
Met Women Prisoners of Central Jail : राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सेंट्रल जेल की महिला कैदियों से मिली, सुधार कार्यों की जानकारी ली!
महिला कैदियों को लेकर आयोग के भविष्य के कार्यक्रमों के बारे में मीडिया को जानकारी दी!
Indore : सेंट्रल जेल में लगातार महिला और पुरुष बंदियों के लिए सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि जेल से रिहा होने के बाद वे अपना बचा जीवन बेहतर ढंग से निर्वहन कर सकें। बंदियों के कार्यों और उनकी सुविधाओं को देखने कई अधिकारी जेल का निरीक्षण करते हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ अर्चना मजूमदार ने जेल अधीक्षक अलका सोनकर के साथ निरीक्षण किया।
इस दौरान महिला आयोग की सदस्य ने महिला बंदियों से उनके पूर्व तथा वर्तमान सुधार की प्रवृत्तियों पर बातचीत की। जेल अधीक्षक ने आयोग की सदस्य को महिला बंदियों के लिए किया जा रहे सुधारात्मक उपाय, विधिक सहायता और सुविधाओं के बारे में अवगत कराया। सदस्य को महिला बंदियों के कौशल विकास के लिए संचालित हैंडलूम प्रशिक्षण केंद्र, हैंडलूम छपाई केंद्र का निरीक्षण कराया। महिला बंदियों तैयार किए गए हैंडीक्राफ्ट सदस्य को उपहार स्वरूप दिया गया। विधिक सहायता प्राधिकरण के सदस्यों भी इस दौरे में उनके साथ रहे।

डॉ अर्चना मजूमदार ने कहा कि देश में विभिन्न जगहों पर काउंसलिंग सेंटर खोले जाएंगे, जहां पर शादी से पहले महिला और पुरुष में किस तरह की समानता है उसको चेक किया जाए। उन्होंने कहा कि यह काम प्रक्रिया में है, जल्द ही ये सेंटर काम करना शुरू कर देंगे। मुस्कान और सोनम जैसी वारदात पर उनका कहना था कि इस पर बोलने का कोई फायदा नहीं है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने जेल में महिलाओं की स्थिति और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज जेल में महिलाओं की स्थिति क्या है और उन्हें किस तरह की सुविधाएं दी जा रही, इसे लेकर जेल का निरीक्षण किया है। इससे पहले हमने उज्जैन जेल का भी दौरा किया था। दोनों ही जेल में काफी अच्छी व्यवस्था है, लेकिन दोनों जेलों में कुछ खामियां भी नजर आई। उसे लेकर हमने जेल प्रबंधक को लिखा है।
90% महिला कैदी घरेलू हिंसा के कारण जेल में
दोनों जेलों में 90% महिलाएं घरेलू हिंसा के मामलों में बंद हैं। जेल में हर तरह के कैदी रहते हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के सामने आ रहे हैं। इसमें हमें क्या कार्रवाई करनी है, ताकि उन्हें यहां तक पहुंचने से पहले रोका जा सके। उसके लिए क्या प्रयास करना चाहिए, चर्चा करना चाहिए। यह चर्चा काफी जरूरी है।

काउंसलिंग सेंटर खोलेगा राष्ट्रीय महिला आयोग
राष्ट्रीय महिला आयोग देशभर में केंद्र खोलने जा रहा है। इसमें शादी के इच्छुक युवक, युवतियों की काउंसलिंग कराएंगे। वहां देखेंगे कि उनकी मानसिकता, उनकी सोच और एक दूसरे को बर्दाश्त करने का मेल है कि नहीं। अगर नहीं है, तो शादी के 2 साल बाद वही होगा जो हम देख रहे हैं। शादी के बाद कोई भी नहीं सोचता कि मर्डर करें और जेल में रहें। इस तरह की घटनाओं को रोकना सामाजिक रूप से हम सबकी जिम्मेदारी है। इसके लिए जो कुछ भी करना है राष्ट्रीय महिला आयोग करेगा।
साइकोथैरेपी की कार्यशाला का आयोजन होगा
डॉ मजूमदार ने कहा कि हमने जेल में बंद कुछ महिलाओं से बात की। महिलाओं में इस तरह के कृत्य करने की हिम्मत कहां से आ रही है, इसको समझाना पड़ेगा। इसे लेकर जेल के अंदर साइकोथैरेपी सहित तमाम तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस बारे में सेंट्रल जेल को लिखा गया है।





