प्यारा है। हो सुन लो देशवासियों, हो सुन लो देशवासियों, आज से इस देश में छोटा-बड़ा कोई न होगा सारे एक समान होंगे, सुन लो देशवासियों कोई न होगा भूखा-प्यासा पूरी होगी सबकी आशा। सबसे अंत में झूमो नाचो गाओ बाजे संग बसंती,संग बसंती अंग …। तो बसंत पंचमी पर छोटे-बड़े का भेद भी मिटे और समानता का भाव सबमें पैदा हो। सबकी आशाएं पूरी हों और कोई भूखा-प्यासा न रहे हमारे देश में और न ही पूरी दुनिया में। चीन-पाक की बुरी नजर न लगे खुशियों को और हमारी बसंत पंचमी को।
बसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। राजा भोज का जन्मदिवस बसंत पंचमी को ही आता है। राजा भोज इस दिन एक बड़ा उत्सव करवाते थे जिसमें पूरी प्रजा के लिए एक बड़ा प्रीतिभोज रखा जाता था जो चालीस दिन तक चलता था। तो धार में भोजशाला में मां सरस्वती का पूजन खुशी-खुशी हो और पांच राज्यों में मतदाता बिना किसी प्रलोभन में आए अपने मन की सरकारें चुनकर देश के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज अदा करें। फिर उसी बात का ख्याल रखें कि शादी में भीड़भाड़ जुटेगी तो हम लापरवाही करते हैं। खुशियां मनाएं पर सावधानी बरतें, मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें और सेनेटाइजर को साथ रखें ताकि मातम मनाने की नौबत न आ सके। क्योंकि कोरोना से नौ मौत दर्ज की गई हैं, इसमें इंदौर-भोपाल सहित अन्य जिले शामिल हैं। तो बसंत पंचमी के पावन अवसर से विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों में अतिथियों की संख्या का प्रतिबंध हटाया जा रहा है, लेकिन बाकी सभी जगह प्रतिबंध पहले की तरह यथावत है।