US Banned Entry of Nationals From 12 countries: अमेरिकी सरकार ने 12 देशों के नागरिकों के आने पर प्रतिबंध लगाया!

यह प्रतिबंध 9 जून से लागू होगा, 7 देशों के नागरिकों पर आंशिक रोक भी लगाई!

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US Banned Entry of Nationals From 12 countries: अमेरिकी सरकार ने 12 देशों के नागरिकों के आने पर प्रतिबंध लगाया!

Washington : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 12 देशों के लोगों के अमेरिका आने पर पूरी तरह से रोक लगा दी। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका की सुरक्षा और लोगों की जान की हिफाजत के लिए जरूरी है। यह बैन 9 जून से लागू हो रहा है। इसके अलावा 7 देशों के नागरिकों पर आंशिक रोक भी लगाई है। ये इमिग्रेशन और नॉन-इमिग्रेशन दोनों तरह के वीजा पर लागू होगी।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को ऐसे विदेशी नागरिकों से सुरक्षित रखना जरूरी है जो आतंकवादी हमले करने, राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने, नफरत फैलाने या इमिग्रेशन कानूनों का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।

प्रतिबंधित 19 देश
पूरी तरह प्रतिबंधित 12 देश हैं अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, कांगो, लीबिया, सोमालिया, चैड, सूडान, गिनी, हैती, इक्वाटोरियल और यमन। इसके अलावा सात अन्य देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है। इन देशों में क्यूबा, बुरुंडी, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला, लाओस, टोगो और सिएरा लियोन शामिल हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक पूर्ण बैन का मतलब है कि उस देश के अधिकतर नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है। इनमें टूरिस्ट वीजा, स्टूडेंट वीजा, वर्क वीजा और इमिग्रेंट वीजा चाहने वाले लोग शामिल होते हैं। वहीं आंशिक बैन का मतलब है कि उस देश के नागरिकों पर कुछ खास प्रकार के वीजा या एंट्री पर रोक लगाई जाती है, बाकी पर नहीं। यानी इमिग्रेंट वीजा नहीं मिलेगा, लेकिन टूरिस्ट वीजा मिल सकता है। स्टूडेंट्स को परमिशन मिलेगी, लेकिन वर्क वीजा पर रोक रहेगी।

वीजा जारी करते समय सावधानी रखें
ट्रम्प ने दूसरे देशों के नागरिकों को वीजा जारी करते वक्त सावधानी बरतने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि वीजा जारी करते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे लोग अमेरिका न आ सके, जो अमेरिकियों या देश के हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

ट्रम्प ने कहा
इमिग्रेशन वीजा पर आने वाले लोग स्थायी निवासी बन जाते हैं, इसलिए उनकी जांच ज्यादा जरूरी और कठिन होती है। सुरक्षा को खतरा होने पर भी इन लोगों को निकालना मुश्किल होता है। दूसरी तरफ नॉन-इमीग्रेशन वीजा पर आने वालों की जांच कम होती है। इसलिए जिन देशों में पहचान और जानकारी शेयर करने से जुड़ी व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं, वहां से आने वालों पर रोक लगाना जरूरी है।

2017 में 7 मुस्लिम बहुल देशों पर बैन लगाया था
ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में एक ट्रैवल बैन लगाया था, जिसे अक्सर मुस्लिम बैन कहा जाता है। इसमें ज्यादातर मुस्लिम बहुल देशों को शामिल किया गया था। जनवरी 2017 में जारी किए आदेश के मुताबिक शुरुआती प्रतिबंध में जिन 7 देशों पर पूरी तरह से अमेरिका आने पर रोक लगाई गई थी।

उनमें ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन शामिल थे। बाद में इसमें बदलाव किए गए। पहले इराक को इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया। बाद में सूडान को हटाकर उसकी जगह चाड को जोड़ा गया। फिर नॉर्थ कोरिया और वेनेजुएला जैसे गैर-मुस्लिम देशों को भी शामिल किया गया, ताकि इसे धार्मिक भेदभाव वाला न कहा जा सके।

आतंकवाद को रोकने को लिए प्रतिबंध जरूरी
ट्रंप ने आतंकवाद को रोकने के लिए इन प्रतिबंधों को जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध इसलिए भी जरूरी हैं, ताकि विदेशी सरकारों से सहयोग मिल सके, इमिग्रेशन कानूनों को लागू किया जा सके और राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और आतंकवाद विरोधी कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके। आदेश में अफगानिस्तान को लेकर बताया गया है कि वहां तालिबान का नियंत्रण है, जो एक आतंकवादी समूह है और पासपोर्ट या नागरिक दस्तावेज जारी करने के लिए कोई सक्षम या सहयोगी सरकार नहीं है। साथ ही, वहां उचित जांच-परख के तरीके भी नहीं हैं।

आदेश के मुताबिक म्यांमार पर रोक की वजह है कि वहां के लोग वीजा एक्सपायर होने के बाद भी अमेरिका में रुके रहते है। रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार से B1/B2 वीजा पर वाले 27.07% और F, M, J वीजा पर आने वाले 42.17% लोग तय वक्त से ज्यादा रुकते हैं। इसके अलावा, म्यांमार ने अमेरिका से निकाले गए नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं किया है।