
मध्यप्रदेश फर्म्स एवं संस्थाएं में सीधी भर्ती के पदों पर अब 73 फीसदी आरक्षण, अनारक्षित वर्ग के लिए केवल 27 फीसदी पद
भोपाल: मध्यप्रदेश में अब मध्यप्रदेश फर्म्स एवं संस्थाएं में सीधी भर्ती के पदों पर अब 73 फीसदी पद आरक्षित कर दिए है केवल 27 फीसदी पदों भर होंने वाली भर्ती अनारक्षित वर्ग के लिए रहेगी।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने इसके लिए मध्यप्रदेश फर्म्स एवं संस्थाएं सेवा भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया है। सीधी भर्ती के लिए उपलब्ध पदों में से सोलह प्रतिशत पद अनुसूचित जातियों, बीस प्रतिशत पद अनुसूचित जनजातियों और सत्ताईस प्रतिशत पद अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित रहेंगे।राज्य के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस के लिए दस फीसदी आरक्षण रहेगा। इस आरक्षण का लाभ उन्हीं अभ्यर्थियों को दिया जाएगा जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति औ अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण की परिधि में नहीं आते है।
इस आरक्षण में भी सीधी भर्ती के समस्त पदों पर वन विभाग को छोड़कर पैतीस प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे यअ आरक्षण क्षैतिज और प्रभागवार होगा। इस संबंध में आरक्षण के उपबंध राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार आरक्षण के उपबंध लागू होंगे।
पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए पांच साल सेवा जरुरी-
पदोन्नति से भरे जाने वाले पंजीयक के पद के लिए अब पांच साल प्रथम श्रेणी उप पंजीयक पद पर काम करना जरुरी होगा। वहीं उप पंजीयक के पद पर पदोन्नति के लिए सहायक पंजीयक के पद पर द्वितीय श्रेणी के पद पर पांच साल का अनुभव जरुरी होगा। निरीक्षक और अधीक्षक को सहायक पंजीयक बनने के लिए पांच वर्ष इस पद पर काम करना जरुरी होगा। स्टेनोग्राफर जो दस साल इस पद पर काम कर चुके है उन्हें सहायक पंजीयक के पद प पदोन्नत कर दिया जाएगा।प्रथम श्रेणी के पदों पर कार्यरत अधिकारियों की पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति में मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे जबकि द्वितीय श्रेणी के पदों पर पदस्थ अधिकारियों की पदोन्नति के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनके द्वारा नामित अधिकारी विभागीय पदोन्नति समिति का अध्यक्ष होगा।





