Road Accidents in Indore : सड़क हादसों में 135 दिन में 117 की मौत, 1133 घायल भी हुए, पूर्वी क्षेत्र में हादसे ज्यादा!

पांच से अधिक फ्लायओवर ब्रिज, चौड़ी सड़कों के बाद भी हादसों पर अंकुश नहीं!

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Road Accidents in Indore : सड़क हादसों में 135 दिन में 117 की मौत, 1133 घायल भी हुए, पूर्वी क्षेत्र में हादसे ज्यादा!

Indore : शहर में ट्रैफिक नियंत्रित करने के लिए कई तरह के प्रयोग हो रहे और ट्रैफिक पुलिस भी अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही है। इसके बावजूद सड़क हादसों में कोई कमी नहीं आ रही। शहर में पांच से अधिक नए फ्लायओवर ब्रिज बनाए गए। निगम ने करोड़ों रुपए सड़कों के चौड़ीकरण पर खर्च कर दिए। ट्रैफिक पुलिस भी वाहन चालकों को नियमों का पालन कर हादसे से बचाने की सीख दे रही है। इसके बावजूद हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

एक जनवरी से 15 मई 2025 तक (करीब 135 दिन में) 117 वाहन चालकों की हादसे में मौत हुई, जबकि 1133 चालक घायल हुए हैं। पिछले साल इतने ही दिनों में 106 की मौत, 1081 घायल हुए थे। वर्ष 2024 की अपेक्षा चालू वर्ष में सड़क सुरक्षा को लेकर कई काम किए गए हैं। फिर भी हादसों का आंकड़ा बढ़ना चिंता का विषय है।

जानकारी के मुताबिक, अधिकांश हादसे पूर्वी क्षेत्र में रिंगरोड, बायपास, सर्विस रोड और अन्य मार्गों पर हुए हैं। इसी क्षेत्र में ट्रेफिक पुलिस 16 ब्लैक स्पाट भी चिन्हित कर चुकी है। ब्लैक स्पाटों को दुरुस्त करने ट्रैफिक पुलिस संबंधित निर्माण एजेंसियों को पत्र लिख चुकी है। इसके उलट, पश्चिम क्षेत्र में कम संख्या में फ्लायओवर ब्रिज है, लेकिन वहां हादसों का आंकड़ा नगण्य है। पश्चिम क्षेत्र में फूटीकोठी, लवकुश चौराहा, राजकुमार मिल, माणिक बाग, भंडारी मिल ब्रिज आदि शामिल है।

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यहां बने हैं फ्लायओवर ब्रिज

पूर्वी क्षेत्र में खजराना, भंवरकुआ, नवलखा पर ब्रिज हैं। वर्तमान में देवास नाका पर फ्लायओवर ब्रिज और फोनिक्स मॉल बायपास पर थ्री लेयर ब्रिज का काम चल रहा है। बिचौली मर्दाना पर भी ब्रिज बनाया जाएगा। बढ़ते हादसों का कारण यह भी है कि शहर के पूर्वी क्षेत्रों में होटल, मॉल्स, होस्टल, कॉलेज, पब आदि हैं। भारवाहक वाहन भी इसी क्षेत्र से शहर में आवाजाही करते हैं। रात को दोपहिया और चार पहिया वाहन चालक तेज गति से वाहन चलाते हैं, जिससे हादसों के शिकार होते हैं। ड्रिंक एंड ड्राइव में कई लोग हताहत हो चुके हैं।

सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्वी क्षेत्र) मनोज कुमार खत्री ने कहा कि ब्लैक स्पाटों को खत्म करने निर्माण एजेंसियों को पत्र लिखे हैं। हादसे रोकने पुलिस अपने स्तर पर समझाइश भी दे रही है।